Last Updated:October 29, 2025, 07:25 IST
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 59 वर्षीय आदिल हुसैनी मूल रूप से जमशेदपुर, झारखंड का रहने वाला है और कई वर्षों से दिल्ली में फर्जी पहचान के साथ रह रहा था. पुलिस ने उसे सीमापुरी इलाके से गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश कर 7 दिन की पुलिस रिमांड हासिल की है.
दिल्ली पुलिस ने सीलमपुर इलाके में आदिल हुसैनी नाम के ईरानी सीक्रेट एजेंट को गिरफ्तार किया है.दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजधानी में चल रहे एक बड़े अंतरराष्ट्रीय जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है. इस नेटवर्क से जुड़े एक अहम एजेंट आदिल हुसैनी उर्फ सैयद हुसैनी उर्फ नसीमुद्दीन को सीलमपुर इलाके से गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ में आरोपी ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं, जिनसे सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है.
स्पेशल सेल के मुताबिक, 59 वर्षीय आदिल हुसैनी मूल रूप से जमशेदपुर, झारखंड का रहने वाला है और कई वर्षों से दिल्ली में फर्जी पहचान के साथ रह रहा था. पुलिस ने उसे सीमापुरी इलाके से गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश कर 7 दिन की पुलिस रिमांड हासिल की है.
रूसी वैज्ञानिक से हासिल किए न्यूक्लियर डिजाइन
पूछताछ के दौरान आदिल ने बताया कि उसने एक रूसी वैज्ञानिक (Russian Scientist) से परमाणु संबंधी कुछ डिज़ाइन और डाटा हासिल किए थे. उसने ये डिज़ाइन कथित रूप से ईरान के एक वैज्ञानिक को बेच दिए थे. यह दावा अब देश की खुफिया एजेंसियां अपने स्तर पर वेरिफाई कर रही हैं, क्योंकि मामला सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा और परमाणु तकनीक से जुड़ा है.
पाकिस्तान से जुड़ा जासूसी नेटवर्क
दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया है कि आदिल पाकिस्तान के लिए जासूसी गतिविधियों में भी सक्रिय था. वह भारत के कई संवेदनशील इलाकों और वैज्ञानिक स्थलों की जानकारी विदेशी एजेंसियों तक पहुंचा चुका है. आदिल पर आरोप है कि वह अपने भाई अख्तर हुसैनी के साथ मिलकर विदेशों को संवेदनशील सूचनाएं लीक कर रहा था.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मुंबई पुलिस ने आदिल के भाई अख्तर को भी गिरफ्तार किया है, जो कई बार गल्फ देशों की यात्राएं कर चुका है. अख्तर के पास से तीन फर्जी आईडी कार्ड बरामद हुए हैं, जो एक कथित ‘गोपनीय केंद्र’ के नाम पर जारी किए गए थे.
फर्जी पासपोर्ट रैकेट से भी कनेक्शन
आदिल के कब्जे से एक असली पासपोर्ट और दो जाली पासपोर्ट बरामद किए गए हैं. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि वह फर्जी दस्तावेज़ बनवाने और बेचने के रैकेट से जुड़ा हुआ था. जांच एजेंसियों को शक है कि इस नेटवर्क के ज़रिए कई लोगों को फर्जी पासपोर्ट देकर विदेश भेजा गया है.
स्पेशल सेल के अधिकारियों के मुताबिक, आदिल दिल्ली के सीलमपुर इलाके में फर्जी नाम से रह रहा था. उसने पिछले कई वर्षों में पाकिस्तान, ईरान और गल्फ देशों की यात्राएं की थीं. पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि वह किन देशों में गया, किन लोगों से मिला और वहां क्या गतिविधियां संचालित करता था.
नेटवर्क में और भी लोग शामिल
जांच एजेंसियों को शक है कि इस नेटवर्क में कई और लोग शामिल हैं, जिनमें से कुछ फरार हैं. सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने एक कैफे संचालक को भी हिरासत में लिया है, जो इस रैकेट को वित्तीय और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करता था.
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले को ‘हाई-प्रोफाइल स्पाई ऑपरेशन’ के तौर पर लिया है. फिलहाल, आरोपी से उसकी विदेशी संपर्कों, फंडिंग स्रोतों और डेटा ट्रांसफर चैनलों को लेकर लगातार पूछताछ जारी है.
दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियां मिलकर इस नेटवर्क के ‘बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंक’ यानी पुराने और वर्तमान संपर्कों की पड़ताल कर रही हैं. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कई और गिरफ्तारियां संभव हैं.
आनंद तिवारीसंवाददाता
डेढ़ दशक से ज्यादा समय से पत्रकारिता में सक्रिय, आनंद तिवारी ने इंदौर, मध्यप्रदेश के देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की. वहीं से फ्रीलांसर के तौर पर दैनिक भास्कर से जुड़ गए. दिल्ली की पत्र...और पढ़ें
डेढ़ दशक से ज्यादा समय से पत्रकारिता में सक्रिय, आनंद तिवारी ने इंदौर, मध्यप्रदेश के देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की. वहीं से फ्रीलांसर के तौर पर दैनिक भास्कर से जुड़ गए. दिल्ली की पत्र...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 29, 2025, 06:26 IST

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