Last Updated:August 04, 2025, 10:36 IST
गुजरात में दो दोस्तों की दोस्ती ने मिसाल कायम किया. दोनों दोस्तों के परिवार की चार पीढ़ी एक छत के नीचे पिछले 80 साल से एक सात रह रही है. वो भी उस दौर में जब लोग न्यूक्लियर परिवार पर ज्यादा जोर देते हैं.

हम एक ऐसे दौर से गुजर रहे हैं, जहां बच्चे माता-पिता के साथ, बहुएं ससुराल के घर में, भाई-भाई के साथ एक छत के नीचे रहना पसंद नहीं करता है. इसी दौर में दो शख्स एक ऐसा उदाहरण पेश कर रहे हैं, जिससे आज के पीढ़ियां सबक ले सकती हैं. इन दोनों देशों के बीच कोई खून का रिश्ता नहीं है, फिर भी इनके परिवार की चार पीढ़ी 8 दशकों से एक साथ, एक छत के नीच रह रही है. इनके पोते-पोतियां भी इस चलन का निर्वहन कर रही है. चलिए जानते हैं गुजरात के इस परिवार के बारे में. क्यों हैं चर्चा में, क्या है इनके रिश्तों में खास?
मैत्री- एक ऐसी दुनिया है, जहां दो परिवार 8 दशकों से यानी कि 80 साल से एक साथ रह रही है. दोनों के बीच खून का रिश्ता नहीं है, मगर खून के रिश्ता से भी मजबूत इनका रिश्ता है. गुजरात के भटार स्थित बंगले ‘मैत्री’ में कदम रखते ही आपको कुछ खास दिखाई देगा: गहरी दोस्ती का नजारा. यह पिता से बेटों तक और अब पोते-पोतियों और परपोते-परपोतियों तक, एक अनमोल पारिवारिक खजाने की तरह पहुंच गई है. दोनों परिवार 80 सालों से इस घर में रह रहे हैं.
कहानी शुरू से शुरू करते हैं-
सब कुछ 1940 से शुरू हुआ. दो लड़के बिपिन और गुणवंत एक सरकारी स्कूल में मिले. घर पास-पास ही था, तो साथ-साथ स्कूल भी जाते थे. दोपहर का खाना साथ खाते थे और सपनों की दुनिया में खोए रहते थे. बचपन में तो कभी सोचा भी नहीं होगा कि उनकी दोस्ती न सिर्फ उनके जीवन को, बल्कि उनके बच्चों और पोते-पोतियों के जीवन को भी साथ-साथ ला देगी. दोनों की दोस्ती इतनी खास है कि खेती से लेकर डेयरी चलाने से लेकर उन्होंने हर काम साथ-साथ किया है.
महात्मा गांधी से जुड़े
देश के स्वतंत्रता आंदोलन का दौर चल रहा था. सन 1942 में महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वान किया था. पूरे देश से युवाओं ने इस आंदोलन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. तो ये युवा बिपिन देसाई और गुणवंत देसाई कैसे पीछे रहते. अभी मैट्रिक की पढ़ाई पूरी हुई थी कि दोनों स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े. दोनों साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ पर्चे बांटे, विरोध प्रदर्शन आयोजित किए और यहां तक कि साथ-साथ जेल भी गए.
साथ में कृषि की पढ़ाई
देश की आजादी के बाद दोनों एक साथ पुणे के कृषि विश्वविद्यालय गए. स्नातक पूरा करने के बाद दोनों सूरत लौट आए. साझेदार के तौर पर उन्होंने खेती से लेकर डेयरी चलाने तक, ठेकेदारी से लेकर विभिन्न व्यवसायों तक, उन्होंने हर काम साथ-साथ किया. वे दोनों एक साधारण मिट्टी के घर में रहते थे. उस क्षेत्र के चाणक्यपुरी के नाम से जाना जाता था. मगर, शादी होने के बाद जब उनका परिवार बड़ा हुआ तब भी दोनों ने अलग रहने के बारे में नहीं सोचा. 1970 में उन्होंने ‘मैत्री’ नाम का एक डुप्लेक्स बनवाया. इसमें हर परिवार के लिए अलग-अलग कमरे थे और घर में सभी सदस्यों के लिए शेयरिंग ड्राइंग रूम था. ये घर का केंद्र था.
अब बेटे विरासत को बढ़ा रहे हैं
बिपिन के बेटे गौतम देसाई (70) और गुणवंत के बेटे परिमल देसाई (63) दोस्ती की इस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. परिमल कहते हैं, ‘इस घर में पिछले कुछ सालों में कई बदलाव हुए हैं, लेकिन गौतम और मैं अब भी अपने परिवारों के साथ यहीं रहते हैं. हमारे बेटे हार्दिक और राहुल के बीच भी एक अद्भुत रिश्ता है.’
दोस्ती में क्या थी खास
उनके पिताओं की दोस्ती को और भी खास बनाने वाली बात थी उनके अलग-अलग स्वभावों को समझने की उनकी क्षमता. बिपिन रूढ़िवादी थे जबकि गुणवंत अपने विचारों में आधुनिक थे. गौतम बताते हैं, ‘समाज में बहुत कम लोग जानते थे कि हमारे पिता दोस्त थे. ज़्यादातर लोग उन्हें भाई मानते थे. जब भी परिमल को किसी भी चीज के लिए अनुमति की जरूरत होती, तो वह अपने पिता के बजाय अनुमति के बजाय मेरे पिता के पास जाते. इसी तरह, गुणवंत काका हमेशा मेरे साथ खड़े रहते और अगर मुझे किसी भी तरह की अनुमति की जरूरत होती, तो वे मेरे पिता की बात मानने से नहीं हिचकिचाते.‘
नई पीढ़ी भी निभा रही रिश्ता
आज की पीढ़ी में भी यह रिश्ता मज़बूत बना हुआ है. जब परिमल यूरोप दौरे पर गए, तो वे गौतम की बेटी को भी साथ ले गए. परिमल के बेटे हार्दिक का गौतम के साथ गहरा रिश्ता है. परिमल की पोती व्योमी अक्सर गौतम की बहू के साथ खाना खाती है और गौतम का पोता द्विज परिमल के परिवार के साथ खाना पसंद करता है. गौतम की पत्नी जानवी और परिमल की पत्नी तृप्ति इस पारिवारिक बंधन को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती रही हैं. तृप्ति कहती हैं, ‘हमने साथ में खाना बनाया है, साथ में खरीदारी की है और हमारे कई अनुभव साझा हैं.’
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...
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First Published :
August 04, 2025, 10:36 IST