Last Updated:July 15, 2025, 06:32 IST
Pahalgam Terror Attack: पहलगाम अटैक में 26 टूरिस्टों की हत्या पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य अधिकारियों के आदेश पर हुई थी. आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा ने मिलकर साजिश रची थी.

पहलगाम में आतंकी हमले पर भारत की बात सच हुई.
हाइलाइट्स
पहलगाम अटैक पाकिस्तान ने करवाया था.पाक नेता और सैन्य अफसरों के कहने पर हुआ अटैक.22 अप्रैल को 26 लोगों की हत्या हुई थी.Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारत ने सबूत देकर दुनिया को बताया कि पहलगाम अटैक के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. अब भारत की बात पर एक बार फिर खुफिया रिपोर्ट ने मुहर लगा दी है. एक खुफिया रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान के पॉलिटिकल और सैन्य आकाओं ने ही पहलगाम अटैक का आदेश दिया था. 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ था. उस अटैक में 26 टूरिस्टों की धर्म पूछकर हत्या कर दी गई थी. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा ने मिलकर इस अटैक की साजिश रची थी. पहलगाम टेरर अटैक का आदेश पाकिस्तान के नेता और सैन्य अधिकारियों ने दिया था.
टीओआई की खबर के मुताबिक, पहलगाम अटैक को मुंबई अटैक की तरह ही प्रोजेक्ट किया गया था. सूत्रों ने इस पहलगाम अटैक को लश्कर-ए-तैयबा और आईएसआई प्रोजेक्ट बताया. इसमें आईएसआई ने पाकिस्तान स्थित लश्कर कमांडर साजिद जट्ट को जम्मू-कश्मीर में सक्रिय केवल विदेशी आतंकवादियों को तैनात करने के निर्देश दिए थे. गोपनीयता बनाए रखने के लिए किसी भी कश्मीरी आतंकवादी को इसमें शामिल नहीं किया गया.
पललगाम अटैक को लीड किसने किया?
पहलगाम अटैक का नेतृत्व आतंकी सुलेमान ने किया था. वह एक संदिग्ध पाकिस्तानी स्पेशल फोर्स कमांडो है. उसने साल 2022 में नियंत्रण रेखा पार करके जम्मू क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले पाकिस्तान के पंजाब स्थित लश्कर-ए-तैयबा के मुरीदके आतंकी कैंप में ट्रेनिंग ली थी. इस हमले में दो अन्य पाकिस्तानी भी शामिल थे.
सुलेमान 2 साल रहा अंडरग्राउंड
सैटेलाइट फोन एनालिसिस से पता चला है कि 15 अप्रैल को आतंकी सुलेमान का ठिकाना त्राल के जंगल में था. इससे संकेत मिलता है कि वह घटना से लगभग एक हफ्ते पहले बैसरन स्थित हमले स्थल के आसपास ही था. सुलेमान अप्रैल 2023 में पुंछ में सेना के एक ट्रक पर हुए हमले में भी शामिल था, जिसमें पांच सैनिक मारे गए थे. हालांकि, वह अगले दो साल तक अंडरग्राउंड रहा. सूत्रों ने दो अन्य पाकिस्तानी आतंकवादियों की पहचान उजागर नहीं की.
पुलिस की जांच में क्या?
हालांकि जम्मू-कश्मीर पुलिस को पाकिस्तानी आतंकवादियों हाशिम मूसा और अली भाई की भूमिका पर संदेह था, लेकिन अब तक की जांच में केवल सुलेमान की भूमिका की ही पुष्टि हुई है. स्थानीय आतंकवादी आदिल हुसैन थोकर की भी इसमें सहयोगी के रूप में भूमिका की कोई पुष्टि नहीं हुई है.
परवेज और बशीर की कितनी भूमिका?
पिछले महीने एनआईए की ओर से गिरफ्तार किए गए दो स्थानीय लोगों- पहलगाम निवासी परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर- के बारे में भी माना जाता है कि उनकी भूमिका सीमित थी, क्योंकि उन्होंने कुछ हजार रुपयों के बदले पाकिस्तानी आतंकवादियों को खाना, आश्रय और अन्य रसद मुहैया कराई थी. उन्होंने बैसरन में पर्यटकों पर हमला करने की आतंकवादियों की योजना के बारे में भी किसी जानकारी से इनकार किया है. फिलहाल, घाटी में लगभग 68 विदेशी आतंकवादी और तीन स्थानीय आतंकवादी सक्रिय हैं.
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें
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