Last Updated:April 28, 2025, 14:28 IST
Kashmir Pahalgam Terror Attack: पहलगाम हमले के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास करने के लिए सोमवार 28 अप्रैल 2025 को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया. निंदा प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने...और पढ़ें

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा के विशेष सत्र में पहलगाम नरसंहार पर बड़ी बात कही है.
हाइलाइट्स
पहलगाम हमले के खिलाफ जम्मू-कश्मीर विधानसभा में निंदा प्रस्ताव पेशमुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में दिए भावुक स्पीच में कई बातें कहींसीएम ने कहा कि वे इस मौके पर पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग नहीं करेंगेश्रीनगर/नई दिल्ली. पहलगाम में निर्दोष हिन्दुओं के नरसंहार पर सोमवार 28 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में निंदा प्रस्ताव पेश किया गया. सदन के कई सदस्यों ने पहलगाम पर अटैक पर अपने विचार रखे और चर्चा में हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी चर्चा में हिस्सा लेते हुए नृशंस हत्या पर अपनी बात कही. सीएम उमर अब्दुल्ला निंदा प्रस्ताव पर स्पीच देते वक्त भावुक के साथ चेहरे से परेशान भी दिखे. एक ऐसे राज्य का मुखिया होना, जहां 26 निर्दोष लोगों से उनका धर्म पूछकर प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारकर हत्या कर दी गई, उनका परेशान होना स्वाभाविक भी है. विधानसभा में अपने भाषण के दौरान सीएम उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट तौर पर इसे बिना किसी लाग-लपेट के जाहिर भी कर दिया. उन्होंने धर्म पूछकर पर्यटकों की हत्या करने वाले आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा कि वह इस मौके पर किसी तरह की राजनीति नहीं करेंगे और न ही इस समय जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग करेंगे.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पूरा मुल्क इस हमले की चपेट में आया है. लोगों ने अपनों कोक खोया है. बच्चों ने पिता को खून से लिपटा हुआ देखा. सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘हमने उन्हें (पर्यटकों) जम्मू-कश्मीर में बुलाया था, पर उनलोगों को सुरक्षित उनके घर नहीं भेज सका. अगर मैं चाहूं भी तो माफी नहीं मांग सकता. इसके लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. हम में से कितने है जिनपर हमले हुए हैं. अगर हम गिनना शुरू करेंगे, तो हम गिनते-गिनते थक जाएंगे. हमारी छोटी बहन शगुन से लेकर सकीना तक किस-किस का नाम लूं. किसी ने पिता खोया, तो किसी ने अपा अंकल.’
‘उनलोगों का दुख-दर्द हमसे ज्यादा कौन समझेगा’
सीएम उमर अब्दुल्ला ने सालों पहले सिखों और कश्मीरी पंडितों पर हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि उनलोगों (आतंकी हमले में मारे गए पर्यटक) के दुखदर्द को इस असेंबली से ज्यादा और कोई समझ नहीं पाएगा. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘विश्वास नहीं होता है कि जब आप हमको पिछली बार चाय पिला रहे थे तो अगली बार श्रीनगर में मिलने की बात हुई थी. किसने सोचा था की आज हमको इस माहौल में मिलना पड़ेगा. हमने जब काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स से पहलगाम हमले की निंदा करने के लिए मीटिंग की तब यह तय हुआ था कि हम उपराजयपाल से गुज़ारिश करेंगे कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए.’ उन्होंने कहा कि 21 सालों में ऐसा बड़ा हमला नहीं हुआ था.
कोई राजनीति नहीं की जाएगी- उमर अब्दुल्ला
विधानसभा के विशेष सत्र में अपनी बात रखते हुए सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सुरक्षा जम्मू-कश्मीर सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन मैं इस अवसर पर राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग नहीं कर सकता. राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग करने का यह सही समय है. कोई राजनीति नहीं की जाएगी. राज्य का दर्जा और व्यापार शासन की कोई मांग नहीं होगी. हम मारे गए सभी लोगों के लिए प्रार्थना करेंगे. मैं सभी से प्रस्ताव का समर्थन करने का आग्रह करता हूं. मेरे पास अपने दर्द को व्यक्त करने या पीड़ित परिवारों से माफी मांगने के लिए शब्द नहीं हैं. कानून और व्यवस्था मेरे नियंत्रण में नहीं है, लेकिन पर्यटन मंत्री या मुख्यमंत्री के रूप में इन मेहमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी थी, लेकिन मैं ऐसा करने में विफल रहा.
Location :
Srinagar,Jammu and Kashmir
First Published :
April 28, 2025, 14:18 IST