Last Updated:July 15, 2025, 19:02 IST
Supreme Court On Feeding Dogs: नोएडा के एक व्यक्ति से सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'अपने घर में शेल्टर बनाकर कुत्ते पालो, सड़कें मत रोको'. अदालत ने कहा कि सामुदायिक कुत्तों के कारण मॉर्निंग वॉकर्स और साइकिल चालकों को ...और पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी: कुत्तों को खाना खिलाने की आड़ में सड़क पर अराजकता नहीं चलेगी
हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा व्यक्ति को कुत्तों को घर में खिलाने की सलाह दी.सड़क पर कुत्तों को खिलाने से मॉर्निंग वॉकर्स को खतरा होता है.सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को अन्य लंबित मामले से जोड़ा.नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नोएडा में आवारा कुत्तों को सड़क पर खाना खिलाने को लेकर दायर याचिका पर सख्त टिप्पणी की. अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर कुत्तों की सेवा ही करनी है तो उन्हें अपने घर में शेल्टर बनाकर वहीं खिलाएं. जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि क्या हर गली और सड़क ऐसे लोगों के लिए खोल दी जाए. इंसानों के लिए जगह नहीं बची और जानवरों के लिए हर जगह खुला. याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि उनके मुवक्किल को नियमों के अनुसार कुत्तों को खिलाने में प्रशासन बाधा डाल रहा है. इस पर अदालत ने कहा कि अगर सेवा करनी है तो अपने घर में करें, कोई नहीं रोकेगा.
क्या है पूरा मामला?
मामला मार्च 2025 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से जुड़ा है. याचिकाकर्ता चाहता था कि प्रशासन Animal Birth Control Rules 2023 के तहत कुत्तों को खिलाने की व्यवस्था करे. नियम 20 के अनुसार, यह जिम्मेदारी आरडब्ल्यूए, अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन या स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों की होती है.
‘एक बार सुबह साइकिल चलाकर देखिए’
वकील ने यह भी बताया कि ग्रेटर नोएडा में फीडिंग पॉइंट बनाए जा रहे हैं लेकिन नोएडा में अब तक कुछ नहीं हुआ. उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि कुत्तों को ऐसी जगह खिलाया जाए जहां आम जनता नहीं आती. इस पर कोर्ट ने व्यंग्य में पूछा कि क्या आप सुबह साइकिल चलाते हैं, एक बार चलाकर देखिए क्या होता है. फिर कहा कि टहलने वाले और दोपहिया वाहन चालक सबसे ज्यादा खतरे में रहते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को इसी तरह के एक अन्य लंबित मामले के साथ जोड़ दिया. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया था कि जहां स्ट्रीट डॉग्स की सुरक्षा जरूरी है वहीं आम लोगों की सुरक्षा से समझौता नहीं होना चाहिए. अदालत ने कहा कि राज्य प्रशासन को सावधानी और संवेदनशीलता के साथ दोनों पक्षों की चिंता पर काम करना होगा.
हाईकोर्ट ने यह भी माना कि हाल के समय में कुत्तों के हमले बढ़े हैं. कई लोगों की जान जा चुकी है और पैदल चलने वालों को बड़ी असुविधा हुई है. इसी कारण अदालत ने प्रशासन से कहा कि वह ऐसे कदम उठाए जिससे इंसानों और जानवरों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो.
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ें
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New Delhi,Delhi