भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई की दहशत के बीच पाकिस्तान में सैन्य अफसरों और सैनिकों के इस्तीफों की झड़ी लग गई है. बताया जा रहा है कि पाक में 100 के करीब सेना के कमांडरों और 500 के करीब सैनिकों ने नौकरी छोड़ने का ऐलान कर अपना त्यागपत्र भेज दिया है. भारत से जंगी तैयारियों का दंभ भर रहे पाकिस्तान में इससे खलबली मच गई है. कहा जा रहा है कि सेनाध्यक्ष जनरल आसिम मुनीर का खेल खत्म होने वाला है.
मुनीर पर आतंकवादी संगठनों के जरिये कश्मीर के पहलगाम में हमला करवाने का आरोप है. अमेरिका भी मुनीर को कतई पसंद नहीं करता है. ऐसे में मुनीर का ये दांव उल्टा पड़ता साबित हो रहा है. भारत-पाकिस्तान सीमा की सुरक्षा कमान संभालने वाली 11वीं कोर के शीर्ष कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उमर अहमद बुखारी ने सेना मुख्यालय को इस बाबत जानकारी भेजी है. उन्होंने ताबड़तोड़ इस्तीफे को बड़ा संकट बताया है.
बताया जा रहा है कि सैन्य कमांडर खुद असमंजस में हैं. मनमाने तरीके से एक कोर से दूसरी कोर में रिपोर्टिंग, ट्रांसफर-पोस्टिंग में भाई-भतीजावाद को लेकर अफसरों और सैनिकों में गुस्सा है. समय पर वेतन नहीं मिलने और काम करने के खराब हालातों से भी नाराजगी है.
पहलगाम हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चल रहा है.वहीं पाकिस्तानी सैन्य मुख्यालय ने बलूचिस्तान-क्वेटा में 12वीं कोर और अन्य कमानों के सेनाधिकारियों और फौजियों को 11वीं कोर में रिपोर्ट करने कहा है. 11वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उमर अहमद बुखारी बुखारी एक साल से ये कमान संभाल रहे हैं. लेकिन इस्तीफों की झड़ी से उनके पैरों से जमीन खिसक रही है. सेना में मोर्चे संभालने वाले अफसरों की कमी हो गई है.
सेना में असंतोष
बताया जा रहा है कि रोजाना नए-नए आदेशों से सैन्य कमांडरों में गुस्सा है. बार-बार बदलती पोस्टिंग और जिम्मेदारियों के बीच परिवार का दबाव बढ़ा है.भारत-पाकिस्तान सीमा पर मोर्चा संभालने के लिए पैदल सेना रेजिमेंट, पहाड़ी बटालियन और अग्रिम मोर्चे पर तैनाती के तोपखाने रेजिमेंट में सैनिकों की किल्लत है. पाकिस्तानी सेना में गहरी नाराजगी, कमजोर पड़ते नेतृत्व और सैन्य मनोबल में कमी साफ देखी जा रही है.