Nuh-Mewat News: हरियाणा में एक बार फिर विधानसभा चुनावों में बंपर जीत हासिल कर भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने जा रही है. यह जीत दो मायनों में काफी खास है. पहला ये कि हरियाणा के इतिहास में बीजेपी पहली पार्टी है जिसने जीत की हैट्रिक लगाई है और दूसरा ये कि 2014 और 2019 के मुकाबले 2024 में बीजेपी को सबसे ज्यादा 48 सीटें मिली हैं. हालांकि बीजेपी ने भले ही जीत के कई रिकॉर्ड बना लिए हों, लेकिन हरियाणा का एक इलाका ऐसा भी है, जो देशभर में कई कारणों से कुख्यात है और यहां की 3 सीटों पर बीजेपी अभी तक खाता नहीं खोल पाई है.
हरियाणा में मेवात इलाके में नूंह जिले की ये 3 सीटें ऐसी हैं फिरोजपुर झिरका, नूंह और पुन्हाना जहां से आए दिन हिंदु-मुस्लिम दंगे-फसाद, जालसाजों के अड्डे, गौ-तस्करी, चोर बाजारी और साइबर क्राइम का हब बनने की खबरें आती रहती हैं. हालिया राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों की मानें तो नूंह जिला उत्तर-भारत का दूसरा सबसे गरीब और पिछड़ा जिला भी है, यहां सिर्फ 50 फीसदी महिलाएं ही पढ़ी-लिखी हैं.
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विधानसभा चुनाव 2024 में नूंह की फिरोजपुर झिरका सीट पर कांग्रेस के मामन खान ने जीत हासिल की है. वहीं पुन्हाना सीट पर कांग्रेस के मोहम्मद इलियास और नूंह में भी कांग्रेस के आफताब अहमद जीते हैं. आइए पहले जानते हैं इन सीटों के बारे में….
फिरोजपुर झिरका
कांग्रेस की यहां जीत पहली बार नहीं है, साल 2000 से लगातार कांग्रेस ही इस सीट पर जीतती आ रही है, जबकि 1967 से लेकर 1996 तक इस विधानसभा में लोकदल, कांग्रेस, समता पार्टी आदि ने भी जीत हासिल की थी, हालांकि बीजेपी को यहां कभी जनाधार नहीं मिला. बता दें कि विधानसभा में करीब 53 फीसदी मुस्लिम आबादी है, जबकि 40 फीसदी हिंदू भी हैं.
नूंह
नूंह विधानसभा सीट पर इस बार कांग्रेस के आफताब अहमद जीते हैं. 2009 और 2019 में भी यह सीट कांग्रेस के ही पास थी. जबकि कांग्रेस के बाद यहां सबसे ज्यादा निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं. दो बार यहां से आईएनएलडी के मुस्लिम प्रत्याशी भी जीते हैं. हालांकि बीजेपी के लिए यह सीट अभी भी सपने सरीखी है.
पुन्हाना
हरियाणा की पुन्हाना सीट 2009 में ही अस्तित्व में आई, जब इसे नूंह और फिरोजपुर झिरका सीटों का इलाका लेकर बनाया गया. तब यहां पहली बार आईएनएलडी से मोहम्मद इलियास विधायक बने. जबकि 2014 में निर्दलीय प्रत्याशी और 2019 और 2024 में यहां कांग्रेस में शामिल होकर चुनाव लड़े मोहम्मद इलियास ने ही बाजी मारी है. यहां भी बीजेपी के लिए अभी सूखा है.
इसलिए कुख्यात है मेवात का ये इलाका
. इन तीनों सीटों वाला मेवात का यह इलाका कई वजहों से कुख्यात है. नूंह इलाके में होने वाली हिंसा, आगजनी, हिंदू-मुस्लिम दंगे, गौ हत्या या गौ तस्करी के बाद हिंसा की घटनाएं बेहद आम हैं.
. दिल्ली-एनसीआर सहित कई राज्यों में चोरी की गई बाइक, कारें और अन्य गाड़ियां यहां काटकर, मिनटों में कबाड़ में बेच दी जाती हैं. यह वाहनों की चोर-बाजारी का सबसे बड़ा इलाका है.
. इसी साल अप्रैल में हरियाणा पुलिस ने नूंह से 39 साइबर ठगों सहित 90 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. यह काफी बड़ी कार्रवाई थी. जिसमें पुलिस की ओर से ही बताया गया कि जामताड़ा के बाद हरियाणा का नूंह जिला साइबर ठगों का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है.
. सिर्फ वाहन ही नहीं चोरी के मोबाइल फोन और आईफोन के लिए भी यह इलाका बेस्ट मार्केट बन चुका है.
. पिछले साल इसी इलाके से पुलिस ने चार अपराधियों को गिरफ्तार किया था जिन्होंने 3 हजार से ज्यादा लोगों के साथ 13 करोड़ रुपये से ज्यादा की साइबर ठगी की थी.
निठल्ले बैठे लोग हैं परेशानी की वजह
साल 2015 में आई नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक नूंह में अशिक्षा ज्यादा है. यहां फैमिली प्लानिंग का भी अभाव है, सिर्फ 15 फीसदी लोग ही परिवार नियोजन करते हैं. यहां रोजगार के मौके भी कम हैं. कौशल विकास के लिए सुविधाओं की कमी के कारण यहां ऐसे हालात हैं कि जिले की रोजगार योग्य आबादी का केवल 27 प्रतिशत ही काम में लगा हुआ है, बाकी लोग यहां खाली या निठल्ले हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 9, 2024, 13:51 IST