Last Updated:May 15, 2025, 14:55 IST
Trump vs India : डोनाल्ड ट्रंप ने कतर की राजधानी दोहा में ऐपल के सीईओ से बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें भारत में प्रोडक्शन यूनिट लगाने की कोई जरूरत नहीं है, भारत अपना ख्याल खुद रख लेगा. इसके बजाय उन्हें अमे...और पढ़ें

डोनाल्ड ट्रंप ने ऐपल से भारत छोड़ अमेरिका में आईफोन बनाने को कहा है.
हाइलाइट्स
ट्रंप ने अमेरिकी कंपनियों से भारत छोड़ने को कहा.भारत में आईफोन बनाना चीन से महंगा पड़ता है.ट्रंप ने चीन-अमेरिका ट्रेड समझौते के बाद सुर बदले.नई दिल्ली. भारत और पीएम मोदी के साथ दोस्ती की डींगें मार रहे डोनाल्ड ट्रंप की असलियत अब खुलकर सामने आ रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति इस समय कतर की राजधानी दोहा में हैं, जहां दुनिया के तमाम दिग्गज अरबपतियों के साथ उनकी बातचीत चल रही है. इस बैठक के बाद ट्रंप ने खुद ही यह खुलासा किया है कि उन्होंने अमेरिकी कंपनियों से अपनी फैक्ट्रियां भारत से हटाने की बात कही है. अगर ऐसा होता है तो यह मोदी सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को तगड़ा झटका दे सकता है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 15 मई को दोहा में आईफोन बनाने वाली कंपनी ऐपल के सीईओ टिम कुक से मुलाकात की और उनसे कहा कि भारत में अपनी फैक्ट्रियां लगाने की कोई जरूरत नहीं है. अगर ऐसा करना बाजार के लिहाज से बहुत जरूरी न हो. ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि दोहा में टिम कुक से बातचीत के दौरान ट्रंप ने ऐपल के सीईओ से कहा कि हमें आपके भारत में फैक्ट्रियां लगाने में कोई रुचि नहीं है, वे (भारत) खुद ही अपना ख्याल रख लेंगे.
…फिर कहां लगाएं अपने प्लांट
ट्रंप ने टिम से चर्चा के दौरान साफ कहा कि ऐपल को अपनी प्रोडक्शन यूनिट अमेरिका में ही स्थापित करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि भारत ने उन्हें सभी तरह के टैरिफ खत्म करने का ऑफर दिया है. भारत ने पूरी तरह साफ कर दिया है कि वह अमेरिका से कोई टैरिफ नहीं वसूल करेगा. ऐसे में अमेरिकी कंपनियों को भारत में प्रोडक्शन यूनिट लगाने के बजाय वापस अमेरिका आना चाहिए और यहीं उत्पादन करना चाहिए.
ऐपल की अलग है प्लानिंग
ट्रंप जहां ऐपल को वापस अमेरिका में प्रोडक्शन यूनिट लगाने का दबाव बना रहे, वहीं कंपनी ने अलग ही प्लान बताया है. पिछले महीने ऐपल ने कहा था कि साल 2026 तक अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर आईफोन का निर्माण भारत में किया जाएगा. ऐसा चीन के हाई टैरिफ से बचने के लिए करने की प्लानिंग थी. ऐपल ने यह भी बताया था कि अभी उनकी कंपनी हर साल अमेरिका में करीब 6 करोड़ आईफोन बेचती है और इसमें से 80 फीसदी चीन में बनाए जाते हैं.
भारत में आईफोन बनाना महंगा
रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि भारत में आईफोन बनाना चीन के मुकाबले 5 से 8 फीसदी महंगा पड़ता है. कुछ मामलों में तो यह 10 फीसदी तक महंगा हो जाता है. ऐपल ने अमेरिकी राष्ट्रपति के टैरिफ से बचने के लिए पहले ही भारत में अपना प्रोडक्शन बढ़ा चुकी है. मार्च महीने में ऐपल ने 60 टन आईफोन एयरलिफ्ट कर अमेरिका पहुंचाया था, जिसकी कीमत करीब 2 अरब डॉलर बताई जाती है. इस शिपमेंट के साथ ही टाटा और फॉक्सकॉन दोनों ने रिकॉर्ड बना दिया है.
अचानक क्यों बदल गए ट्रंप के सुर
अमेरिकी प्रशासन ने भारत से आयात पर 26 फीसदी टैरिफ लगाया था, जो चीन पर लगाए 100 फीसदी टैरिफ से काफी कम था. लेकिन, अब अचानक ट्रंप के सुर क्यों बदल गए, इसका जवाब जेनेवा में हुई चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वाता से मिलता है. इस समझौते में दोनों देश एक-दूसरे पर कम टैरिफ लगाने पर सहमत हो गए हैं. चीन ने और कई ऑफर अमेरिका को दिए हैं, जिसके बाद दोनों देशों में टैरिफ वॉर खत्म होने की संभावना बढ़ गई है. माना जा रहा है कि इसी समझौते की वजह से ट्रंप ने अचानक अपना सुर बदलकर भारत के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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