दुनिया का वो देश जिसे कोई नहीं कर सका पराजित, बड़े-बड़े महारथियों को खाली हाथ लौटना पड़ा, जानें...

1 week ago

Independence Day 2025:  भारत हर साल 15 अगस्त को आज़ादी का जश्न मनाता है, लेकिन दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जिन्हें आजादी के लिए कभी लड़ना ही नहीं पड़ा, क्योंकि वे कभी गुलाम बने ही नहीं. इनमें नेपाल का नाम सबसे पहले आता है, जिसने सदियों से बाहरी ताकतों को नाकाम किया और अपनी संप्रभुता बरकरार रखी.

इतिहास में भारत समेत दुनिया के कई बड़े-बड़े देशों पर विदेशी ताकतों ने राज किया. भारत पर मुगलों और अंग्रेजों ने लंबे समय तक शासन किया. लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं जहां कभी बाहरी ताकत का सीधा शासन नहीं हो पाया. इंडियाटाइम्स और वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू के मुताबिक, नेपाल, भूटान, थाईलैंड, जापान, सऊदी अरब, ईरान और चीन जैसे देशों ने कभी गुलामी का स्वाद नहीं चखा. चीन में राजशाही शासन जरूर रहा, लेकिन यूरोपीय ताकतें वहां औपनिवेशिक शासन स्थापित नहीं कर पाईं. हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से कुछ देश समय-समय पर परोक्ष रूप से बड़े देशों के प्रभाव में जरूर रहे.

नेपाल क्यों नहीं बना गुलाम?

दिल्ली से महज 600-700 किलोमीटर दूर स्थित नेपाल पर इतिहास में कई बार हमले हुए, लेकिन किसी भी ताकत ने यहां स्थायी राज नहीं किया. 1349 में बंगाल के सुल्तान शमसुद्दीन इलियास शाह ने काठमांडू पर हमला किया, लेकिन गोरखा सेना ने उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. 18वीं सदी में मीर कासिम ने भी कोशिश की, मगर नतीजा वही रहा गोरखा सेना ने उसे भी हरा दिया.

अंग्रेजों से गोरखा युद्ध और ऐतिहासिक समझौता

1814 से 1816 के बीच अंग्रेजों और गोरखाओं के बीच गोरखा युद्ध हुआ. लड़ाई में किसी भी पक्ष को निर्णायक जीत नहीं मिली. नतीजतन ‘सुगौली की संधि’ हुई, जिसमें गोरखाओं ने कुमाऊं और गढ़वाल अंग्रेजों को सौंप दिया, जबकि अंग्रेजों ने वचन दिया कि वे नेपाल पर दोबारा हमला नहीं करेंगे. इस समझौते के बाद नेपाल अपनी संप्रभुता के साथ आज तक आज़ाद है, इसके साथ इतिहास में कभी भी किसी का गुलाम नहीं बना.

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