Protest against Donald Trump in Washington DC: शनिवार को अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में एक बार फिर अमेरिकी राषट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया. अपने प्रदर्शन के दौरान वाशिंगटन डीसी की सड़कों पर हजारों की संख्या में लोग उतरे और अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इन प्रदर्शनकारियों में गैर दस्तावेजी अप्रवासी और फिलिस्तीन के समर्थक भी शामिल थे. इन लोगों ने सड़कों पर उतरकर पहले ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन किया और फिर अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
आपको बता दें कि इसके पहले अगस्त महीने की शुरुआत में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वाशिंगटन में बढ़ते क्राइम को लेकर इसे रोकने के लिए राजधानी वाशिंगटन डीसी में सेना की तैनाती कर दी थी. इसके बाद से ही लगातार ट्रंप को वहां की जनता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. इसके पहले गुरुवार को डीसी के अटॉर्नी जनरल ने ब्रायन श्वाल्ब ने राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ एक कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया. इस मुकदमें में उन्होंने ट्रंप पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने पूरे शहर में नेशनल गार्ड की तैनाती कर दी है जो कि कानून के खिलाफ है.
ट्रंप का दावा शहर में बढ़ गया था क्राइम
इसके पहले डोनाल्ड ट्रंप ने इस बाता का दावा किया था कि शहर में क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. इसी वजह से उन्होंने शहर में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स की तैनाती की थी. ट्रंप ने बताया था कि कानून व्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा को पुनः स्थापित करने के लिए राजधानी में जिले के मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग को सीधे नियंत्रण में रखा और कानून प्रवर्तन कर्मियों को जिसमें इमिग्रेशन और कस्टम्स एनफोर्समेंट के सदस्य शामिल थे इन सबको शहर की सड़कों पर पुलिसिंग के लिए भेजा.
2024 में क्राइम बीते 30 सालों के निचले स्तर पर
वहीं जूडीशरी विभाग से मिले आंकड़ों से इस बात की जानकारी हासिल हुई थी कि साल 2024 में वाशिंगटन में क्राइम, हिंसा बीते 30 सालों में सबसे निचले स्तर तक पहुंच गई थी. वाशिंगटनअमेरिकी कांग्रेस के अधिकार क्षेत्र में एक स्व-शासित जिला है. नेशनल गार्ड एक मिलिशिया के रूप में कार्य करता है जो 50 राज्यों के गवर्नरों के प्रति जवाबदेह है. सिवाय इसके कि जब इसकी सर्विस ली जाती है. डीसी नेशनल गार्ड सीधे राष्ट्रपति को रिपोर्ट करता है. वे डीसी में वही करने की कोशिश कर रहे हैं जो वे अन्य तानाशाहियों के साथ करने की कोशिश कर रहे हैं.
यह भी पढ़ेंः चीन और कोरिया से मुलाकात की तैयारी में अमेरिका, क्या भारत के लिए खतरे की घंटी?