Last Updated:June 09, 2025, 01:43 IST
चंद्रबाबू नायडू अब सिर्फ TDP के नेता नहीं रहे, वे अब NDA के विचार और नीति के बैलेंसर बनते जा रहे हैं. जहां BJP को कई मामलों में विपक्ष से तीखा विरोध झेलना पड़ता है, वहां नायडू डटकर खड़े हो जाते हैं.

चंद्रबाबू नायडू ने खुलकर की पीएम मोदी की तारीफ.
हाइलाइट्स
चंद्रबाबू नायडू ने पीएम मोदी की नीतियों का समर्थन किया.नायडू ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का समर्थन दोहराया.राहुल गांधी के बयान पर नायडू ने सीधा जवाब दिया.विपक्ष उम्मीद लगाए रहता है कि कभी तो चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों का विरोध शुरू करेंगे. लेकिन हर बार की तरह इस बार भी उन्हें निराशा हाथ लगी है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और TDP प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने उन सभी मुद्दों पर बीजेपी ओर पीएम मोदी का खुलकर समर्थन किया है, जिसके भरोसे विपक्ष फूट की उम्मीद लगाए बैठा था. एक तरह से कहें तो नायडू सारथी बनते नजर आ रहे हैं.
विवादास्पद वक्फ (संशोधन) विधेयक हो जाति जनगणना, या फिर ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का एजेंडा, चंद्रबाबू नायडू ने खुलकर सरकार का साथ दिया. इंडिया टुडे से बातचीत में नायडू ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर मोदी सरकार की जबरदस्त तारीफ की. यहां तक कि उन्होंने पीएम मोदी को ग्लोबल लीडर तक कह डाला. कहा, पाकिस्तान के खिलाफ हुई यह सैन्य कार्रवाई 100 प्रतिशत बड़ी उपलब्धि है. नायडू ने कहा, कोई और नेता इतनी सटीकता से यह काम नहीं कर सकता था. प्रधानमंत्री ने हमले का नाम ‘सिंदूर’ रखा, ताकि भारतीय महिलाओं के सम्मान का संदेश दुनिया को जाए. नायडू के अनुसार, पाकिस्तान के आतंकियों ने निर्दोष लोगों का कत्लेआम किया, उसके जवाब में यह कार्रवाई न्यायपूर्ण और निर्णायक थी. 20 मिनट में दुश्मन के ठिकानों को खत्म किया गया. न कोई सिविलियन हताहत हुआ, न ही रक्षा प्रतिष्ठानों पर हमला किया गया. यह युद्ध की समझदारी है.
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर क्लियर स्टैंड
‘बार-बार चुनाव, बार-बार आचार संहिता’ से तंग आ चुके नायडू ने एक बार फिर ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर अपना समर्थन दोहराया. उन्होंने कहा, हम प्रगतिशील लोग हैं. बार-बार चुनाव लोकतंत्र को खर्चीला और प्रशासन को पंगु बना देते हैं. हर 5 साल में एक बार चुनाव हों, यही ठीक होगा. ये स्टैंड मोदी सरकार के चुनाव सुधार मिशन को ताकत देने वाला है. साउथ से जब एक बड़ा क्षेत्रीय दल जब इस विचार के साथ खड़ा होता है, तो इसका मतलब केंद्र के लिए मजबूत बढ़त है.
वक्फ बिल: मुस्लिम समर्थन का ‘सॉफ्ट टच’?
जहां AIMIM और कांग्रेस वक्फ संशोधन विधेयक को ‘भेदभावपूर्ण’ बता रहे हैं, वहीं नायडू ने इसे मुस्लिम समर्थक करार दिया. उन्होंने साफ कहा कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता जरूरी है. यह कानून अगर ठीक से लागू किया जाए, तो अल्पसंख्यकों के लिए वरदान साबित हो सकता है. साथ ही यह भी जोड़ा कि जब वे अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब 13 जिलों में उर्दू को दूसरी राजकीय भाषा घोषित किया गया था. यानी नायडू की राजनीति बहुसंख्यक समर्थन के साथ अल्पसंख्यक ‘सॉफ्ट अपील’ को भी साधने का प्रयास करती दिखती है.
जाति जनगणना + स्किल सेंसस
जब उनसे जाति जनगणना पर सवाल पूछा गया, तो नायडू ने इसे कौशल और आर्थिक जनगणना के साथ जोड़ने की बात कही. उन्होंने कहा, डेटा शक्ति है. जितना ज्यादा आंकड़ा आएगा, उतनी बेहतर नीति बनेगी. यह बयान NDA के भीतर जाति जनगणना को लेकर चल रही बहसों में एक बैलेंस्ड करता है.
राहुल गांधी को सीधा जवाब
राहुल गांधी के सरेंडर वाले बयान पर भी उन्होंने नसीहत दी. जब राहुल गांधी ने सवाल उठाया कि क्या भारत अमेरिका के दबाव में आ गया है, तो नायडू ने जवाब दिया. उन्होंने कहा, किसी के सामने झुकने की जरूरत नहीं है. PM मोदी की समझदारी ने ही इस ऑपरेशन को समय पर खत्म किया. अगर युद्ध लंबा खिंचता, तो नुकसान होता. इस बयान से यह साफ है कि नायडू अब केवल NDA के साथी नहीं, बल्कि उसकी नीति और रणनीति के सक्रिय प्रवक्ता की भूमिका निभाने को तैयार हैं.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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