झुंझुनूं. झुंझुनूं विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी के राजेंद्र भांबू ने इस बार ओला परिवार से सूद समेत बदला ले लिया है. राजेन्द्र भांबू को विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र ओला ने 40656 वोटों से हराया था. उपचुनाव में राजेन्द्र भांबू ने बृजेन्द्र ओला के बेटे अमित ओला को 42848 वोटों से हराकर अपना हिसाब चुकता कर लिया. कांग्रेस के गढ़ झुंझुनूं सीट पर यह बीजेपी की ऐतिहासिक जीत है. यहां के मतदाताओं ने इस बार वंशवाद की राजनीति को नकार दिया है.
झुंझुनूं सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है. झुंझुनूं विधानसभा सीट और झुंझुनूं लोकसभा सीट दोनों पर ही दशकों से यहां के ओला परिवार का कब्जा रहा है. इस परिवार के शीशराम ओला ने सरपंची से राजनीति का सफर शुरू किया था. उसके बाद उनके परिवार की तीसरी पीढ़ी तक यह सफर जारी है. शीशराम ओला पांच बार झुंझुनूं से सांसद और सात बार झुंझुनूं समेत अन्य विधानसभा क्षेत्रों से विधायक रहे थे. वे केन्द्र में दो बार मंत्री भी रहे.
बृजेन्द्र ओला ने संभाल ली थी पिता की विरासत
शीशराम के बाद झुंझुनूं विधानसभा सीट पर उनके बेटे बृजेन्द्र ओला काबिज हो गए. बृजेन्द्र ओला ने भी सरपंच पद से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। फिर करीब दो दशक तक झुंझुनूं सीट से विधायक रहे. बृजेन्द्र ओला लगातार चार बार झुंझुनूं के विधायक चुने गए. चौथी बार विधायक बनने के बाद कांग्रेस ने उनको पिछली बार लोकसभा चुनाव में उतार दिया था. बृजेन्द्र ओला लोकसभा चुनाव लड़कर सांसद बन गए. उनके सांसद बनने से सीट खाली हुई तो कांग्रेस ने बृजेन्द्र ओला के बेटे अमित ओला को टिकट थमा दिया.
जनता ने परिवारवाद और वंशवाद को खत्म किया
इस बीच बृजेन्द्र ओला की पत्नी राजबाला ओला एक बार पांच साल के लिए जिला प्रमुख रही. वहीं परिवार के अन्य सदस्य भी पंचायत राज व्यवस्था में जनप्रतिनिधि बनते रहे. लेकिन इस बार मतदाताओं वंशवाद की इस राजनीति पर चोट करते हुए उनको कुर्सी से दूर कर दिया. झुंझुनूं जिले के प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत ने मतदाताओं का आभार जताते हुए कहा कि जनता ने परिवारवाद और वंशवाद को खत्म किया है. कांग्रेस अब ओला परिवार की हार के कारणों की समीक्षा करने में जुटी है.
राजेंद्र भांबू को 90425 वोट मिले
इस बार उपचुनाव में राजेन्द्र भांबू ने 42848 वोटों से जीत दर्ज की है. राजेंद्र भांबू को 90425, कांग्रेस के अमित ओला को 47577 और निर्दलीय प्रत्याशी राजेन्द्र सिंह गुढ़ा को 38751 वोट मिले हैं. राजेन्द्र गुढ़ा ने ही इस बार निर्दलीय ताल ठोककर ओला परिवार के राजनीतिक समीकरण बिगाड़ दिए थे. माना जा रहा है कि कांग्रेस से टिकट मांग रहा अल्पसंख्यक समुदाय इस बार उससे खफा होकर गुढ़ा की तरफ शिफ्ट हो गया. कांग्रेस और ओला परिवार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा.
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FIRST PUBLISHED :
November 24, 2024, 08:42 IST