Last Updated:May 23, 2025, 18:18 IST
Delhi News Today: दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. यह निर्णय राजधानी में रहते हुए अपना मकान बनाने वाले लोगों पर लागू होंगे. हालांकि गरीब और मिडिल क्लास लोगों को इसके दायर...और पढ़ें

दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए यह कदम उठाया गया. (Representational Photo)
नई दिल्ली. अगर आप भी देश की राजधानी दिल्ली में रहते हैं तो यह सरकारी फरमान जानना आपके लिए बेहद अहम है. खासतौर पर उन लोगों के लिए जो दिल्ली में रहते हुए अपने मकान का निर्माण कार्य या मरम्मत का काम करवाना चाहते हैं. जरा सी चूक लोगों को काफी भारी पड़ सकती है. बढ़ते प्रदूषण केा देखते हुए दिल्ली दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति यानी DPCC की तरफ से धूल के कणों को कम करने की दिशा में कदम उठाया गया है. नए फरमान के तहत निर्माण कार्य से पहले सरकारी मंजूरी अब अनिवार्य होगी. अब से राष्ट्रीय राजधानी में 500 वर्ग मीटर या उससे बड़े निर्माण और ध्वस्तीकरण (Construction & Demolition – C&D) परियोजनाओं को DPCC के डस्ट कंट्रोल पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा.
दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर इसे लेकर पोर्टल पर विशेष व्यवस्था की गई है. वेबसाइट https://dustcontrol.dpcc.delhi.gov.in पर जाकर आप बता सकते हैं कि आप अपने भवन का निर्माण या तोड़फोड़ का काम करने जा रहे हैं. यहां रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही MCD, NDMC या DCB जैसी एजेंसियां भवन योजना को मंजूरी नहीं देंगी. इस निर्णय का उद्देश्य निर्माण स्थलों से फैलने वाले PM2.5 और PM10 जैसे सूक्ष्म कणों की रोकथाम करना है ताकि राजधानी में वायु गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित हाने से बचाया जा सके.
निर्माण स्थल पर लगाना होगा डिस्प्ले बोर्ड
DPCC ने सभी नगर निकायों को निर्देशित किया है कि वे भवन योजना आवेदन प्रक्रिया में इस पोर्टल रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य रूप से शामिल करें. साथ ही, MCD की अनुमोदन प्रणाली को DPCC पोर्टल से API के माध्यम से तकनीकी रूप से जोड़ने के निर्देश भी दिए गए हैं. इसके अतिरिक्त, सभी भवन स्वीकृतियों में DPCC के 14-बिंदुओं वाले डस्ट कंट्रोल दिशानिर्देश भी जोड़े जाएंगे, ताकि निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के उपायों को अनिवार्य किया जा सके. हर निर्माण स्थल पर DPCC रजिस्ट्रेशन ID के साथ एक डिस्प्ले बोर्ड लगाना भी अब जरूरी होगा, जिससे निगरानी टीम और आम लोग इन परियोजनाओं की निगरानी कर सकें.
यह उपाय करने भी होंगे अनिवार्य
DPCC ने यह भी स्पष्ट किया है कि निर्माण स्थलों पर PM2.5 और PM10 सेंसर, 360 डिग्री कैमरे, और प्रत्येक 15 दिन पर सेल्फ-डिक्लेयरेशन की व्यवस्था होनी चाहिए. इन मानकों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी. DPCC चेयरमैन संजीव कुमार ने MCD और अन्य नगर निकायों को इस आदेश के क्रियान्वयन की रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. यह कदम दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक बड़ा और जरूरी प्रयास माना जा रहा है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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