Last Updated:July 15, 2025, 19:18 IST
केरल की नर्स निमिषा प्रिया को राहत मिल गई. यमन की सरकार ने एक आदेश जारी कर उन्हें फांसी देने का फरमान स्थगित कर दिया है. लेकिन ये हुआ कैसे? फांसी कैसे टली? क्या किसी मुस्लिम उलेमा ने मदद की ? क्या स...और पढ़ें

निमिषा प्रिया की फांसी टलने के पीछे सरकार का बड़ा हाथ.
हाइलाइट्स
यमन की सरकार ने निमिषा प्रिया की फांसी टालने का आदेश जारी किया.कहा जा रहा कि भारत सरकार की पूरी जानकारी में यह फैसला लिया गया.केरल के एक ग्रैंड मुफ्ती ने भी दावा किया कि उन्होंने मुस्लिम उलेमा से बात ककेरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी आखिरकार टल गई. लेकिन आपने मन में एक सवाल होगा कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि यमन की जो अदालत निमिषा को मारने का हुक्म दे चुकी थी. बस चंद घंटे बचे थे, उससे पहले यमन प्रशासन ने आदेश दे दिया कि फांसी फिलहाल के लिए टाल दी गई. सबकी नजर परिवार, सरकार की ओर है. राहत की उम्मीद लगाए लोग बैठे हैं. क्योंकि सबको पता है कि शरिया अदालतों के फैसले पलटा नहीं करते. इसी बीच केरल के एक मुफ्ती सामने आए. उन्होंने कहा, निमिषा को बचाने के लिए हमने भी कोशिशें की. यमन के मुस्लिम विद्वानों से बात की और आखिर ये खुशखबरी आ गई. लेकिन आखिर हुआ क्या? निमिषा की फांसी टली कैसे?
केरल के बड़े ग्रैंड मुफ्ती शेख अबूबकर अहमद (कंथापुरम मुसलियार) ने कहा, ‘इस्लाम का एक अलग कानून है. अगर हत्यारे को मौत की सजा सुनाई जाती है तो पीड़ित के परिवार को माफी का अधिकार भी दिया गया है. मुझे नहीं पता कि यह परिवार कौन है, लेकिन मैंने दूर से ही यमन के जिम्मेदार विद्वानों से संपर्क किया. मैंने उन्हें समझाया. बताया कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो मानवता को भी बहुत महत्व देता है. जब मैंने उनसे हस्तक्षेप करने और मदद करने की अपील की तो वे भी मान गए. कहा कि वे जो कर सकते हैं, करेंगे. और आज ये राहतभरी खबर आई है. हम सार्वजनिक मुद्दों में धर्म या जाति नहीं देखते. आप सभी यह जानते हैं.’
कौन हैं ग्रैंड मुफ्ती शेख अबूबकर
ग्रैंड मुफ्ती ने ये भी बताया कि उन्हें आधिकारिक तौर पर एक डॉक्यूमेंट यमन से भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि फांसी फिलहाल के लिए स्थगित कर दी गई है. इससे परिवार को बातचीत और अपनी बेटी को बचाने का मौका मिलेगा. ग्रैंड मुफ्ती ने कहा, ‘मैंने केंद्र सरकार को भी इस बातचीत के बारे में जानकारी दी है. प्रधानमंत्री कार्यालय को भी एक लेटर भेजा है.’ ग्रैंड मुफ्ती शेख अबूबकर धार्मिक गुरु हैं, जिनका मुसलमान बड़ा सम्मान करते हैं. वे ऑल इंडिया जमीयतुल उलेमा के महासचिव भी हैं. 2018 में जब उन्होंने यह पद संभाला था तब भारत ही नहीं, कई मुस्लिम देशों में जश्न मनाया गया था. उनकी बात, जितनी भारत के मुस्लिम समझते हैं उतने ही कई अन्य मुस्लिम देशों के उलेमा भी. इसलिए उनकी बातचीत का मुस्लिम देशों में असर ज्यादा है. इस मामले में भी उन्होंने यमन के अधिकारियों से सजा पर पुनर्विचार करने और निमिषा को रिहा करने की बात की है.
केरल के ग्रैंड मुफ्ती शेख अबूबकर अहमद (कांथापुरम मुसलियार)
तो कैसे टली फांसी?
निमिषा को फांसी से बचाने की कोशिश में जुटे सामाजिक कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम से इंडियन एक्सप्रेस ने बात की और पूछा कि अचानक फांसी टली कैसे? इस पर सैमुअल जेरोम ने बताया कि अल वसाब क्षेत्र के शासक अब्दुल मलिक अल नेहया ने शुक्रवार को यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी से मुलाकात की. इसके बाद सरकार ने फांसी टालने का फैसला लिया. सैमुअल जेरोम ने बताया कि भारत सरकार इस मुहिम में पूरी तरह शामिल थी, लेकिन यमन के अधिकारियों ने विवरण का खुलासा करने से मना किया था, इसलिए जानकारी नहीं शेयर की गई. चर्चा ये भी है कि कानून-व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े, इसलिए फांसी टालने की सूचना देर से दी गई. क्योंकि फांसी की सजा देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जेल की ओर जा रहे थे.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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