नई दिल्ली (Foreign University Campuses in India). यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ने 2023 की गाइडलाइंस के तहत भारत में कैंपस स्थापित करने के लिए 5 विदेशी यूनिवर्सिटी को मान्यता दे दी है. ये सभी विश्वविद्यालय 2026-2027 के बीच भारत में अपने कैंपस शुरू करने की योजना बना रही हैं. विदेशी यूनिवर्सिटी के कैंपस भारत में स्थापित हो जाने से उन भारतीय स्टूडेंट्स को काफी राहत मिलेगी, जो हायर एजुकेशन के लिए विदेश जाते थे.
विदेशी यूनिवर्सिटी के कैंपस भारत में खुलने से स्टूडेंट्स कम फीस में विदेशी डिग्री अपने ही देश से हासिल कर सकेंगे. सभी फॉरेन यूनिवर्सिटी को भारत में कैंपस स्थापित करने से पहले यूजीसी के हर नियम का पालन करना होगा. ऐसा नहीं करने पर उनकी मान्यता रद्द की जा सकती है (UGC Guidelines). यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन यानी यूजीसी ने अभी तक इस बात की जानकारी नहीं दी है कि ये कैंपस भारत के किन शहरों में खोले जाएंगे.
भारत में कैंपस खोलेंगी ये विदेशी यूनिवर्सिटी
यूजीसी ने फिल्हाल नीचे लिखी 5 विदेशी यूनिवर्सिटी को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति दी है. इन सभी को जल्द ही यूजीसी के साथ अपनी सभी फॉर्मेलिटी पूरी करनी होंगी-
1- वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया
लोकेशन: सिडनी, ऑस्ट्रेलिया
रैंकिंग: QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में 375वां
विशेषता: रिसर्च, इनोवेशन और कम्युनिटी इंगेजमेंट
2- इलिनॉयस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT), यूएसए
लोकेशन: शिकागो, अमेरिका
रैंकिंग: QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में 601–610
विशेषता: इंजीनियरिंग, विज्ञान और टेक्नोलॉजी में स्पेशलाइजेशन
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3- इंस्टीट्यूटो यूरोपियो डी डिज़ाइन (IED), इटली
लोकेशन: मिलान, इटली
रैंकिंग: QS रैंकिंग में विषय-विशिष्ट (डिज़ाइन और फैशन) में उच्च स्थान
विशेषता: डिज़ाइन, फैशन और विजुअल आर्ट्स में स्पेशलाइजेशन
4- यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल, यूके
लोकेशन: लिवरपूल, यूनाइटेड किंगडम
रैंकिंग: QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में 165वां
विशेषता: लॉ, बिजनेस और हेल्थ साइंसेज के लिए मशहूर
5- विक्टोरिया यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया
लोकेशन: मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया
रैंकिंग: QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में 741–750
विशेषता: फ्लेक्सिबल लर्निंग मॉडल, बिजनेस, IT और हॉस्पिटैलिटी में प्रैक्टिकल एजुकेशन
स्टूडेंट्स के लिए फायदे का सौदा
विदेशी यूनिवर्सिटी के कैंपस भारत में खुल जाने से भारतीय स्टूडेंट्स को कई फायदे मिलेंगे. जानिए इनके बारे में-
1- कम फीस पर ग्लोबल एजुकेशन: विदेशी यूनिवर्सिटी की डिग्री भारत में ही कम फीस (विदेश की तुलना में 50-70% कम) पर उपलब्ध होगी.
2- उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा: QS रैंकिंग में टॉप यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग, बिजनेस, डिज़ाइन और हेल्थ साइंसेज में विश्वस्तरीय पाठ्यक्रम मिलेंगे.
3- ग्लोबल मान्यता: इन विश्वविद्यालयों की डिग्री इंटरनेशनल स्तर पर मान्य होगी, जिससे विदेश में नौकरी और उच्च शिक्षा के अवसर बढ़ेंगे.
4- मॉडर्न टीचिंग मेथड: प्रैक्टिकल और इंडस्ट्री-ओरिएंटेड शिक्षण (जैसे, फ्लेक्सिबल लर्निंग, रिसर्च-बेस्ड प्रोजेक्ट्स) से स्किल्स में सुधार होगा.
5- विदेश जाने की जरूरत नहीं: स्टूडेंट्स को वीजा, यात्रा और विदेश में रहने की उच्च लागत बचाने में मदद मिलेगी.
6- स्थानीय रोजगार अवसर: विदेशी कैंपस स्थानीय इंडस्ट्रीज के साथ सहयोग करेंगे, जिससे इंटर्नशिप और प्लेसमेंट के अवसर बढ़ेंगे.
7- सांस्कृतिक और भाषाई सुविधा: भारत में पढ़ाई से भाषा और सांस्कृतिक बाधाएं कम होंगी, जिससे सीखना आसान होगा.
8- NEP 2020 के अनुरूप शिक्षा: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इनोवेशन और मल्टी-डिसिप्लिनरी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा.
9- स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ेगी: ज्यादा सीटें उपलब्ध होने से प्रतिस्पर्धी प्रवेश परीक्षाओं (जैसे JEE, NEET) पर निर्भरता कम होगी.
10- विशिष्ट कोर्स: डिज़ाइन, फैशन और हॉस्पिटैलिटी जैसे विशेष कोर्स भारत में उपलब्ध होंगे, जो पहले सीमित थे.
नोट: ये विश्वविद्यालय 2026-2027 में कैंपस शुरू करेंगे और दाखिला प्रक्रिया की जानकारी UGC www.ugc.gov.in या विश्वविद्यालयों की वेबसाइट्स पर उपलब्ध होगी.
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