द्वारका हमला याद दिलाकर अपनी किरकिरी कराई, पाक की खिसियाहट का नमूना तो देखिए

4 hours ago

Last Updated:May 20, 2025, 18:52 IST

पाक पीएम शहबाज शरीफ ने कराची पोर्ट पर कहा कि उनकी नौसेना भारत के ठिकानों को निशाना बनाने में सक्षम है. 1965 में पाक नौसेना ने द्वारका पर हमला किया था, लेकिन रडार को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था.

द्वारका हमला याद दिलाकर अपनी किरकिरी कराई, पाक की खिसियाहट का नमूना तो देखिए

पाकिस्तान ने 1965 के द्वारका हमले की याद दिलाकर अपनी किरकिरी करवाई.(Image:AI)

हाइलाइट्स

पाक पीएम ने कहा उनकी नौसेना भारत के ठिकानों को निशाना बना सकती है.1965 में पाक नौसेना ने द्वारका पर हमला किया था, रडार को नुकसान नहीं हुआ.पाकिस्तानी गोले मंदिर और रेलवे स्टेशन के पास गिरे, कोई हताहत नहीं हुआ.

नई दिल्ली. पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने एक बार फिर शेखी बघारते हुए कहा कि उनकी नौसेना ‘ऑपरेशन द्वारका’ की तरह भारत के ठिकानों को एक बार फिर से निशाना बनाने में पूरी तरह सक्षम है. ये बात उन्होंने कराची पोर्ट पर कही. पाकिस्तानी नौसेना ने 1965 में 7-8 सितंबर की दरम्यानी रात को द्वारका पर गोले दागे थे. इसका मकसद वहां की रडार सुविधा को निशाना बनाना था. भारत के मुताबिक रडार को कोई खरोंच तक नहीं आई. पाकिस्तानी नौसेना के ज्यादातर गोले रेलवे स्टेशन और एक मंदिर के आसपास गिरे.

भारतीय नौसेना के आधिकारिक दस्तावेजों के मुताबिक लगभग 23.55 बजे, पाकिस्तानी जहाजों ने द्वारका पर 20 मिनट से अधिक समय तक गोलाबारी की. जहाजों ने लगभग 50 गोले दागे, जिसमें पाकिस्तानी क्रूजर पीएनएस बाबर द्वारा दागे गए 5.25 इंच के गोले भी शामिल थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकांश गोले मंदिर और रेलवे स्टेशन के बीच गिरे, जो लाइटहाउस से 3 किमी (1.9 मील) दूर था.

कुछ इमारतों को नुकसान पहुंचा, रेलवे गेस्ट हाउस और एक सीमेंट फैक्ट्री को काफी नुकसान पहुंचा. नुकसान से निकलने वाला धुआं लगभग 20 किमी (12 मील) दूर पाकिस्तानी युद्धपोतों को दिखाई दे रहा था. बमबारी के दौरान रडार इंस्टॉलेशन पर गोलाबारी की गई, लेकिन भारतीय स्रोतों के अनुसार न तो रडार को नुकसान पहुंचा और न ही कोई हताहत हुआ. फ्रिगेट आईएनएस तलवार मरम्मत के लिए पास के ओखा पोर्ट में था और उसने हस्तक्षेप नहीं किया.

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हीरानंदानी के भारतीय नौसेना के इतिहास में कहा गया है कि अगली सुबह उन्हें नुकसान का आकलन करने के लिए द्वारका में एक टीम भेजने का निर्देश दिया गया. टीम ने पाया कि ज़्यादातर गोले मंदिर और रेडियो स्टेशन के बीच की नरम मिट्टी पर गिरे थे और फट नहीं पाए. हवाई हमले में रेलवे इंजन क्षतिग्रस्त हो गया और रेलवे गेस्टहाउस का एक हिस्सा नष्ट हो गया. इस हमले के बाद कुल 40 बिना फटे गोले भी बरामद किए गए. इन गोलों पर ‘भारतीय आयुध’ का निशान था. ये भारत और पाकिस्तान के विभाजन से पहले 1940 के दशक के गोले थे.

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Rakesh Singh

Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in ...और पढ़ें

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