नए उपराष्ट्रपति ने दिखा दिए तेवर, राज्यसभा के नेताओं को याद दिलाई लक्ष्मण रेखा

21 hours ago

Last Updated:October 08, 2025, 05:43 IST

Vice President CP Radhakrishnan: नए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने राज्यसभा में विपक्षी नेताओं संग बैठक कर लोकतंत्र में असहमति की अहमियत बताई. इसके साथ ही शालीनता और अनुशासन पर जोर दिया. उन्होंने सभी दलों से सहयोग की उम्मीद जताई और कहा कि 'लक्ष्मण रेखा' पार नहीं करनी चाहिए.

नए उपराष्ट्रपति ने दिखा दिए तेवर, राज्यसभा के नेताओं को याद दिलाई लक्ष्मण रेखाउपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने राज्यसभा में सुचारु कामकाज सुनिश्चित करने के लिए सभी दलों के नेताओं के साथ मुलाकात की.

राज्यसभा के नए सभापति और उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने संसद के ऊपरी सदन में सुचारु कामकाज सुनिश्चित करने के लिए मंगलवार को विपक्षी नेताओं के साथ पहली बैठक की. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट कहा कि ‘हम सबको बोलने का अधिकार है, यह हमारा कर्तव्य भी है, लेकिन ‘लक्ष्मण रेखा’ पार नहीं करनी चाहिए.’

राधाकृष्णन ने कहा कि लोकतंत्र में असहमति जरूरी है और विपक्ष की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा, ‘बिना मतभेद के लोकतंत्र नहीं हो सकता. लेकिन बहस के दौरान शालीनता बनाए रखना भी जरूरी है.’

सीपी राधाकृष्णन 9 सितंबर को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए थे. उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुधर्शन रेड्डी को हराकर 767 में से 452 वोट हासिल किए थे. बिहार विधानसभा चुनावों के बाद शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले राज्यसभा की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलाने के लिए उन्होंने फ्लोर लीडर्स के साथ यह बैठक की.

Hon’ble Vice-President and Chairman of Rajya Sabha, Shri C. P. Radhakrishnan met the Floor Leaders of various parties of Rajya Sabha today to discuss ways for ensuring the effective functioning of the Upper House.

उन्होंने बैठक के दौरान मजाकिया अंदाज में कहा कि अपनी शुरुआती टिप्पणी को वह अपना पहला भाषण मानते हैं और उम्मीद करते हैं कि कोई उन्हें बीच में नहीं टोकेंगे. इस बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और सीपीआई समेत विपक्षी दलों ने भी अपनी मांगें रखीं. विपक्ष ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान मंत्री संक्षिप्त और तथ्यात्मक जवाब दें, लंबे राजनीतिक भाषण न दें. छोटे दलों के लिए बहस में अधिक समय की मांग भी उठी.

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने कहा कि हर हफ्ते छोटी अवधि की एक चर्चा होनी चाहिए और विपक्ष की ओर से प्रायोजित कॉलिंग अटेंशन मोशन हर पखवाड़े में लिया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि संसद टीवी की रिपोर्टिंग निष्पक्ष होनी चाहिए और विपक्ष के विरोध प्रदर्शनों को सेंसर नहीं किया जाना चाहिए.

वहीं सीपीआई के पी. सांडोष ने मांग की कि प्राइवेट मेंबर बिल किसी भी दिन लिया जा सके. बीजेडी नेता सस्मित पात्रा ने बैठक को सकारात्मक बताते हुए कहा, ‘उनकी विनम्रता और नेतृत्व ने हमें प्रभावित किया है. हमें भरोसा है कि उनके नेतृत्व में राज्यसभा एकजुट होकर बेहतर तरीके से चलेगी.’

नए उपराष्ट्रपति के इस कड़े संदेश से साफ है कि वह शीतकालीन सत्र में किसी भी तरह की अव्यवस्था या हंगामे को बर्दाश्त नहीं करेंगे और सभी दलों से अनुशासन की उम्मीद रखते हैं.

Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

October 08, 2025, 05:38 IST

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