Last Updated:October 23, 2025, 08:48 IST
Job vs AI : देश में एआई का विस्तार होने के साथ ही इसके कौशल की डिमांड भी बढ़ रही है. अब नौकरियों के एक बड़े हिस्से पर उन लोगों की डिमांड बढ़ रही है, जो एआई के इस्तेमाल में दक्ष होते हैं.

नई दिल्ली. आपने भी कई विशेषज्ञों और दिग्गजों की बातें सुनी होंगी कि आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की वजह से नौकरियों पर खतरा मंडराने लगेगा. लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे, लेकिन सच्चाई इससे जरा हटकर है. हालिया आंकड़े बताते हैं कि एआई अब नौकरियों के लिए खतरा नहीं रह गया है, बल्कि यह जरूरत बन गया है. वैश्विक ऑनलाइन भर्ती मंच ‘इनडीड’ ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया कि देश में कृत्रिम मेधा (एआई) कौशल से जुड़ी नौकरियों की लगातार मांग बढ़ रही है. सितंबर महीने में एआई-संबंधित नौकरियों में 11.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 8.2 प्रतिशत थी.
इनडीड के मुताबिक, तीन महीने पहले एआई कौशल वाली नौकरियों में 10.6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी. इनडीड के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के वरिष्ठ अर्थशास्त्री कैलम पिकरिंग ने कहा कि भारत अन्य बाजारों की तुलना में ऐसी नौकरियों के मामले में कहीं आगे है. भारत को छोड़कर केवल सिंगापुर में ही एआई से जुड़ी नौकरियों की मांग का प्रतिशत इतना अधिक है. यह साफ दिखाता है कि भारत में कई नियोक्ता एआई पर पूरी तरह ध्यान दे रहे हैं. यह रिपोर्ट इनडीड के मंच पर पोस्ट की गई भर्तियों के ब्योरे पर आधारित है.
कई सेक्टर में हो रहा विस्तार
रिपोर्ट में बताया गया है कि एआई से जुड़ी नौकरियां मुख्य रूप से प्रौद्योगिकी क्षेत्र में केंद्रित हैं लेकिन अब इनका विस्तार धीरे-धीरे अन्य क्षेत्रों में भी हो रहा है. डेटा और एनालिटिक्स क्षेत्र में लगभग 39 प्रतिशत, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में 23 प्रतिशत, बीमा क्षेत्र में 18 प्रतिशत और वैज्ञानिक अनुसंधान में 17 प्रतिशत नौकरियों के आवेदनों में एआई का उल्लेख है. एआई कौशल की मांग इंजीनियरिंग के सभी क्षेत्रों में देखी जा रही है. इनमें औद्योगिक इंजीनियरिंग (17 प्रतिशत), मैकेनिकल इंजीनियरिंग (11 प्रतिशत) और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (9.2 प्रतिशत) का स्थान प्रमुख है.
भर्ती में लगातार आ रही गिरावट
रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर में भर्ती के कुल विज्ञापनों में 0.8 प्रतिशत गिरावट आई, जो भर्तियां कम होने का लगातार छठा महीना है. हालांकि, रिपोर्ट कहती है कि देश में संगठित क्षेत्र मजबूत बना हुआ है और पर्याप्त नौकरियां भी उपलब्ध हैं. इनडीड ने कहा कि एआई के बढ़ते प्रभाव के कारण नियोक्ताओं को विशेषज्ञ और उच्च-कुशल कर्मचारियों की तलाश है, जो डेटा एनालिटिक्स और स्वचालन जैसे एआई कौशल में दक्ष हों. मौजूदा समय में ऐसे कुशल कर्मचारियों की संख्या कम है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 23, 2025, 08:48 IST