अमेरिकी सेना ने प्रशांत महासागर के पूर्वी हिस्से में ड्रग तस्करी करने वाली 4 बोट्स पर हवाई हमले किए, जिनमें 14 लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति जिंदा बचा. यह जानकारी अमेरिका के युद्ध सचिव पीट हेगसेथ ने दी. हेगसेथ ने बताया कि खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक ये नौकाएं उन समुद्री रास्तों से गुजर रही थीं, जो नशे की तस्करी के लिए मशहूर हैं.
जांच में पता चला था कि इन नौकाओं पर भारी मात्रा में मादक पदार्थ लदे हुए थे. उन्होंने कहा कि ये कार्रवाई राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस नए अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में एक्टिव ड्रग नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई की जा रही है. युद्ध सचिव के मुताबिक पहले हमले में आठ, दूसरे में चार और तीसरे हमले में तीन तस्कर मारे गए. कुल 14 लोगों की मौत हुई और एक व्यक्ति जीवित बचा, जिसे खोजने के लिए अमेरिकी दक्षिणी कमान (USSOUTHCOM) ने खोज और बचाव अभियान शुरू किया. बाद में यह जिम्मेदारी मेक्सिको की नौसेना ने संभाल ली.
14 नौकाओं में 57 की मौत
इन हमलों के बाद अब तक अमेरिका ने सितंबर की शुरुआत से 13 अभियान चलाए हैं, जिनमें कुल 14 नौकाएं तबाह की गईं और 57 लोगों की मौत हुई है. तीन लोग जिंदा पकड़े गए हैं. हाल ही में दो अन्य बचे लोगों को अमेरिकी नौसेना ने हिरासत में लेकर उनके देशों — इक्वाडोर और कोलंबिया को सौंप दिया था.
मेक्सिको राष्ट्रपति ने क्या कहा?
मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनके देश को इस अभियान की जानकारी पहले ही दी गई थी. उन्होंने बताया कि घटनाएं अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में हुईं और विदेश मंत्री जुआन रामोन डे ला फुएंते को निर्देश दिया गया है कि वे अमेरिकी राजदूत रॉन जॉनसन और मेक्सिको की नौसेना से समन्वय करें.
सीधे हवाई हमले का अधिकार
सीएनएन की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि ट्रंप प्रशासन ने एक गोपनीय कानूनी राय तैयार की है, जिसमें ड्रग तस्करों को 'दुश्मन लड़ाके' (enemy combatants) के तौर पर परिभाषित किया गया है. इस वर्गीकरण से अमेरिकी सेना को बिना अदालत की मंजूरी लिए सीधे हवाई हमले करने का अधिकार मिल गया है.

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