Last Updated:December 01, 2025, 16:48 IST
Delhi Airport GPS Spoofing Cases: दिल्ली हवाई अड्डे के पास उड़ानें GPS संकेतों में छेड़छाड़ का सामना कर रही हैं. सरकार ने संसद में बताया कि दिल्ली ही नहीं, बल्कि मुंबई, कोलकाता, अमृतसर, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई के हवाई अड्डों से भी ऐसी रिपोर्टें मिल रही हैं. रनवे 10 के पास गड़बड़ी पर कई उड़ानों को वैकल्पिक प्रक्रिया अपनानी पड़ी और अब नए सुरक्षा निर्देश लागू किए गए हैं.
दिल्ली हवाई अड्डे के पास उड़ानों में GPS संकेत छेड़छाड़ दर्ज हुई. (फाइल फोटो)Delhi Airport GPS Spoofing Cases: दिल्ली के हवाई अड्डे के पास उड़ रही कई उड़ानों में अचानक GPS संकेत बिगड़ने की घटनाओं ने पायलटों और विमानन व्यवस्था को सतर्क कर दिया है. संसद में सरकार ने पहली बार स्वीकार किया है कि न केवल दिल्ली, बल्कि देश के कई बड़े हवाई अड्डों के आसपास भी GPS में गड़बड़ी और जानबूझकर भेजे गए नकली GPS संकेतों (स्पूफिंग) की घटनाएं दर्ज की गई हैं. यह नेविगेशन से जुड़े उन सिस्टमों के लिए चुनौती है, जिन पर विमान उतरने और दिशा तय करने के दौरान निर्भर होता है.
सरकार की तरफ से दिया गया यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अब तक GPS संबंधी दिक्कतों को अलग-थलग तकनीकी समस्या की तरह देखा जाता था. पर अब साफ हो गया है कि कोलकाता, अमृतसर, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे प्रमुख शहरों के हवाई अड्डों से भी लगातार ऐसी रिपोर्टें आ रही हैं. यह स्थिति देश की हवाई सुरक्षा और GPS से दिशा बताने वाली सिस्टम पर बढ़ते खतरे की ओर इशारा करती है.
दिल्ली हवाई अड्डे के रनवे 10 के पास रिपोर्ट हुई स्पूफिंग
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने बताया कि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास रनवे 10 पर उपग्रह-सहायता वाली उतरने की प्रक्रिया का उपयोग कर रही कुछ उड़ानों ने GPS संकेतों से जुड़ी छेड़छाड़ की शिकायत दी. इन मामलों में पायलटों को तुरंत वैकल्पिक प्रक्रिया अपनानी पड़ी. इऐसी स्थिति में विमान को जमीन पर लगे पुराने नेविगेशन उपकरणों की मदद से सुरक्षित उतारा जाता है. सरकार ने कहा कि जिन रनवे पर पुराने जमीनी नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल होता है, वहां उड़ानों पर कोई असर नहीं पड़ा.
कौन–कौन से हवाई अड्डे प्रभावित?
सरकार द्वारा संसद में उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार पिछले एक साल में GPS संकेतों में गड़बड़ी इन प्रमुख हवाई अड्डों पर दर्ज की गई-
दिल्ली कोलकाता अमृतसर मुंबई हैदराबाद बेंगलुरु चेन्नईइससे साफ है कि समस्या किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं, बल्कि देश के कई व्यस्त हवाई मार्ग इसके दायरे में आ चुके हैं.
तुरंत रिपोर्ट करना जरूरी
नवंबर 2023 में नागर विमानन महानिदेशालय ने पायलटों और हवाई यातायात नियंत्रकों को बड़ा आदेश दिया है. इस आदेश में कहा गया यदि कहीं भी GPS संकेतों के साथ छेड़छाड़, संकेतों के रुकने या संदिग्ध गतिविधि की स्थिति दिखे, तो इसकी तुरंत सूचना दी जाए. इसके बाद 10 नवंबर 2025 को दिल्ली हवाई अड्डे के लिए एक नया विशेष निर्देश जारी किया गया. इसमें कहा गया कि यदि GPS संकेत असामान्य रूप से व्यवहार करें, तो पायलट और नियंत्रक तत्काल सूचना भेजेंगे और विमान को सुरक्षित व्यवस्था में ले जाएंगे.
देश में हवाई मार्गदर्शन को कैसे सुरक्षित रखा जा रहा है?
सरकार ने बताया कि भले ही अब ज्यादातर दिशा-निर्देश उपग्रह (GPS) से मिलते हैं, लेकिन सुरक्षा के लिए भारत में हमेशा एक भरोसेमंद बैकअप सिस्टम चालू रहती है. इसमें-
हर बड़े हवाई अड्डे पर पुराने, जमीन से चलने वाले मार्गदर्शन उपकरण लगातार सक्रिय रहते हैं. उपग्रह संकेत बिगड़ने पर उड़ानें तुरंत इन पारंपरिक संकेतों का उपयोग कर सकती हैं. आकाश मार्ग की निगरानी और मार्गदर्शन के लिए दोहरी सुरक्षा व्यवस्था लागू है, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में उड़ानें सुरक्षित रहें. सरकार के अनुसार यह व्यवस्था दुनिया में अपनाई जाने वाली सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों के अनुरूप है.बढ़ती घटनाएं और आगे क्या चिंता है?
विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया भर में इलेक्ट्रॉनिक हस्तक्षेप और GPS संकेतों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं बढ़ी हैं. भारत के बड़े हवाई मार्ग भी इससे अछूते नहीं रहे. केंद्र सरकार ने बताया कि वह लगातार निगरानी कर रही है और संकेत-संबंधित सुरक्षा प्रणालियों को और बेहतर बनाने पर काम कर रही है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले समय में विस्तृत जाँच और अधिक उन्नत सुरक्षा तकनीक लागू की जाएगी, जिससे ऐसे मामलों पर पहले ही अंकुश लगाया जा सके.
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Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
First Published :
December 01, 2025, 16:48 IST

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