Last Updated:June 17, 2025, 09:59 IST
Patliputra to Gorakhpur Vande Bharat- पटलिपुत्र से गोरखपुर चलने वाली 71वीं वंदेभारत खास होगी. इसमें नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जो कश्मीर घाटी में चलने वाली वंदेभारत में किया गया है.

पहली से लेकर 71 वीं वंदेभारत काफी बदल चुकी है.
हाइलाइट्स
कश्मीर घाटी के लिए बनी है स्पेशल वंदेभारत इसमें नई तकनीक का भी हुआ इस्तेमालअन्य वंदेभारत में इस तकनीक का किया जा रहा है इस्तेमालनई दिल्ली. पटलिपुत्र से गोरखपुर चलने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस को प्रधानमंत्री को 20 जून को झंडी दिखाकर रवाना करने वाले हैं. यह 71वीं वंदेभारत होगी. यह ट्रेन पहले चल रही इस श्रेणी की ट्रेनों से थोड़ी अलग होगी, जिससे यात्रियों का सफर और आसान हो जाएगा. हाल ही में जम्मू कश्मीर में शुरू हुई वंदेभारत के बाद यह पहली होगी.
मौजूदा समय देश के सभी राज्यों से (पूर्वोत्तर को छोड़कर) वंदेभारत चलाई जा रही हैं. कई शहरों से सुबह और शाम चलाई जा रही है, वहीं कई शहर ऐसे हैं जहां से गुजरने वाली वंदेभारत की संख्या कई कई हो गयी है. पहले की तुलना में नई वंदेभारत लगातार बेहतर हो रही हैं.
ये है नई तकनीक
पूर्व में चल रही वंदेभारत एक्सप्रेस टिलटेड तकनीक वाली नहीं हैं. इस वजह से कर्व में इनकी स्पीड धीमी करनी पड़ती है. दोबारा से पहले की स्पीड करने में समय लगता है. इस वजह से इन ट्रेनों को गंतव्य तक पहुंचने में समय लग जाता है. समय को बचाने के लिए टिलटेड तकनीक (झुकाव तकनीक) का इस्तेमाल शुरू किया है. चूंकि कश्मीर में चलने वाली वंदेभारत को तमाम कर्व से गुजरना पड़ता है. इसलिए इसमें नई तकनीक टिलटेड का इस्तेमाल किया गया है, जिससे कर्व में ट्रेन धीमी न करती है.
इसलिए पटलिपुत्र गोरखपुर में नई तकनीक का प्रयोग
कश्मीर घाटी के लिए स्पेशल वंदेभारत तैयार की गयी है. इसमें टिलटेड तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया गया है. इसके साथ ही तैयार हो रही अन्य वंदेभारत पर भी इस तकनीक इस्तेमाल किया गया है. पटलिपुत्र गोरखपुर वंदेभारत कश्मीर के बाद पहली है, इस वजह से इसमें भी टिलटेड तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसका फायदा यह होगा कि कर्व में स्पीड बहुत धीमी करने की जरूरत नहीं होगी.
कितनी बदली पहली से 71 वीं वंदेभारत
तकनीकी रूप में नई वंदेभारत एक्सप्रेस में कई बदलाव किए गए हैं. पहली ट्रेन दिल्ली से वाराणसी के बीच चली थी. पैसेंजर की सुविधा के अनुसार सीटों में बदलाव किया गया है. पुरानी वंदेभारत में सीट का पिछला हिस्सा ही मूव कर सकता है, जबकि अब ट्रेन सेट में पूरी सीट सुविधा अनुसार मूव कराई जा सकेगी. इसके साथ ही पैर रखने के लिए फुट स्टेप में भी बदलाव किया गया है. पूरे कोच में लाइटिंग भी पहले से बेहतर की गयी है.
Location :
New Delhi,Delhi