Last Updated:July 06, 2025, 11:51 IST
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 'बदलाव' बड़ा मुद्दा बन रहा है. प्रशांत किशोर, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच त्रिकोणीय जंग है. प्रशांत किशोर ने न्यूज 18 हिंदी को दिए इंटरव्यू में दावा किय...और पढ़ें

क्या बिहार में आने वाला है 'बदलाव'?
पटना. ‘बदलाव’ क्या बिहार चुनाव में बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है? बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का रंग अब चढ़ने लगा है. जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि इस बार के चुनाव में न जाति की लहर चलेगी और न ही धर्म का तूफान चलेगा. इस बार चलेगा तो सिर्फ ‘बदलाव’ की बयार. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि ‘बदलाव का नारा’ और सत्ता की जंग में सीएम नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर में कौन जमीन पर कसकर खूंटा गाड़ेगा? बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सियासी सरगर्मी अपने चरम पर है. इस बार का चुनाव ‘बदलाव’ के मुद्दे के इर्द-गिर्द घूमता नजर आ रहा है, जिसमें नीतीश, तेजस्वी और जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) के बीच त्रिकोणीय जंग की तस्वीर उभर रही है.
बिहार की राजनीति लंबे समय तक जाति, धर्म और गठबंधन के इर्द-गिर्द घूमती रही है. लेकिन 2025 के चुनाव में एक नई धुरी बनती नजर आ रही है. प्रशांत किशोर का दावा है कि वह जनता की उस चाह को आवाज दे रहे हैं, जिसमें बदलाव की बातें सबसे ऊपर है. प्रशांत किशोर ने न्यूज 18 इंडिया को दिए इंटरव्यू में बड़े दावे किए हैं, जिसने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है. आखिर, क्या है पीके का फॉर्मूला और क्या यह बिहार की सत्ता का समीकरण बदल सकता है? क्या इस बार के बिहार चुनाव में जनता अब पुराने नेताओं और फेल हो चुकी पार्टियों से ऊब चुकी है?
‘बदलाव’ का नारा और जनता का मूड
प्रशांत किशोर ने इंटव्यू में दावा किया कि बिहार की जनता पिछले 30-35 सालों से चली आ रही नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की सियासत से ऊब चुकी है. उन्होंने कहा, ’60 फीसदी से अधिक लोग बदलाव चाहते हैं. शिक्षा, रोजगार और पलायन जैसे मुद्दों पर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई. लोग अब नया विकल्प चाहते हैं.’ पीके ने अपनी पार्टी जन सुराज को इस बदलाव का अगुआ बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिसमें कम से कम 40 सीटों पर महिला उम्मीदवार होंगी. उन्होंने नीतीश कुमार की जेडीयू को लेकर सनसनीखेज भविष्यवाणी की, ‘अगर जेडीयू 25 से अधिक सीटें जीत लेती है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा.’ यह दावा नीतीश कुमार के नेतृत्व और एनडीए की स्थिति पर बड़ा सवाल खड़ा करता है.
क्या नीतीश कुमार का राजनीतिक अस्त होगा?
नीतीश कुमार, जो पिछले दो दशकों से बिहार की सियासत के केंद्र में हैं. इस बार भी एनडीए के चेहरे के रूप में चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. जेडीयू और बीजेपी के बीच गठबंधन मजबूत दिख रहा है और नीतीश ने दावा किया है कि एनडीए 220 से अधिक सीटें जीतेगी, जो 2010 के रिकॉर्ड को तोड़ देगा. हालांकि, नीतीश की लोकप्रियता में कमी की बात सर्वे में सामने आ रही है. इंडिया टुडे और सी-वोटर सर्वे के मुताबिक केवल 18% लोग उन्हें फिर से मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, जबकि 58% लोगों का मानना है कि उनकी विश्वसनीयता घटी है.
PK और तेजस्वी यादव की रणनीति
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस बार महागठबंधन के नेतृत्व में नीतीश सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में हैं. तेजस्वी बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और ‘जंगलराज’ के जवाब में अपनी 17 महीने की सरकार के कार्यों को उपलब्धि के रूप में पेश कर रहे हैं. सी-वोटर सर्वे में 34.6% लोग उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, हालांकि उनकी लोकप्रियता में फरवरी 2025 के मुकाबले 6% की कमी आई है. तेजस्वी की रणनीति युवा और गरीब वोटरों को लुभाने की है, लेकिन आरजेडी की ‘जंगलराज’ और परिवारवाद की छवि उनके लिए चुनौती बनी हुई है.
https://www.youtube.com/watch?v=IsG2UG395c4
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी बिहार में तीसरे मोर्चे के रूप में उभर रही है. पीके ने शिक्षा, रोजगार और पलायन जैसे मुद्दों को केंद्र में रखते हुए नीतीश और लालू की सियासत को ‘पुराना’ करार दिया है. उनकी ‘बिहार बदलाव यात्रा’ और हस्ताक्षर अभियान जैसे कदम जनता के बीच नई उम्मीद जगाने की कोशिश हैं. हालांकि, सर्वे में जन सुराज को अभी सीमित समर्थन मिलता दिख रहा है. पोल ट्रैकर के सर्वे में पार्टी को केवल 2.7% वोट और एक सीट मिलने का अनुमान है. फिर भी, सी-वोटर सर्वे में 18.4% लोग पीके को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, जो उनकी बढ़ती लोकप्रियता का संकेत है.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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