Last Updated:November 24, 2025, 15:10 IST
Actor Dharmendra Passes Away : महान अभिनेता धर्मेंद्र अब इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन उनकी दी गई सीख आज भी कई कलाकारों की जिंदगी में रोशनी बनकर जल रही है. भोजपुरी स्टार पवन सिंह भी उन्हीं में से एक हैं. पवन सिंह के करीबी बताते हैं कि उनके हर कदम पर धर्मेंद्र की दी वह सीख आज भी असर डालती है जो उन्हें करियर की शुरुआत में मिली थी.
धर्मेंद्र से वो मुलाकात जिसने पवन सिंह को बदल दियापटना. साल 2013 में फिल्म ‘देश-परदेस’ की शूटिंग चल रही थी. पवन सिंह तब अपने करियर के शुरुआती दौर में थे… काम बढ़ रहा था, लोकप्रियता मिल रही थी और उनके हावभाव में वह शुरुआती स्टारडम भी दिखने लगा था. उसी दौरान उन्हें खबर मिली कि धर्मेंद्र उन्हें अपनी वैनिटी वैन में बुला रहे हैं. पवन बताते हैं कि वे बेहद घबराए हुए थे, लेकिन जैसे ही अंदर गए, धर्मेंद्र ने मुस्कुराते हुए कहा-आओ बेटा, बैठो. उसी मुलाकात में धर्मेंद्र ने एक ऐसी बात कही, जिसने पवन के व्यवहार, सोच और आगे की पूरी आगे की पेशेवर जीवन यात्रा को बदल दिया. उन्होंने कहा- पवन बेटा, जिदगी में पैर जमीन पर दबाकर रखना. सीना चौड़ा करके चलना, लेकिन सिर थोड़ा झुकाकर. पवन सिंह कई बार भावुक होकर कहते हैं- धरम पाजी का यह वाक्य मेरी आत्मा में उतर गया. जब भी मंच पर जाता हूं या किसी बड़े फैसले के सामने होता हूं तो उनकी बात रोशनी की तरह रास्ता दिखाती है.
स्टारडम का दौर और विनम्रता का मंत्र
भोजपुरी इंडस्ट्री में जब पवन सिंह का नाम तेजी से चमकने लगा था, तब उन्हें मिली यह सीख सिर्फ एक सलाह नहीं थी, बल्कि यह उनके व्यक्तित्व का सबसे मजबूत स्तंभ बन गई. जानकार बताते हैं कि पवन सिंह की लोकप्रियता सिर्फ ‘पावर स्टार’ वाली छवि से नहीं आती, बल्कि उस विनम्र व्यवहार से आती है जिससे वे लोगों से मिलते हैं. राजनीतिक या सांस्कृतिक मंचों पर उनका जोश हाई रहता है, लेकिन अहंकार नहीं दिखता. यह वही बात है जो धर्मेंद्र ने कही थी-सीना चौड़ा, पर सिर झुकाकर.
पवन सिंह को धर्मेंद्र की दी ‘विनम्रता वाली सीख’ आज भी दिशा देती है.
राजनीति में पवन सिंह का नया सफर
2024 के लोकसभा चुनाव में पवन सिंह ने काराकाट से चुनाव लड़ा था और हार गए थे. लेकिन अब वे फिर से बीजेपी के साथ सक्रिय हैं. उनकी भाषा, व्यवहार और जनता से जुड़ाव इस समय चर्चा का विषय है. कहा जा रहा है कि जिस तरह धर्मेंद्र की विनम्रता ने हिंदी सिनेमा में पीढ़ियों को प्रभावित किया, उसी तरह उनकी सीख ने पवन सिंह के राजनीतिक और सामाजिक व्यवहार पर गहरा असर छोड़ा है. धर्मेंद्र का जाना भोजपुरी इंडस्ट्री और पवन सिंह दोनों के लिए गहरा सदमा है. पवन अपने कई बार इंटरव्यू में यही कहते हैं-धरम पाजी सिर्फ सुपरस्टार नहीं थे, वे इंसानियत का रास्ता दिखाने वाले गुरु थे. उनकी सीख मेरे हर कदम में शामिल है.
रिश्ता जो पीढ़ियों को जोड़ता है
फिल्म इंडस्ट्री में अक्सर रिश्ते अस्थायी माने जाते हैं, लेकिन धर्मेंद्र और पवन सिंह का रिश्ता अपवाद था. धर्मेंद्र ने जिस सहजता से उन्हें समझाया, वह आज पवन सिंह की पहचान बन चुका है. स्टारडम, भीड़, राजनीति-इन सबके बीच वह सीख उन्हें जमीन से जोड़े रखती है. धर्मेंद्र के निधन के बाद यह कहानी सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि उस इंसानियत की मिसाल है, जिसे धर्मेंद्र ने पूरी उम्र जिया और जिसे पवन सिंह जैसे कलाकार आगे बढ़ा रहे हैं.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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First Published :
November 24, 2025, 15:10 IST

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