दुश्मन पनडुब्बियों का यमराज! नेवी में शामिल हुआ MH-60R रोमियो हेलिकॉप्टर

2 hours ago

Last Updated:December 17, 2025, 16:37 IST

Indian Navy News: भारतीय नौसेना ने गोवा के INS हंसा में एमएच-60आर ‘रोमियो’ हेलिकॉप्टर स्क्वाड्रन IANS-335 को कमीशन किया. यह अत्याधुनिक हेलिकॉप्टर पनडुब्बी रोधी युद्ध, समुद्री निगरानी और स्ट्राइक मिशनों में दुश्मन के लिए यमराज साबित होगा.

भारतीय नौसेना की ताकत में एक और बड़ा अध्याय जुड़ गया है. गोवा स्थित आईएनएस हंसा में भारतीय नौसेना ने अपने दूसरे एमएच-60आर ‘रोमियो’ हेलिकॉप्टर स्क्वाड्रन INS-335 ‘ओस्प्रेयस’ को आधिकारिक रूप से कमीशन कर दिया है. यह समारोह नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी की मौजूदगी में हुआ. इस स्क्वाड्रन की तैनाती न सिर्फ नौसेना की समुद्री निगरानी क्षमता को मजबूत करेगी, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सामरिक पकड़ को भी नई धार देगी.

IANS-335 का कमीशन होना भारतीय नौसेना के आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भर सैन्य क्षमता के लक्ष्य की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है. यह स्क्वाड्रन पहले से सक्रिय एमएच-60आर हेलिकॉप्टरों के अनुभव और ऑपरेशनल डेटा पर आधारित है, जो कई मौकों पर अपनी उपयोगिता साबित कर चुके हैं. नौसेना के लिए यह हेलिकॉप्टर सिर्फ एक उड़ने वाला प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि समुद्र में हर खतरे पर नजर रखने वाला ‘आई, ईयर और फर्स्ट हंटर’ बनकर उभरा है.

INAS-335 के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन धीरेंद्र बिष्ट ने कहा कि इस स्क्वाड्रन की शुरुआत से नौसेना की ऑपरेशनल रेडीनेस में बड़ा इजाफा होगा. उनका कहना है कि एमएच-60आर एक ऐसा मल्टी-रोल हेलिकॉप्टर है, जो समुद्री निगरानी, स्ट्राइक मिशन और अंडरसी वॉरफेयर में निर्णायक भूमिका निभाता है. यह प्लेटफॉर्म युद्ध की स्थिति में फ्लीट को रियल-टाइम जानकारी देकर दुश्मन की हर चाल को नाकाम करने की क्षमता रखता है.

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एमएच-60आर 'रोमियो' को दुनिया के सबसे आधुनिक नौसैनिक हेलिकॉप्टरों में गिना जाता है. यह हर मौसम में, दिन और रात दोनों समय ऑपरेशन करने में सक्षम है. इसकी उन्नत एवियोनिक्स, अत्याधुनिक सेंसर और लंबी उड़ान क्षमता इसे बेहद घातक बनाती है. वरिष्ठ पायलट लेफ्टिनेंट कमांडर प्रखर भार्गव के मुताबिक यह हेलिकॉप्टर पनडुब्बी रोधी युद्ध, सतह निगरानी और सर्च एंड रेस्क्यू जैसे मिशनों में भारतीय नौसेना को अभूतपूर्व बढ़त देता है.

हथियारों की बात करें तो एमएच-60आर किसी उड़ते हुए शस्त्रागार से कम नहीं है. इसमें हेलफायर मिसाइलें, मार्क-54 टॉरपीडो, रॉकेट और मशीन गन तैनात की जा सकती हैं. इसके अलावा अत्याधुनिक डिपिंग सोनार, सोनोबॉय लॉन्च सिस्टम और मल्टी-मोड रडार इसे समुद्र की गहराइयों में छिपी दुश्मन पनडुब्बियों को खोज निकालने में सक्षम बनाते हैं. यह क्षमता भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में गेमचेंजर साबित हो सकती है.

सेल्फ-डिफेंस के मोर्चे पर भी एमएच-60आर बेहद मजबूत है. इसमें इंफ्रारेड काउंटरमेजर, चैफ-फ्लेयर सिस्टम जैसे सुरक्षा उपकरण लगे हैं, जो खतरा महसूस होते ही स्वतः सक्रिय हो जाते हैं. यह हेलिकॉप्टर INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत जैसे एयरक्राफ्ट कैरियर से टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकता है. यानी समुद्र हो या तट, भारतीय नौसेना को हर मोर्चे पर ऑपरेशनल आजादी मिलती है.

तकनीकी रूप से भी एमएच-60आर बेहद प्रभावशाली है. अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित यह हेलिकॉप्टर 64 फीट 10 इंच लंबा है और इसका अधिकतम वजन हथियारों के साथ 10,659 किलोग्राम तक पहुंचता है. इसकी टॉप स्पीड 260 किलोमीटर प्रति घंटा है IANS-335 की तैनाती के साथ भारतीय नौसेना की समग्र विमानन क्षमता को जबरदस्त बढ़ावा मिला है और यह साफ संकेत है कि समुद्र में भारत की सुरक्षा अब और ज्यादा अभेद्य होने जा रही है.

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First Published :

December 17, 2025, 16:37 IST

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