Last Updated:November 12, 2025, 19:43 IST
Delhi Bomb Blast News: अधिकारियों ने बताया कि नबी ने चारदीवारी वाली एक मस्जिद में पनाह ली, जहां वह सोमवार शाम तीन घंटे रुका और फिर गाड़ी चलाते हुए निकल गया, जिसमें समय से पहले ही विस्फोट हो गया. उन्होंने बताया कि वीबीआईईडी भी अधूरा था, क्योंकि छर्रे जोड़े जाने बाकी थे.
दिल्ली बम ब्लास्ट को लेकर बड़ा खुलासा.लखनऊः दिल्ली बम ब्लास्ट की जांच कर रहे अधिकारियों ने बुधवार को बड़ा खुलासा किया. अधिकारियों ने बताया कि लाल किला के पास हुए विस्फोट में शामिल कार को घटना के दौरान चला रहा डॉ. उमर नबी का इरादा छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के आसपास एक शक्तिशाली विस्फोट करने का था. अधिकारियों ने यह भी बताया कि फरीदाबाद स्थित अंतरराज्यीय ‘सफेदपोश’ जैश-ए-मोहम्मद आतंकी मॉड्यूल से कथित संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किए गए आठ लोगों से पूछताछ और उनके परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों से बातचीत के बाद योजना का ब्यौरा तैयार किया गया है.
लाल किला पर जल्दबाजी में विस्फोट किया गया
इसके अलावा अधिकारियों ने यह भी जानकारी दी कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले का रहने वाला 28 साल का डॉक्टर उमर कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैले आतंकी नेटवर्क का अहम हिस्सा बनकर उभरा है. उसके बारे में कहा जा रहा है कि दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले पर हुए विस्फोट 12 लोगों के साथ उसकी भी जान चली गई. वहीं फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय ( एएफयू ) में पढ़ाने वाले डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई उर्फ मुसैब की गिरफ्तारी के साथ उसकी योजना नाकाम हो गई, जिसके कमरे से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट मिला था. अधिकारियों ने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि उमर घबरा गया था और विस्फोट आकस्मिक था.
दिल्ली विस्फोट की अब तक की जांच से पता चला है कि डॉक्टर उमर ने ही इस विस्फोट को अंजाम दिया.
तुर्की की यात्रा से कट्टर हो गया उमर नबी
उन्होंने दावा किया कि गनई के साथ 2021 में तुर्किये की यात्रा ने उसके अंदर नाटकीय बदलाव और कट्टरपंथ की भावना पैदा की. गनई जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गए आठ लोगों में पहला व्यक्ति था. माना जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान दोनों की मुलाकात प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के सक्रिय कार्यकर्ताओं से हुई. यात्रा के बाद, बदले हुए नबी ने गनई के साथ मिलकर अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर सहित विस्फोटक कथित तौर पर इकट्ठा करना शुरू कर दिया तथा उन्हें अल फलाह परिसर में और उसके आसपास जमा करना शुरू कर दिया, जहां वह उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहा था.
विस्फोटक बरामद होने से घबराया उमर
अधिकारियों के अनुसार, नबी ने दिसंबर में अपने आतंकी मंसूबे के बारे में दूसरों को बताया और 10 नवंबर को जिस हुंडई आई20 कार को वह चला रहा था, उसमें विस्फोटक सामग्री रखकर इसकी तैयारी शुरू कर दी थी. अधिकारियों ने कहा कि ऐसा लगता है कि वह इंटरनेट पर उपलब्ध मुक्त स्रोतों से इसके निर्माण और विस्फोट करने में सहायक सर्किट के बारे में सीखने के बाद एक वाहन-आधारित संवर्धित विस्फोटक उपकरण (वीबीआईईडी) को तैयार कर रहा था. अधिकारियों के अनुसार, नबी 10 नवंबर को उस समय घबरा गया होगा, जब फरीदाबाद के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने टेलीविजन पर घोषणा की कि वहां 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद करके एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है. इस 2,900 किग्रा विस्फोटक में गनई के किराये के मकान से बरामद 360 किग्रा ज्वलनशील पदार्थ भी शामिल था.
जम्मू-कश्मीर के अबतक 7 गिरफ्तार
अधिकारियों ने बताया कि नबी ने चारदीवारी वाली एक मस्जिद में पनाह ली, जहां वह सोमवार शाम तीन घंटे रुका और फिर गाड़ी चलाते हुए निकल गया, जिसमें समय से पहले ही विस्फोट हो गया. उन्होंने बताया कि वीबीआईईडी भी अधूरा था, क्योंकि छर्रे जोड़े जाने बाकी थे. गिरफ्तार किये गए आठ लोगों में से सात कश्मीर से हैं. इनमें श्रीनगर के नौगाम से आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद, शोपियां से मौलवी इरफान अहमद, गांदरबल के वाकुरा इलाके से ज़मीर अहमद अहंगर उर्फ मुतलाशा, पुलवामा के कोइल इलाके से डॉ. मुज़म्मिल अहमद गनई उर्फ मुसैब और कुलगाम के वानपोरा इलाके से डॉ. अदील शामिल हैं. वहीं, डॉ. शाहीन सईद लखनऊ से है.
रिश्तेदारों और दोस्तों को पहले ही बता दिया था
अधिकारियों ने बताया कि 26 अक्टूबर को नबी कश्मीर गया था और फरीदाबाद लौटने से पहले अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ कुछ समय बिताया. उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान उसने अपने करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों से कहा था कि वह अगले तीन महीनों तक उपलब्ध नहीं रहेगा. उन्होंने बताया कि इस बयान की पुष्टि उसके कई दोस्तों, पूछताछ किये गए रिश्तेदारों और पुलिस के सामने पेश किये गए अन्य सह-आरोपियों ने की है.
अंडरग्राउंड होना चाहता था उमर
ऐसा लगता है कि वह वीबीआईईडी की योजना बनाकर कुछ समय के लिए भूमिगत हो जाना चाहता था. हालांकि, श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के एक मामले में श्रीनगर पुलिस की गहन जांच के बाद गनई की गिरफ़्तारी होने पर योजना ने ‘यूटर्न’ ले लिया. ये पोस्टर 19 अक्टूबर को शहर की दीवारों पर चिपकाये गए थे. यहीं से जांच शुरू हुई. सीसीटीवी फुटेज में गनई और कुछ अन्य लोगों को इस कृत्य में शामिल देखा गया, जिसके बाद अंतरराज्यीय आतंकी नेटवर्क का पर्दाफश हुआ.
प्रशान्त राय मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले हैं. प्रशांत राय पत्रकारिता में पिछले 8 साल से एक्टिव हैं. अलग-अलग संस्थानों में काम करते हुए प्रशांत राय फिलहाल न्यूज18 हिंदी के साथ पिछले तीन ...और पढ़ें
प्रशान्त राय मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले हैं. प्रशांत राय पत्रकारिता में पिछले 8 साल से एक्टिव हैं. अलग-अलग संस्थानों में काम करते हुए प्रशांत राय फिलहाल न्यूज18 हिंदी के साथ पिछले तीन ...
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First Published :
November 12, 2025, 19:43 IST

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