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चीन प्रेम में परंपरा तोड़ रहा नेपाल? मालदीव के मुइज्जू की राह चले केपी शर्मा ओली, जिनपिंग करने जा रहे सलाम
नई दिल्ली: श्रीलंका और मालदीव की तरह नेपाल अब चीन की चाल में फंसता दिख रहा है. भारत का अच्छा पड़ोसी चीन की गोद में पूरी तरह से बैठने को तैयार है. यही वजह है कि नेपाल के प्रधानमंत्री के शर्मा ओली दशकों पुरानी परंपरा को तोड़ रहे हैं. नेपाली पीएम ओली अब तक चली आ रही परंपरा से हटकर वह काम करने जा रहे हैं, जो अब तक नहीं हुआ. जी हां. नेपाल के पीएम ओली ने अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा के लिए चीन को चुना है. जबकि यह परंपरा रही है कि नेपाल का कोई भी प्रधानमंत्री अपनी पहली विदेश यात्रा में भारत की यात्रा करता रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अगले महीने चीन की आधिकारिक यात्रा पर जा सकते हैं. यह उनकी पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी. पुष्प कमल दहल प्रचंड की जगह नई सरकार के प्रमुख बनने के बाद केपी ओली को चार महीने बीत चुके हैं. सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के दो दिसंबर से पांच दिसंबर के बीच बीजिंग जाने की संभावना है. केपी ओली का चीन दौरा नेपाल के नए प्रधानमंत्री की पहली विदेश यात्रा के लिए भारत जाने की ‘परंपरा’ से हटकर देखा जा रहा है.
क्यों अलग है नेपाल के पीएम का यह चीन दौरा?
भारत आम तौर पर नेपाल के नए प्रधानमंत्री को न्योता देता है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर में न्यूयॉर्क में ओली से मुलाकात के दौरान कह दिया था कि वे जल्द ही नेपाल का दौरा करेंगे. केपी ओली का चीन दौरा ऐसे समय पर हो रहा है, जब सरकार में शामिल दो सबसे बड़े सहयोगी दल- नेपाली कांग्रेस और ओली की अगुवाई वाली कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल- यूनिफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट- चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत परियोजनाओं को लागू करने की शर्तों को लेकर असहमत हैं.
चीन पर अलग-अलग हैं नेपाली दल?
नेपाली कांग्रेस जहां इस बात पर अड़ी हुई है कि बीआरआई परियोजनाओं को केवल अनुदान के तहत ही स्वीकार किया जाना चाहिए. वहीं, सीपीएन-यूएमएल चीन के एक्जिम बैंक से ऋण के साथ परियोजनाओं का समर्थन करता है. नेपाल यह समझ नहीं रहा है कि उसे चीन श्रीलंका और मालदीव की तरह अपने जाल में फंसाना चाहता है. नेपाल किस कदर चीन की तरफ झुकता जा रहा है, इसका उदाहरण बार-बार मिल रहा है. इससे पहले नेपाल ने करेंसी छापने का ठेका भी चीनी कंपनी को ही दिया है.
Tags: China news, Nepal, Nepal News
FIRST PUBLISHED :
November 3, 2024, 07:26 IST