पश्चिम बंगाल में 2600000 फर्जी वोटर्स? चुनाव आयोग के दावे से मचा हड़कंप

1 hour ago

Last Updated:November 27, 2025, 07:02 IST

West Bengal SIR: पश्चिम बंगाल समेत अन्‍य राज्‍यों में चुनाव आयोग की ओर से वोटर लिस्‍ट को दुरुस्‍त करने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR कैंपेन चलाया जा रहा है. इसके तहत मतदाताओं की फिर से पुष्टि की जा रही है, ताकि मतदाता सूची में किसी तरह की खामी न रहे. इसी क्रम में पश्चिम बंगाल में लाखों वोटर्स को लेकर बड़ी बात सामने आई है.

पश्चिम बंगाल में 2600000 फर्जी वोटर्स? चुनाव आयोग के दावे से मचा हड़कंपWest Bengal SIR: पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग ने SIR के बीच लाखों वोटर्स को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है. (फाइल फोटो)

West Bengal SIR: पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले बिहार की तर्ज पर बंगाल में भी मतदाता सूची को दुरुस्‍त और उसे संशोधित करने के लिए चुनाव आयोग की ओर से विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान चलाया गया है. प्रदेश की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी इसके खिलाफ हैं और लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रही हैं. अन्‍य विपक्षी दलों के नेता भी विरोध कर रहे हैं. दूसरी तरफ, SIR शुरू होने के बाद बड़ी तादाद में लोगों को बांग्‍लादेश जाते हुए भी देखा जा रहा है. बहुत से लोग ये भी स्‍वीकार कर रहे हैं कि भारत में रहने के लिए उनके पास वैलिड डॉक्‍यूमेंट नहीं हैं. कई मामलों में ये बात भी सामने आई है कि फर्जी तरीके से वोटर आईडी कार्ड बना लिया गया. इन सबके बीच अब चुनाव आयोग की ओर से एक चौंकाने वाला दावा किया गया है. आयोग का दावा है कि पश्चिम बंगाल में 26 लाख वोटर्स ऐसे हैं, जिनके नाम साल 2002 के इलेक्‍टोरल रोल्‍स से मैच नहीं करते हैं. चुनाव आयोग के अधिकारियों ने यह भी बताया कि ऐसे वोटर्स को अब आगे क्‍या करना होगा और उचित कदम न उठाए जाने पर आयोग क्‍या एक्‍शन ले सकता है.

दरअसल, चुनाव आयोग ने बताया है कि पश्चिम बंगाल की मौजूदा मतदाता सूची में लगभग 26 लाख मतदाताओं के नाम साल 2002 की वोटर लिस्ट से मेल नहीं खा रहे हैं. अधिकारियों के अनुसार, यह अंतर तब सामने आया जब राज्य की नवीनतम मतदाता सूची की तुलना 2002 से 2006 के बीच तैयार की गई SIR (Systematic Identification Register) सूची से की गई. आयोग के अधिकारी ने आगे बताया कि जारी SIR प्रक्रिया के तहत बुधवार दोपहर तक 6 करोड़ से ज्यादा एन्यूमरेशन फॉर्म को डिजिटल रूप में बदल दिया गया है. इन फॉर्मों को उसके बाद ‘मैपिंग’ प्रक्रिया में लाया जाता है, जहां इन्हें पुराने SIR रिकॉर्ड से मिलाया जाता है.

26 लाख वोटर्स कौन हैं?

चुनाव आयोग एक अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि करीब 26 लाख मतदाताओं के नाम अभी तक पुराने रिकॉर्ड से मेल नहीं खा पा रहे हैं. कई मतदाता या उनके परिवार पहले दूसरे राज्यों में रहते थे और बाद में बंगाल आकर बस गए. ऐसे लोगों का डेटा कई राज्यों की पुरानी सूची में दर्ज है, इसलिए मिलान जरूरी है. उन्होंने कहा कि डिजिटलाइजेशन आगे बढ़ने के साथ यह संख्या और बढ़ सकती है. ऐसे में अब सवाल उठता है कि ये 26 लाख वोटर्स कौन हैं? इससे भी अहम सवाल यह है कि इनका नाम वोटर लिस्‍ट में कैसे जुड़ा?

Manish Kumar

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Location :

Kolkata,West Bengal

First Published :

November 27, 2025, 06:54 IST

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