Last Updated:July 15, 2025, 14:43 IST
Bihar Crime News: बिहार में बढ़ते अपराध ने नीतीश कुमार सरकार को कटघरे में ला खड़ा किया है. बीते डेढ़ महीने में 40 से अधिक हत्याओं ने विपक्ष को 'महाजंगलराज' का नारा बुलंद करने का मौका दिया है. नेता प्रतिपक्ष तेज...और पढ़ें

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बिहार के सीएम नीतीशकुमार (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
बिहार के मंत्री नीरज बबलू ने बिहार में यूपी की तरह दर्जनों एनकाउंटर और बुलडोजर कार्रवाई को आवश्यक बताया. मंत्री नीरज बबलू ने छातापुर हत्या में राजद नेताओं की संलिप्तता का दावा किया, कहा- सरकार को बदनाम कर रहे. योगी सरकार में 2017 से 2025 तक उत्तर प्रदेश की पुलिस ने 14,973 एनकाउंटर में 238 अपराधियों को ढेर किया.पटना. बिहार में सुपौल जिले के छातापुर में एक आदिवासी व्यक्ति की हत्या और बीते 4 जुलाई को पटना में गोपाल खेमका मर्डर जैसे मामलों ने नीतीश कुमार सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं.लगातार बिहार में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर विपक्ष नीतीश सरकार पर हमलावर है. तमाम दावों के बावजूद बीते डेढ़ महीने में ही 40 से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं. इसी दौरान पटना में बीते 4 जुलाई को पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र में बड़े कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या ने तो बिहार सरकार की पूरी फजीहत करवा दी. विपक्षी महागठबंधन लगातार नीतीश कुमार को ‘अक्षम शासक’ ठहराने का अभियान सा चला रहा है.इस बीच बिहार के मंत्री नीरज बबलू ने यूपी के योगी मॉडल की तारीफ करते हुए नीतीश सरकार को अपराध नियंत्रण के लिए आइडिया दिया है. उन्होंने कहा है कि अपराधियों में पुलिस का खौफ पैदा करने के लिए ‘एक-दो एनकाउंटर काफी नहीं, दर्जनों एनकाउंटर चाहिए’. उन्होंने ऑपरेशन सुरधामपुर (देवलोक या स्वर्ग) जैसे अभियान को अपराध रोकने का स्थायी समाधान बताया जिसमें अपराधियों के घरों पर बुलडोजर चलाकर और एनकाउंटर के जरिए डर पैदा किया जाता है.
नीरज बबलू का योगी मॉडल पर जोर- नीरज बबलू ने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि इस घटना में राजद नेताओं की संलिप्तता है और वे सरकार को बदनाम कर रहे हैं. बिहार में अपराध की घटनाएं, जैसे गोपाल खेमका की हत्या ने विपक्ष को नीतीश सरकार पर हमला करने का मौका दिया है. तेजस्वी यादव ने बिहार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरा, लेकिन बबलू ने पलटवार करते हुए कहा कि यूपी में अपराधी या तो जेल में हैं या मिट्टी में. उन्होंने नीतीश कुमार से यूपी की तरह सख्ती बरतने की मांग की, ताकि ‘पुलिस की गोली की गूंज’ अपराधियों को सुनाई दे. बता दें कि यूपी में योगी की जीरो टॉलरेंस नीति ने अपराध दर में 85% की कमी लाई है, जबकि बिहार में ऐसी नीति का अभाव दिखता है. यूपी सरकार के इन आंकड़ों पर गौर करें तो तस्वीर कुछ और साफ होती है.
योगी सरकार में यूपी पुलिस का सख्त रिकॉर्ड
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 2017 से अपराधियों पर नकेल कसने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 20 मार्च 2017 से 14 जुलाई 2025 तक यूपी पुलिस ने 14,973 एनकाउंटर किए जिनमें 238 कुख्यात अपराधी मारे गए और 9,467 घायल हुए. इस दौरान 30,694 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. मेरठ जोन में सबसे अधिक 80 एनकाउंटर हुए हैं. इसके बाद वाराणसी में 26, लखनऊ में 15, आगरा में 20, प्रयागराज में10, बरेली में 15, गोरखपुर में 8 और कानपुर 11 एनकाउंटर हुए. यूपी पुलिस ने 79,984 अपराधियों पर गैंगस्टर एक्ट और 930 पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की, साथ ही 142 अरब रुपये की अवैध संपत्ति जब्त या ध्वस्त कर दी.
योगी मॉडल का नीतीश सरकार पर बढ़ा दबाव
ऐसा नहीं है कि बिहार में एनकाउंटर नहीं होते हैं. हाल में ही पटना में गोपाल खेमका मर्डर मामले में एक अपराधी विकास उर्फ राजा को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया. वहीं, जनवरी से जुलाई 2025 तक के आंकड़ों को देखें तो बिहार में 12 एनकाउंटर हुए, जिनमें कुल 8 अपराधी मारे गए और कई घायल हुए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कानून व्यवस्था के मामले में बेहद सख्त हैं, लेकिन उनका अंदाज अलग है. दरअसल, बिहार में अपराध नियंत्रण पर बीजेपी और जदयू का अलग-अलग दृष्टिकोण रहा है. ऐसे में भाजपा के विधायक और बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार बबलू का बयान बिहार में सख्त पुलिसिया कार्रवाई और बुलडोजर एक्शन की मांग नीतीश सरकार के लिए नीतिगत और सियासी उलझन पैदा कर सकता है.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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