Last Updated:November 27, 2025, 03:22 IST
याचिका में नियमित सैनिकों की तरह लाभ देने की मांग की गई है. (फाइल फोटो)मुंबई. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से हुई गोलाबारी में शहीद हुए अग्निवीर मुरली नाइक की मां ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है और नियमित सैनिक के परिवार को मिलने वाले लाभ देने से इनकार करने को चुनौती दी है. नाइक की मां ज्योतिबाई नाइक की अर्जी में दावा किया गया कि अग्निपथ योजना अग्निवीरों और नियमित सैनिकों के बीच ‘मनमाना’ फर्क पैदा करती है. इसमें उन्होंने संपूर्ण मृत्यु लाभ देने से इनकर करने को ‘भेदभावपूर्ण’ बताते हुए सवाल उठाया है.
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तानी सेना की ओर से गोलाबारी और मोर्टार से हमलों में नौ मई को मुरली नाइक शहीद हो गए थे. अधिवक्ता संदेश मोरे, हेमंत घाडीगांवकर और हितेन्द्र गांधी के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि अग्निवीर नियमित सैनिकों के समान ही कर्तव्य निभाते हैं और उन्हीं जोखिमों का सामना करते हैं, फिर भी अग्निवीरों के परिवारों को दीर्घकालिक पेंशन और कल्याणकारी लाभों से वंचित रखा गया है.
याचिका में क्या कुछ कहा गया है?
याचिका में कहा गया है, ‘सरकार द्वारा शुरू की गई अग्निपथ योजना में अग्निवीरों को सेवा के बाद मिलने वाले उन पेंशन लाभ और अन्य दीर्घकालिक कल्याणकारी अधिकारों से स्पष्ट रूप से वंचित रखा गया है, जो सामान्यतः नियमित सैनिकों को मिलते हैं.’ याचिका के अनुसार, शहीद अग्निवीर के परिवार को लगभग एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि मिलती है, लेकिन उन्हें कोई नियमित पारिवारिक पेंशन या कोई अन्य लाभ नहीं दिया जाता है.
अग्निवीरों के परिवारों के लिए पेंशन की मांग
याचिका में सेवा के दौरान जान गंवाने वाले अग्निवीरों के परिवारों के लिए पेंशन, संस्थागत मान्यता और कल्याणकारी उपायों सहित समान मरणोपरांत लाभ सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. इसमें संबंधित प्राधिकारियों को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है कि वे याचिकाकर्ता के इस अनुरोध पर विचार करें कि ये लाभ उसके परिवार को भी दिए जाएं.
अग्निपथ योजना में ‘भेदभाव’
याचिका के अनुसार, नाइक को जून 2023 में भारतीय सेना में भर्ती किया गया था. उनकी शहादत के बाद, याचिकाकर्ता ने कई अधिकारियों को पत्र भेजकर अनुरोध किया कि उनके परिवार को नियमित सैनिकों के परिवारों को दिए जाने वाले समान लाभ दिए जाएं. याचिका में दावा किया गया है कि उन्हें अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. याचिका में कहा गया है कि हालांकि वह अग्निपथ योजना की वैधता को पूरी तरह चुनौती नहीं दे रही हैं, लेकिन यह ‘भेदभावपूर्ण’ है और नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है. इसमें कहा गया है, ‘इस योजना ने अग्निवीरों और नियमित सैनिकों के बीच बिना किसी स्पष्ट अंतर के मनमाना और अनुचित वर्गीकरण किया है.’ इस याचिका पर हाईकोर्ट की कोई खंडपीठ जल्द सुनवाई कर सकती है.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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Location :
Mumbai,Maharashtra
First Published :
November 27, 2025, 03:22 IST

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