Last Updated:August 01, 2025, 21:19 IST
Safety Tips for buying property in festive season: अगर आप त्यौहारों के सीजन में ऑफर्स और डिस्काउंट के चक्कर में प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहे हैं तो कहीं फ्रॉड बिल्डरों के चक्कर में न फंस जाना. रेरा एक...और पढ़ें

हाइलाइट्स
प्रॉपर्टी खरीदते समय RERA रजिस्ट्रेशन जांचें.डिलीवरी टाइमलाइन और लेट पेनल्टी की जानकारी लें.एग्रीमेंट ऑफ सेल पढ़ें, समझें, और तभी साइन करें.Festive season property offers and frauds: त्यौहारों का मौसम भारत में न केवल खुशियों और रौनक का समय होता है, बल्कि इस सीजन में प्रॉपर्टी बाजार भी चमकने लगता है. इस सीजन में बिल्डर और डेवलपर्स खरीदारों को लुभाने के लिए तमाम आकर्षक छूट, ऑफर्स और फ्री गिफ्ट्स की भरमार कर देते हैं. यही वजह है कि लोग भी त्यौहारों पर फ्लैट, जमीन और घर खरीदने के लिए उतावले रहते हैं. लेकिन इस जोश में कहीं होश न खो जाए और आपकी जीवन भर की जमा पूंजी कहीं फ्रॉड बिल्डरों की जेब में न चली जाए, इसके लिए कुछ चीजों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और रेरा विशेषज्ञ वेंकट राव से जानते हैं सेफ्टी टिप्स, ताकि त्यौहारी ऑफर्स के पीछे छिपे जोखिमों को समझ सकें भविष्य में कोई दिक्कत न आए.
1. RERA रजिस्ट्रेशन की जांच करें
सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि प्रोजेक्ट रेरा (RERA – Real Estate Regulatory Authority) में पंजीकृत है या नहीं. बिना रेरा रजिस्ट्रेशन वाले प्रोजेक्ट में निवेश करना कानूनी रूप से गलत है और इससे आपका पैसा फंस सकता है.
RERA नंबर को राज्य की RERA वेबसाइट पर जाकर वेरिफाई करें.
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2. डिलीवरी टाइमलाइन और लेट पेनल्टी की जानकारी लें
कई बार डेवलपर्स डिलीवरी में देरी कर देते हैं. रेरा में रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट्स में डेवलपर के लिए समय पर पजेशन देना कानूनी बाध्यता है. अगर देरी होती है तो बायर्स को मुआवज़ा मिलना चाहिए – यह शर्त एग्रीमेंट में स्पष्ट होनी चाहिए.
3. एग्रीमेंट ऑफ सेल पढ़ें, समझें, और तभी साइन करें
त्यौहारी ऑफर में लोग जल्दबाज़ी में दस्तावेज़ साइन कर देते हैं। ऐसा न करें. Agreement to Sell और Builder-Buyer Agreement को ध्यान से पढ़ें, जरूरी हो तो किसी वकील से सलाह लें.
ध्यान दें:
•हिडन चार्जेज तो नहीं?
•कार्पेट एरिया और सुपर बिल्ट-अप एरिया में अंतर स्पष्ट है या नहीं?
•क्लॉज़ में डेवलपर को एकतरफा अधिकार तो नहीं दिए गए हैं?
4. त्यौहारी ऑफर्स में छिपी सच्चाई जानें
फ्री कार, गोल्ड कॉइन, waived स्टाम्प ड्यूटी जैसे ऑफर्स बहुत लुभावने लगते हैं लेकिन इनका खर्च कहीं न कहीं कीमत में जुड़ा होता है. “लो EMI” या “No Pre-EMI till Possession” जैसे स्कीम्स में बैंक के साथ डेवलपर की सेटिंग हो सकती है, जिसमें बायर्स का लोन पहले ही शुरू हो जाता है.
5. फ्लैट की वैल्यूएशन और मार्केट रेट का आकलन करें
ऑफर के नाम पर कहीं ऐसा न हो कि प्रॉपर्टी ओवरप्राइज़्ड मिल रही हो. लोकेशन, कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर और पास की डील्स का मूल्यांकन करें.
6. बैंक अप्रूवल और फंडिंग क्लियरेंस चेक करें
यदि किसी प्रोजेक्ट को राष्ट्रीयकृत बैंक द्वारा अप्रूव किया गया है, तो वह अधिक सुरक्षित माना जा सकता है लेकिन यह पूरी तरह गारंटी नहीं है, इसलिए दस्तावेजों की फिर भी जांच जरूरी है.
7. OC/CC (Occupancy Certificate/Completion Certificate) की स्थिति पूछें
रेडी-टू-मूव प्रॉपर्टी में OC/CC ज़रूर मांगें. बिना OC के घर खरीदना अवैध कब्जा माना जा सकता है और बिजली-पानी जैसी मूल सुविधाओं में बाधा आ सकती है.
वेंकट राव कहते हैं, “त्यौहारों में घर खरीदना शुभ माना जाता है, लेकिन कानून और अधिकारों की जानकारी के बिना यह सौदा नुकसानदायक हो सकता है. रेरा की गाइडलाइन्स का पालन करें, कागज़ात को अच्छे से जांचें, और किसी भी लालच में जल्दबाज़ी न करें.”
प्रिया गौतमSenior Correspondent
अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ और रियल एस...और पढ़ें
अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ और रियल एस...
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Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
August 01, 2025, 21:19 IST