Last Updated:November 21, 2025, 18:29 IST
दुबई तेजस क्रैश: दुबई एयर शो 2025 में भारतीय वायुसेना का स्वदेशी LCA तेजस हादसे का शिकार हुआ, जिसमें पायलट की मौत हो गई. वायुसेना ने दुर्घटना की वजह जानने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी शुरू की है. यह जांच पायलट के अनुभव से लेकर ब्लैक बॉक्स डेटा तक हर तकनीकी व ऑपरेशनल पहलू का विश्लेषण करेगी ताकि भविष्य में ऐसे हादसे रोके जा सकें.
जांच के आदेश दे दिए गए हैं. दुबई तेजस क्रैश: दुबई एयर शो 2025 में भारतीय वायुसेना का अत्याधुनिक स्वदेशी लड़ाकू विमान LCA तेजस दुर्घटनाग्रस्त हो गया. शुक्रवार दोपहर हुए इस दुखद हादसे में पायलट की मौत हो गई. वायुसेना ने तुरंत कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दे दिया है. इस घटना से भारत की एयरोस्पेस क्षमताओं के वैश्विक प्रदर्शन को झटका लगा है. इस दुर्घटना के कारणों की पुष्टि फिलहाल नहीं हो सकी है, लेकिन कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के जरिए ही क्रैश का असली सच सामने आएगा. यह जांच दल दुर्घटना के तकनीकी, परिचालन और सुरक्षा से जुड़े हर पहलू का डीप एनालिसिस करेगा ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके. वायुसेना ने इस अपूरणीय क्षति पर दुख जताया है और शोकाकुल परिवार के साथ खड़े रहने की बात कही है.
किसी को दोषी ठहराना मकसद नहीं
किसी भी सैन्य विमान दुर्घटना के बाद कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (CoI) गठित करना एक स्टैंडर्ड प्रोसीजर होता है. यह एक उच्च-स्तरीय, औपचारिक जांच प्रक्रिया है जिसका मुख्य मकसद दुर्घटना के वास्तविक और सटीक कारणों का पता लगाना होता है. इसका मकसद किसी को दोषी ठहराना नहीं होता है. इसका लक्ष्य सिर्फ सत्य और कारण को स्थापित करना होता है.
कौन करता है इंक्वायरी?
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का गठन वायुसेना के ही एक सीनियर अधिकारी की अध्यक्षता में किया जाता है. इस जांच दल में आमतौर पर तकनीकी विशेषज्ञ, इंजीनियरिंग विशेषज्ञ, मेडिकल अधिकारी और ऑपरेशनल पायलट शामिल होते हैं. ये सभी मिलकर दुर्घटना के हर पहलू की जांच करते हैं.
जांच के दायरे में क्या-कुछ?
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का दायरा बहुत व्यापक होता है. इसमें सिर्फ दुर्घटना का अंतिम क्षण ही नहीं बल्कि पायलट का अनुभव, विमान का रखरखाव, मौसम की स्थिति और यहां तक कि एयर शो के दौरान ऑपरेशनल प्रोटोकॉल की भी जांच की जाती है. जांच दल सबसे पहले दुर्घटनास्थल से साक्ष्य जुटाता है. इसमें विमान के टुकड़े, पायलट का रिकॉर्ड, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से बातचीत के रिकॉर्ड और सबसे जरूरी फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) यानी ब्लैक बॉक्स का एनालिसिस शामिल होता है.
ब्लैक बॉक्स का होगा एनालिसिस
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में ब्लैक बॉक्स से मिले डेटा का डीप एनालिसिस किया जाता है. इससे उड़ान के आखिरी मिनटों में विमान की स्पीड, ऊंचाई, इंजन का परफॉर्मेंस और पायलट के कंट्रोल इनपुट की जानकारी मिलती है. सभी एविडेंस और गवाहों के बयानों के आधार पर एक विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार की जाती है. इस रिपोर्ट में दुर्घटना का कारण बताया जाता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव और सिफारिशें दी जाती हैं.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
November 21, 2025, 18:29 IST

1 hour ago
