Last Updated:December 11, 2025, 22:25 IST
Salary in New Labor Code : नया श्रम कानून लागू होने के बाद क्या आपकी टेक होम सैलरी कम हो जाएगी. सोशल मीडिया पर जारी इस कंफ्यूजन और चर्चा पर श्रम मंत्रालय ने विराम लगा दिया है. सरकार ने कहा कि इससे सैलरी पर असर नहीं पड़ेगा.
नए श्रम कानून में सैलरी स्ट्रक्चर बदलने की बात हो रही है. नई दिल्ली. सरकार ने जबसे नए श्रम कानून को लागू किया है, इसकी खूबियों और खामियों पर लगातार चर्चा हो रही है. इसमें एक बात की सबसे ज्यादा चर्चा की जा रही है, जिसे लेकर लोग डरे भी हुए हैं कि क्या नया लेबर कानून लागू होने के बाद लोगों की इन हैंड सैलरी कम हो जाएगी. अभी तक इस पर तमाम एक्सपर्ट और संगठन अपने-अपने हिसाब से कयास लगा रहे थे, अब सरकार ने सारी स्थिति क्लीयर कर दी है और बता दिया है कि सैलरी को लेकर आपको चिंता करनी चाहिए या नहीं.
नए लेबर कोड के लागू होने के बाद से सोशल मीडिया पर कर्मचारियों में यह डर फैलाया जा रहा था कि टेक होम सैलरी कम हो जाएगी. इसके पीछे पीएफ के नए नियमों को लेकर दावा किया जा रहा है. कहा जा रहा कि बेसिक सैलरी बढ़ने पर पीएफ भी उसी हिसाब से कटेगा और टेक होम सैलरी कम हो जाएगी. नए लेबर कोड में सैलरी स्ट्रक्चर में भी बदलाव करने का प्रावधान है. इस बदलाव से हाथ में आने वाली सैलरी कम होने की बात कही जा रही है.
श्रम मंत्रालय ने खुद दिया जवाब
सोशल मीडिया पर इन सभी कयासों को विराम लगाते हुए श्रम मंत्रालय ने खुद बता दिया है कि नए नियम से टेक होम सैलरी पर क्या असर पड़ेगा. श्रम मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि नया कानून लागू होने के बाद भी ऐसा कुछ नहीं होगा. हालांकि, मंत्रालय ने यह भी कहा कि जब तक पीएफ की कैलकुलेशन 15 हजार की लिमिट पर होती रहेगी, तब तक आपकी टेक होम सैलरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
क्यों बढ़ रहा कर्मचारियों में कंफ्यूजन
नए लेबर कोड में एक नियम बनाया गया है कि आगे से कर्मचारी की सैलरी में बेसिक, महंगाई भत्ते और अन्य अलाउंस को मिलाकर पूरी राशि कैलकुलेट की जाएगी और फिर इसका 50 फीसदी बेसिक माना जाएगा. अभी तक कई कंपनियां बेसिक का हिस्सा काफी कम रखती हैं. कर्मचारियों को मामूली बेसिक देकर सारा पैसा अलाउंस में डाल देती हैं, ताकि उनकी पीएफ पर देनदारी कम हो जाए. यही वजह है कि सरकार ने सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव की बात कही है.
क्या कहता है नया नियम
नए लेबर कोड में प्रावधान किया गया है कि अगर किसी कर्मचारी को अलाउंस के रूप में कुल सैलरी का 50 फीसदी से ज्यादा पैसा दिया जा रहा है तो यह अधिक हिस्सा उसकी बेसिक सैलरी में जोड़ना जरूरी होगा. जाहिर है कि इससे बेसिक सैलरी में इजाफा हो सकता है और यही नियम कर्मचारियों में कंफ्यूजन पैदा कर रहा है. उन्हें लगता है कि अगर बेसिक सैलरी बढ़ेगी तो उनका पीएफ भी ज्यादा कटेगा और टेक होम सैलरी कम हो जाएगी.
सरकार ने बताया पूरा कैलकुलेशन
श्रम मंत्रालय ने साफ शब्दों में बता दिया है कि नए लेबर कोड के बाद भी कर्मचारियों की टेक होम सैलरी कम नहीं होगी, क्योंकि अभी पीएफ का कैलकुलेशन 15 हजार रुपये की तय सीमा पर ही होता है. इसका मतलब है कि आपकी बेसिक सैलरी चाहे 20 हजार या 30 हजार, पीएफ की कटौती सिर्फ 15 हजार रुपये पर ही होगी. यह ईपीएफ का पुराना नियम है और इसका पालन करना कर्मचारी व कंपनी दोनों के लिए जरूरी है. पीएफ में इससे ज्यादा अनुदान करना है तो कर्मचारी को वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड यानी वीपीएफ के जरिये निवेश करना होगा.
80 हजार की सैलरी से दूर करें कंफ्यूजन
अगर किसी की कुल सैलरी 80 हजार रुपये है और इसमें बेसिक का हिस्सा 30 हजार और अलाउंस का 50 हजार है तो नए लेबर कोड में अलाउंस कुल सैलरी का 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकते. लिहाजा 50 हजार वाले अलाउंस में से 10 हजार बेसिक में डाल दिए जाएंगे और यह 40 हजार हो जाएगा, जबकि अलाउंस भी घटकर 40 हजार पर ही पहुंच जाएगा. हालांकि, पीएफ की गणना 15 हजार पर ही होगी तो इसका 12 फीसदी यानी 1,800 रुपये कर्मचारी की सैलरी से काटा जाएगा और इतना ही पैसा कंपनी भी निवेश करेगी. जाहिर है कि पहले भी इतना ही पैसा कटता था और नए लेबर कोड के बाद भी इतना ही पैसा कटेगा.
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प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
December 11, 2025, 22:25 IST

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