Last Updated:July 09, 2025, 15:39 IST
Army Doctor Story: भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मेजर रोहित बचवाला की बहादुरी और समर्पण की प्रशंसा की, जिन्होंने झांसी रेलवे स्टेशन पर प्रसव पीड़ा वाली महिला की सफलतापूर्वक मदद की.

Indian Army Doctor Story: मेजर ने किया ऐसा काम कि आर्मी चीफ ने की जमकर तारीफ
Army Doctor Story: भारतीय सेना (Indian Army) के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मेजर रोहित बचवाला (Major Rohit Bachawala) की बहादुरी और कर्तव्य के प्रति उनकी निस्वार्थ लगन की जमकर तारीफ की है. मेजर बचवाला सेना के मेडिकल ऑफिसर हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश के झांसी रेलवे स्टेशन पर प्रसव पीड़ा से गुजर रही एक महिला की सहायता की थी और उसका सुरक्षित प्रसव कराया था.
भारतीय सेना के मेडिकल कोर के हैं अफसर
31 साल के मेजर रोहित बचवाला भारतीय सेना के मेडिकल कोर (AFMC) में काम करते हैं और फिलहाल झांसी के मिलिट्री हॉस्पिटल में तैनात हैं. वह हैदराबाद के रहने वाले हैं और उनके पिता भी भारतीय वायु सेना के अधिकारी रह चुके हैं. इसलिए मेजर रोहित को परिवार से मिलिट्री सर्विस की परंपरा मिली है. युद्ध के मैदान में घायल सैनिकों की देखभाल और आपातकालीन हालात संभालने का प्रशिक्षण उन्हें मिला है.
मेजर रोहित की ये खासियतें उस दिन रेलवे स्टेशन पर भी काम आईं जब वे छुट्टी पर थे और अपने परिवार से मिलने के लिए बेंगलुरु होते हुए हैदराबाद जा रहे थे. 5 जुलाई 2025 को झांसी रेलवे स्टेशन पर उनका होना सिर्फ एक संयोग था, लेकिन उस संयोग ने एक युवा परिवार की ज़िंदगी बदल दी.
मेजर रोहित की निडर सेवा
मेजर रोहित झांसी मिलिट्री हॉस्पिटल में तैनात थे और एक महीने की छुट्टी पर थे, ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. तभी उन्होंने देखा कि एक गर्भवती महिला तेज़ प्रसव पीड़ा से परेशान है. बिना देर किए उन्होंने अपने पॉकेट चाकू, हेयर क्लिप और धोती का उपयोग कर वहीं प्लेटफ़ॉर्म को प्रसूति वार्ड में बदल दिया.
ट्रेन में शुरू हुई थी प्रसव पीड़ा
अश्वरफलक कुरैशी नाम की महिला पनवेल-गोरखपुर एक्सप्रेस में अपने परिवार के साथ यात्रा कर रही थी. अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई, जिसके कारण उनके पति ने रेलवे सहायता ऐप से मदद मांगी. झांसी स्टेशन पर उन्हें उतार दिया गया, लेकिन मेडिकल फैसिलिटी न होने के कारण संकट पैदा हो गया.
सीमित संसाधनों में दिखाया साहस
रेलवे कर्मचारी महिला को व्हीलचेयर पर ले जा रहे थे, तभी मेजर रोहित ने हस्तक्षेप किया. ऑपरेशन थिएटर न होने के बावजूद अपने अनुभव और हिम्मत से मेजर ने महिला का सफल प्रसव कराया. मेजर रोहित की यह घटना न केवल उनकी बहादुरी का परिचायक है, बल्कि मानवता और सेवा की अद्भुत भावना भी दिखाती है. उन्होंने दो जीवनों को बचाकर हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं.
पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...और पढ़ें
पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...
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