पुलवामा अटैकर की बेवा के टच में थी शाहीन? PAK के रावलकोट में रचा गया षडयंत्र

1 hour ago

Last Updated:November 12, 2025, 19:18 IST

दिल्ली लाल किला ब्लास्ट केस में गिरफ्तार डॉ. शाहीन सईद का लिंक पाकिस्तान के रावलकोट में सक्रिय महिला आतंकी संगठन ‘जमात-उल-मोमिनात’ से बताया जा रहा है. यह नेटवर्क पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड उमर फारूक की बेवा आफिरा बीबी और मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर के निर्देश में काम करता है. शाहीन को भारत में इसका लोकल यूनिट तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया था.

पुलवामा अटैकर की बेवा के टच में थी शाहीन? PAK के रावलकोट में रचा गया षडयंत्रसुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं.

दिल्ली लाल किला ब्लास्ट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार डॉ. शाहीन सईद का संबंध पाकिस्तान के रावलकोट में सक्रिय ‘जमात-उल-मोमिनात’ नाम के महिला आतंकी नेटवर्क से होने की बात सामने आ रही है. यह संगठन पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड उमर फारूक की बेवा आफिरा बीबी और मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर की देखरेख में काम करता है. माना जा रहा है कि शाहीन सईद इन्हीं के संपर्क में थी और भारत में इस नेटवर्क का लोकल यूनिट खड़ा करने की जिम्मेदारी उसे दी गई थी.

महिलाओं के लिए जिहादी कोर्स का इंतजाम
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार जांच एजेंसियों को शक है कि शाहीन ने न केवल फंडिंग बल्कि महिलाओं की भर्ती और ऑनलाइन कट्टरपंथ फैलाने में भी अहम भूमिका निभाई. बताया जा रहा है कि इस आतंकी संगठन ने हाल ही में महिलाओं के लिए ‘जिहाद कोर्स’ भी शुरू किया था. जांच एजेंसियां अब इस नेटवर्क के विदेशी लिंक और दिल्ली ब्लास्ट से कनेक्शन की गहन जांच कर रही हैं.

जांच के शुरुआती सुराग बताते हैं कि यह घटना पाकिस्‍तान में बैठकर जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने प्‍लान की. JeM की नयी महिला ब्रिगेड जमात-उल-मोमिनात इसके पीछे बताई जा रही है. इसके गठन और विस्तार के पीछे मसूद अजहर का स्पष्ट रोल सामने आ रहा है. वो अब पारंपरिक पुरुष-आधारित आतंकवादी संरचना के अलावा महिलाओं को सक्रिय भूमिका देना चाहता है ताकि नेटवर्क का दायरा व्यापक और कम नजर आने वाला बने.

अफ़िरा बीबी शूरा की थी सदस्‍य
जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर के रावलकोट में आयोजित कार्यक्रम और ‘दुख्तरान-ए-इस्लाम’ जैसे आयोजनों ने इस रणनीति को अमलीजामा पहनाने का मंच दिया. वहीं, अफ़िरा बीबी जैसी महिलाओं का शूरा (advisory council) में सहभागी होना इस बात का संकेत है कि संगठन परिवारिक और सामाजिक रिश्तों का इस्तेमाल कर कट्टर विचारधारा का प्रसार कर रहा है.

‘तुफत अल-मोमिनात’ के जरिए महिलाओं को ऑनलाइन जोड़ती थी शाहीन
लखनऊ की डॉ. शाहीन सईद का नाम मामले में उभर कर आने के बाद संभावित स्थानीय इकाई के निर्माण का अंदेशा बढ़ गया है. जांच में सामने आया कि शाहीन न केवल ऑनलाइन कोर्स ‘तुफत अल-मोमिनात’ के जरिए महिलाओं को जोड़ने की कोशिश कर रही थी बल्कि उसके पास से असॉल्ट राइफल और गोला-बारूद भी मिला, जो स्पष्ट संकेत है कि कट्टरवाद का प्रचार केवल शब्दों तक सीमित नहीं था बल्कि हिंसा की तरफ कदम बढ़ाने की तैयारी थी. यही कड़ी सीधे तौर पर लाल किला ब्लास्ट से जुड़ती दिखती है क्योंकि उसी दिन आई20 कार का विस्फोट हुआ जिसने नौ लोगों की जान ली और कई घायल किए.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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First Published :

November 12, 2025, 19:18 IST

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