Last Updated:November 14, 2025, 11:24 IST
How to Make Gold : क्या आपको पता है कि धरती पर सोना कहां से आया. वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका निर्माण धरती के बनने से भी कहीं पहले हुआ था. सवाल यह है कि अगर यह कहीं और बना था तो फिर धरती तक कैसे पहुंचा.
सोने की उम्र धरती से भी ज्यादा पुरानी बताई जाती है. नई दिल्ली. सोने के पीछे आज पूरी दुनिया पागल है. आम आदमी की तो बात ही छोड़ दीजिए, सभी देशों के बैंक भी लगातार सोने की खरीद कर रहे हैं. सोना आज की दुनिया की पसंद नहीं है, बल्कि इसकी दीवानगी से पूरा इतिहास भरा पड़ा हुआ है. राजा-महाराजा इसके लिए युद्ध लड़ते थे, तो तमाम रसायनवेत्ताओं ने अपनी लैब में भी सोना बनाने की कोशिश की. अब सवाल यह उठता है कि आखिर धरती पर सोना आया कहां से. कुछ वैज्ञानिकों और शोध में कहा गया है कि सोना हमारी धरती से भी ज्यादा पुराना है तो फिर यह कहां बना और कैसे हमारे पास तक पहुंचा, इसकी कहानी बड़ी दिलचस्प है.
वैज्ञानिक शोध से यह साबित हो चुका है कि धरती पर मौजूद सोने-चांदी का हर एटम इस ग्रह के अस्तित्व में आने से पहले ही अपनी यात्रा शुरू कर चुका था. माना जाता है कि सोने और चांदी के एटम उन तारों के अंतर थे, जो जीवित थे और बाद में खत्म हो गए. लेकिन, सवाल यह उठता है कि फिर यह धरती तक कैसे पहुंचा और हमारे ग्रह अभी सोने का कितना कितना भंडार है. इसके अलावा ब्रह्मांड में कितना सोना हो सकता है. इन सबकी जानकारी शुरुआत से करते हैं.
कैसे हुई इसकी शुरुआत
वैज्ञानिकों का जैसा अनुमान है कि ब्रह्मांड की शुरुआत 13.8 अरब साल पहले एक बिग बैंग से हुई थी. तब एक विशाल ऊर्जा विस्फोट ने हाइड्रोजन, हीलियम और लीथियम बनाया. तब कोई भारी तत्व नहीं था. धीरे-धीरे तारे का निर्माण हुआ और इस तारे के केंद्र में मौजूद गुरुत्वाकर्षण ने हाइड्रोजन को हीलियम में बदल दिया, जिससे ऊर्जा और प्रकाश पैदा हुआ, जैसा कि आज हमारे सूरज के साथ होता है. धीरे-धीरे हीलियम को भी कार्बन, ऑक्सीजन, सिलिकॉन और लोहे में बदल देते हैं, लेकिन जब तारे का केंद्र लोहे से भर जाता है तो वह खत्म हो जाता है. विस्फोट से तारों के खत्म होने की इस प्रक्रिया के दौरान ही खास रासायनिक प्रतिक्रिया होती है. इसके कारण ही न्यूट्रॉन की बमबारी होती है और सोने-चांदी, प्लेटिनम, यूरोनियम जैसी धातुओं का निर्माण होता है.
साल 2017 में पैदा हुआ 10 धरती के बराबर सोना
वैज्ञानिकों ने साल 2017 में अतंरिक्ष में एक ऐसे धमाके और रासायनिक प्रक्रिया की खोज की, जिसने 10 धरती के वजन के बराबर सोने का निर्माण किया. दरअसल, एक न्यूट्रॉन तारा या यूं कहें कि मरता हुआ तारा सिर्फ 20 किलोमीटर चौड़ा होता है, जिसका इसका द्रव्यमान सूर्य से भी कहीं ज्यादा हो जाता है. यह तारा इतना सघन होता है कि इसका एक चम्मच पदार्थ अरबों टन वजन का होगा. साल 2017 में वैज्ञानिकों ने 1.30 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर ऐसे ही एक टकराव से उत्पन्न तरंगों का पता लगाया. खगोलविदों का अनुमान है कि इस विस्फोट से 10 पृथ्वी के वजन के बराबर सोने का निर्माण हुआ है, जबकि इससे कई गुना ज्यादा प्लेटिनम का निर्माण हुआ.
सोना असल में ब्रह्मांडीय विस्फोट की राख है
खगोल भौतिक विज्ञानी जेनिफर जॉनसन का कहना है कि जब भी आप एक सोने का टुकड़ा हाथ में पकड़ते हैं तो असल में आप ब्रह्मांड की राख को थामे हुए होते हैं. मतलब यह तो तय हो गया कि सोने का निर्माण धरती पर नहीं हुआ है, बल्कि यह धरती के बनने से काफी पहले ही अस्तित्व में आ चुका था. जैसा कि साल 2017 में हुए विस्फोट से सोने का निर्माण हुआ है. अगर यह सोना धरती पर आ जाए तो इसका वजन धरती से भी कहीं ज्यादा होगा.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
November 14, 2025, 11:24 IST

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