First City in the World: दुनिया का पहला असली शहर उरुक (Uruk) को कहा जाता है. यह आज के इराक में बसा था जो पहले मेसोपोटामिया सभ्यता में था. करीब 4500 ईसा पूर्व इसकी शुरुआत हुई और यह 4000 ईसा पूर्व के आसपास एक बड़े, संगठित शहरी के रूप में यह विकसित होता रहा. आइए जानते हैं.
उरुक को पहला शहर क्यों कहा गया?
उरुक को इसलिए पहला शहर कहा जाता है क्योंकि यहां विशाल इमारतें, मंदिर, प्रशासनिक व्यवस्था और दुनिया की पहली लिखावट क्यूनिफॉर्म के साथ कई चीजों की शुरुआत हुई थी. हालांकि इससे भी पुराने बसे जैसे जेरिको मौजूद थे, लेकिन उन्हें शहर की लिस्ट में नहीं रखा जाता है.
बता दें कि उरुक पहली ऐसी जगह थी जिसने पूरी तरह विकसित शहरी जीवन, अच्छे समाज की कल्पना और सांस्कृतिक प्रभाव भी दिखाया था. उरुक का विकास 4100 से 2900 ईसा पूर्व के बीच अपने चरम पर था. इसी समय इसने सभ्यता की नींव रखने वाली कई खोजें और सिस्टम को बनाया था
कितना बड़ा था उरुक?
उरुक का आकार भी इसे “पहला शहर” साबित करने में अहम भूमिका निभाता है. इतिहासकार बताते हैं कि शहर में करीब 50,000 लोग रहते थे. साथ ही पूरी नगरी को लगभग 9.5 किलोमीटर लंबी दीवार ने घेर रखा था. बता दें कि आसपास का इलाका भी उन्नत कृषि और व्यापार से जुड़ा हुआ था. हैरानी की बात ये हैं कि इतना बड़ा और संगठित शहर उस समय दुनिया में कहीं और मौजूद नहीं था.
क्या उरुक से पहले कोई और शहर था?
कुछ दावे एरिडू (Eridu) को सबसे पहला बसने वाला बताते हैं, जिसकी शुरुआत लगभग 5400 ईसा पूर्व मानी जाती है. लेकिन इतिहासकारों का मानना है कि एरिडू धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण था लेकिन आकार में छोटा था. वहां शहरी प्रशासन या बड़े सामाजिक ढांचे नहीं थे. इसीलिए उसे पहला असली शहर नहीं माना जाता है.
उरुक की मुख्य खोजें और इनोवेशन्स
बता दें कि दुनिया की पहली लिखावट क्यूनिफॉर्म व्यापार, कानून, कहानी और रिकॉर्ड रखने के लिए इस्तेमाल होती थी. यही मानव समाज के प्रशासन और ज्ञान के विकास की शुरुआत मानी जाती है. उरुक में बड़े मिट्टी-ईंटों के जिग्गुराट जैसे मंदिर बने, जो धार्मिक और सामाजिक केंद्र माने जाते थे. यहां कारीगर, पुजारी, लेखक और प्रशासक जैसे अलग-अलग वर्ग मौजूद थे. जो आधुनिक शहरों के लिए आधार बन पाया.

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