Last Updated:July 15, 2025, 10:07 IST
Himachal Disaster Ground Report: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी बारिश से स्याठी गांव में 61 लोग बेघर हो गए. गांव के 5 घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं. सीएम सुक्खू और अनुराग ठाकुर ने प्रभावितों से मुलाकात की.

मंडी. हिमाचल प्रदेश में 30 जून और 1 जुलाई को हुई बारिश ने ऐसा कहर बरपाया कि सैंकड़ों लोग बेघर हो गए. मंडी जिले की सराज घाटी के अलावा, धर्मपुर उपमंडल में ग्राम पंचायत लौंगणी का स्याठी भी आपदा का ऐसा शिकार हुआ कि 61 लोग बेघर हो गए.

गांव के 5 घर पूरी तरह से जमींदोज हो गए हैं जबकि शेष घर रहने लायक नहीं बचे हैं. यही कारण है कि पूरा गांव अब नैणा माता मंदिर के प्रांगण में अपने छोटे-छोटे नौनिहालों और बुजुर्गों के साथ रातें काटने को मजबूर है.

प्रभावित अभिषेक कुमार ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व जब उनका परिवार आईआरडीपी में था तो उसके तहत मिले पैसों और अपने पास जमापूंजी से घर बनाया था. उसके बाद पाई-पाई जोड़कर उस घर का विस्तार किया था. सबकुछ एक झटके में चला गया, कुछ भी शेष नहीं बचा.

प्रभावित सुनीता और मीना देवी ने बताया कि बुजुर्गों और बच्चों के साथ मंदिर के प्रांगण में रहना मुश्किल हो रहा है. खाने के लिए तो सबकुछ मिल रहा है लेकिन सिर पर छत नहीं है. सरकार से यही गुहार है कि जल्द से जल्द जमीन मुहैया करवाई जाए, ताकि घर बनाकर फिर से जिंदगी की शुरूआत की जा सके.

क्या यहां है कोई तेल का भंडार?: ग्राम पंचायत लौंगणी की प्रधान मीना देवी ने बताया कि वर्ष 2014 में भी स्याठी गांव की धरती भारी बारिश के कारण खिसकी थी. उस वक्त भी पूरे गांव के लोगों ने 15 दिन इसी मंदिर के प्रांगण में बिताए थे. बाद में हालात सामान्य होने पर सभी अपने घरों की तरफ चले गए थे.

मीना देवी के अनुसार कुछ वर्ष पूर्व कुछ लोग गांव के पास तेल की तलाश में आए थे. उन्होंने यहां छोटे छोटे गड्ढे करके इसकी जांच भी की थी. गांव के लोगों के पास इस संदर्भ में ज्यादा कोई जानकारी मौजूद नहीं. मीना देवी ने बताया कि जब उन्होंने गांव में आए इन लोगों से पूछा था तो उन्होंने यही कहा था कि वे तेल की तलाश में यहां आए हैं. हालांकि उसके बाद फिर यह लोग दोबारा यहां कभी नहीं दिखाई दिए. गौरतलब है कि कुछ वर्ष पूर्व तेल की तलाश में इस प्रकार की जांचे मंडी जिला के कई स्थानों पर हो चुकी हैं लेकिन बाद में उनका कोई निष्कर्ष नहीं निकला था.

सीएम ने किया था दौरान: गांव में लैंडस्लाइड के बाद सीएम सुक्खू ने मौके का दौरा किया था. वहीं, अनुराग ठाकुर ने भी गांव में प्रभावितों से मुलाकात की थी.

हालांकि यह सारा घटनाक्रम उस वक्त हुआ जब भारी बारिश हो रही थी. गांव की यह चट्टानों वाली जमीन कैसे धंसी, शायद पर वैज्ञानिक जांच की जरूरत है. लेकिन उससे पहले गांव के लोगों को फिर से बसाने की जरूरत है, ताकि घर से बेघर हो चुके इन लोगों को स्थाई आसरा मिल सके.