Last Updated:August 23, 2025, 07:07 IST
Rare Earth Minerals: भविष्य में एनर्जी का सोर्स पूरी तरह से बदल सकता है. फॉसिल फ्यूल्स (जैसे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स, कोयला) का समय लदने वाला है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में रेयर अर्थ मिनरल्स ...और पढ़ें

Rare Earth Minerals: रेयर अर्थ मिनरल्स की वजह से वर्ल्ड वॉर तक हो सकती है. इसके दम पर चीन ने पूरी दुनिया का टेटुआ दबा रखा है. जिससे रिलेशन खराब होता है, उसे रेयर अर्थ मिनरल्स नहीं देता है. इससे स्मार्टफोन से लेकर इलेक्ट्रिक कार तक की मैन्यूफैक्चरिंग प्रभावित होती है. भारत के साथ संबंध जब पटरी से उतरा तो चीन ने इस अमूल्य खजाने के एक्सपोर्ट को लिमिटेड कर दिया, जिसका असर साफ तौर पर देखा गया. रेयर अर्थ मिनरल्स पर फिलहाल चीन की मोनोपोली यानी एकाधिकार है. अमेरिका से लेकर भारत तक इसके लिए चीन पर निर्भर हैं. क्लाइमेट चेंज को देखते हुए फॉसिल फ्यूल्स (जैसे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स और कोयला आदि) के दिन लदने वाले हैं. इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स का बोलबाला बढ़ने वाला है, जिसकी तस्वीर दिखने भी लगी है. इलेक्ट्रिक कार के बढ़ते बाजार से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. इसके अलावा स्मार्टफोन आज लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं. रेयर अर्थ मिनरल्स के बिना इनकी मैन्यूफैक्चरिंग संभव नहीं है और चीन का इसपर एकाधिकार है. लिहाजा, यह पूरी तरह से चीन पर निर्भर है कि किस देश में इस तरह की इंडस्ट्री फलेगी-फुलेगी. लेकिन, अब एक शुभ समाचार सामने आया है. रेयर अर्थ मिनरल्स के रिजर्व के मामले में भारत का तीसरा स्थान है और एक अनुमान के अनुसार देश में 70 लाख टन ऐसे मिनरल्स हैं
अनुमान है कि चीन की जमीन में 4.4 करोड़ टन रेयर अर्थ मिनरल्स हैं. दूसरे नंबर पर कौन है? जी हां…दूसरे नंबर पर ब्रिक्स का ही एक और मेंबर कंट्री ब्राज़ील है. अनुमान है कि ब्राज़ील की जमीन में 2.1 करोड़ टन रेयर अर्थ दबे हैं यानी इस गेम में ब्राज़ील दुनिया का बड़ा खिलाड़ी बन सकता है, क्योंकि आने वाला टाइम तो इलेक्ट्रिक गाड़ियों का ही दिख रहा है. पेट्रोल डीजल के जमाने लदने वाले हैं. सऊदी अरब से लेकर कतर वगैरह सब आगे की प्लानिंग कर रहे हैं, जब उनके तेल से कमाई के दिन खत्म होने वाले हैं. पहले देखते थे कि किस देश के पास कितना तेल का भंडार है. अब जमाना आएगा रेयर अर्थ के भंडार का. इस मामले में फिलहाल चीन बेताज बादशाह है. ब्राज़ील के पास दूसरा सबसे बड़ा भंडार है. आपको पता है कि इस मामले में तीसरे स्थान पर कौन है. अपना भारतवर्ष. देश में करीब 70 लाख टन रेयर अर्थ मिनरल्स होने का अनुमान है.
भारत के लिए गेम चेंजर
भारत में रेयल अर्थ मिनरल्स अभी भंडार ही हैं. जमीन में ही हैं. इसको निकालना, साफ़ करना, रिफ़ाइन करना, फिर उसके मैगनेट बनाने के लिए पूरा सिस्टम तैयार करना पड़ेगा. अच्छी बात यह है कि भारत अब इस काम में लग गया है. इसमें टाइम तो लगेगा. चीन कई साल से ऐसा कर रहा है और शुरू में तो कोई देश उतना सस्ता और उतनी क्षमता की रिफाइनिंग कर भी ना पाए, लेकिन लगे रहना पड़ेगा. एक सरकारी घोषणा आपने सुनी होगी. भारत नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन शुरू कर रहा है. ये उसी काम का मिशन है. इसमें कुछ साल लगेंगे. तब तक चीन से ही लेना होगा.
क्या हैं रेयर अर्थ मिनरल्स
अब सवाल है कि रेयर अर्थ मिनरल्स क्या हैं? ज्यादातर लोगों को इसका आइडिया नहीं है. पहली बात तो ये समझिये कि इसमें 17 धातु होते हैं. जैसे लोहा होता है. तांबा होता है. सोना होता है. चांदी होती है ये भी वैसे ही मिनरल्स हैं. ये भी धरती के अंदर पाए जाते हैं और इनकी भी माइनिंग होती है. जैसे लोहा निकालते हैं. सोना निकालते हैं. इन 17 धातुओं की भी खदानें होती हैं और वहां से इन्हें निकाला जाता है. इनमें ख़ास बात क्या है? तो पहली बात तो ये कि इनको आसानी से धरती से निकाला नहीं जा सकता और दूसरा ये कि निकालने के बाद इनको अलग करना, साफ़ करना, रिफ़ाइन करना बहुत टेढ़ी खीर है. वो तकनीक बहुत से देशों के पास नहीं है. लोहा, सोना, चांदी वगैरह तो सदियों से निकाला जा रहा है और इसमें कई देशों को महारत हासिल है. बता दें कि इन 17 धातुओं का कुछ टाइम पहले तक कोई ख़ास इस्तेमाल नहीं था, पर अब समय बदल गया है. अब रेयल अर्थ मिनरल्स का टाइम आ गया है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 23, 2025, 07:04 IST