नए S-400, सुपर ब्रह्मोस, MR-SAM मिसाइल... 33000 करोड़ की डील समझो पक्की

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Last Updated:October 23, 2025, 07:22 IST

रक्षा मंत्रालय की डिफेंस एक्विज़िशन काउंसिल की बैठक में 33,000 करोड़ रुपये के सौदे पर मुहर लग सकती है. इसमें S-400 ‘सुदर्शन चक्र’ एयर डिफेंस सिस्टम, MR-SAM मिसाइल प्रणाली, नए रॉकेट लॉन्चर और चार लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक शामिल हैं.

नए S-400, सुपर ब्रह्मोस, MR-SAM मिसाइल... 33000 करोड़ की डील समझो पक्कीरक्षा मंत्रालय की डिफेंस एक्विज़िशन काउंसिल की बैठक में 33,000 करोड़ रुपये के सौदे पर मुहर लग सकती है.

भारत अपनी वायु रक्षा क्षमता को और अधिक मजबूत करने जा रहा है. रक्षा मंत्रालय की डिफेंस एक्विज़िशन काउंसिल (DAC) की आज होने वाली अहम बैठक में तीनों सेनाओं के लिए कई बड़े रक्षा सौदों को मंजूरी मिलने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में भारतीय वायुसेना के लिए अतिरिक्त S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद को हरी झंडी मिल सकती है.

इसके साथ ही वायुसेना और नौसेना दोनों के लिए मध्यम श्रेणी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (MR-SAM) प्रणाली के अधिग्रहण को भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है. इस बैठक में सेना के लिए नए रॉकेट लॉन्चर और नौसेना के लिए चार लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक (LPDs) की खरीद पर भी चर्चा होगी. यह सौदा लगभग 33,000 करोड़ रुपये का बताया जा रहा है. इन एलपीडी जहाजों के आने से भारत की समुद्री ताकत और एम्फीबियस युद्धक क्षमता में खाजा इजाफा होगा.

सुदर्शन चक्र के लिए खरीदे जाएंगे नए S-400

सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने रूस से लगभग 10,000 करोड़ रुपये की नई मिसाइलों की खरीद का प्रस्ताव तैयार किया है. यह खरीद S-400 ‘सुदर्शन चक्र’ एयर डिफेंस सिस्टम के लिए की जाएगी, जिसने हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ हुए ऑपरेशन सिंदूर में निर्णायक भूमिका निभाई थी.

सूत्रों ने बताया, ‘रूसी पक्ष के साथ बातचीत जारी है. भारतीय वायुसेना इस सिस्टम के लिए बड़ी संख्या में मिसाइलें खरीदना चाहती है, ताकि लंबी दूरी तक मार करने और दुश्मन के हमलों को रोकने की क्षमता और मजबूत हो.’ रक्षा मंत्रालय इस प्रस्ताव पर आज की बैठक में विचार कर सकता है.

‘सुदर्शन चक्र’ कैसे बना गेमचेंजर

S-400 सिस्टम को भारतीय वायुसेना ने ‘सुदर्शन चक्र’ नाम दिया है. यह नाम भगवान विष्णु के दिव्य अस्त्र से प्रेरित है, जो गति, सटीकता और घातक मारक क्षमता का प्रतीक है. रूस का यह डिफेंस सिस्टम दुनिया की सबसे हाईटेक लॉन्ग-रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम में से एक है. यह 400 किलोमीटर तक के दायरे में दुश्मन के लड़ाकू विमान, ड्रोन, क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट कर सकता है, जबकि इसके रडार की पहचान सीमा 600 किमी तक है.

ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान इस सिस्टम ने 5 से 6 पाकिस्तानी लड़ाकू और एक जासूसी विमान को 300 किलोमीटर अंदर पाकिस्तान की सीमा में गिराने में अहम भूमिका निभाई थी. वायुसेना के अधिकारियों ने इसे ‘गेमचेंजर’ करार दिया था, जिसने पाकिस्तान की सैन्य रणनीति को पूरी तरह विफल कर दिया.

2018 में हुआ था 5 अरब डॉलर का समझौता

भारत ने अक्टूबर 2018 में रूस के साथ 5 अरब डॉलर (लगभग ₹40,000 करोड़) का सौदा किया था, जिसके तहत पांच S-400 स्क्वॉड्रन खरीदे जाने थे. अब तक तीन स्क्वॉड्रन भारत को मिल चुके हैं. एक पठानकोट क्षेत्र में तैनात है, जो पंजाब-जम्मू कश्मीर सेक्टर की निगरानी करता है, दूसरा राजस्थान-गुजरात कॉरिडोर में सक्रिय है, तीसरा सिलीगुड़ी कॉरिडोर में तैनात है, जो उत्तर-पूर्व की वायु सीमाओं की सुरक्षा करता है.

बाकी दो स्क्वॉड्रन की डिलीवरी अगले साल तक पूरी होने की संभावना है. हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण इसमें कुछ देरी हुई थी.

रूस के साथ नई डील की तैयारी

सूत्रों के मुताबिक, भारत ने रूस से S-400 के अतिरिक्त बैच और भविष्य में S-500 सिस्टम की संभावनाओं पर भी चर्चा शुरू कर दी है. साथ ही दोनों देश नई एयर-टू-एयर मिसाइलों और ब्रहमोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के अपग्रेड वर्ज़न पर भी काम कर रहे हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दिसंबर में प्रस्तावित भारत दौरे के दौरान इन रक्षा परियोजनाओं पर औपचारिक घोषणा होने की संभावना है.

तीनों सेनाओं की क्षमता में होगा बड़ा उछाल

DAC की बैठक में वायुसेना के अलावा थलसेना और नौसेना के प्रस्ताव भी शामिल हैं. थलसेना को नए मल्टी-बैरेल रॉकेट लॉन्चर मिल सकते हैं. इसके अलावा नौसेना को चार नए लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक (LPDs) मिलेंगे, जो समुद्री अभियानों और आपदा राहत मिशनों में बेहद अहम साबित होंगे.

इन सभी प्रस्तावों को मंजूरी मिलने पर भारत की सामरिक मारक क्षमता और रणनीतिक पहुंच में ऐतिहासिक बढ़ोतरी होगी.

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आज DAC की बैठक में S-400 मिसाइल सौदे और अन्य खरीद प्रस्तावों को मंजूरी मिल जाती है, तो यह भारत की रक्षा नीति में एक ‘मील का पत्थर’ साबित होगा. S-400 ‘सुदर्शन चक्र’ पहले ही दुश्मनों के लिए भय का पर्याय बन चुका है और अब इसके नए बैच आने से भारत की वायु सीमाएं और भी अभेद्य हो जाएंगी.

Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

October 23, 2025, 07:22 IST

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