फ्लाइट में भूलकर न करें यह 10 हरकतें, नहीं तो Airport पर लग सकती है No-Entry

1 hour ago

Last Updated:November 19, 2025, 10:32 IST

Airport News: एयर ट्रैवल के दौरान नियमों को ना मानने वाले 380 पैसेंजर्स को नो-फ्लाइंग लिस्‍ट में डाला जा चुका है. इन पैसेंजर्स पर दो महीने से लेकर पांच साल तक का बैन लगाया गया है.

फ्लाइट में भूलकर न करें यह 10 हरकतें, नहीं तो Airport पर लग सकती है No-Entry

Airport News: फ्लाइट के सफर के दौरान अब आपको बेहद चौकन्‍ना रहना होगा. कहीं ऐसा ना हो कि एक छोटी सी गलती आपके लिए बड़ी मुसीबत पैदा कर दे. मुसीबत भी ऐसी कि भविष्‍य में आपके लिए एयरपोर्ट पर नो-एंट्री लग जाए और आप ट्रेन से सफर करने के लिए मजबूर हो जाएं. बीते दिन, भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल रितेश कुमार सिंह के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. लेफ्टिनेंट कर्नल रितेश ने स्‍पाइसजेट के चार कर्मचारियों के साथ श्रीनगर एयरपोर्ट पर मारपीट की थी. जिसके बाद, स्‍पाइसजेट के साथ-साथ एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्‍सप्रेस, इंडिगो और आकासा एयरलाइंस ने भी लेफ्टिनेंट कर्नल रितेश को अपनी नो-फ्लाई लिस्‍ट में डाल दिया है.

यहां आपको बता दें कि मारपीट ही नहीं, बल्कि कई दूसरी हरकतें भी है, जिसकी वजह से आपको अनरूली पैसेंजर बताकर नो फ्लाई लिस्‍ट में डाला जा सकता है. बीते 2020 से अब तक की बात करें तो डीजीसीए ने अब तक करीब 380 अनरूली पैसेंजर्स के नाम नो-फ्लाई लिस्‍ट में डाले हैं. इनमें से अधिकांश पर तीन महीने से दो साल तक का प्रतिबंध लगा है, लेकिन गंभीर मामलों में पांच साल तक की सजा भी दी गई है. एविएशन सिक्‍योरिटी एक्‍सपर्ट्स के अनुसार, कोविड के बाद से फ्लाइट में हंगामा करने के मामले तेजी से बढ़े हैं 2023 में तो रिकॉर्ड 110 यात्रियों को नो-फ्लाई लिस्ट में डालना पड़ा था. इनके खिलाफ नशे में धुत होकर उत्पात, क्रू मेंबर्स को धमकाना, सीट-बेल्ट न बांधना और धूम्रपान करने का आरोप था.

अनरूली होते पैसेंजर्स के साल-दर-साल बढ़ते आंकड़े

2020 : 10 पैसेंजर 2021 : 66 पैसेंजर 2022 : 63 पैसेंजर 2023 : 110 पैसेंजर (सबसे अधिक) 2024 : 82 पैसेंजर 2025: 49 पैसेंजर

आपको नो-फ्लाई लिस्ट में पहुंचा सकती हैं ये हरकतें

लेवलकैटेगरीहरकतेंसजा
लेवल-1मौखिक या हल्का शारीरिक उत्पातनशे में गाली-गलौज, अभद्र इशारे, चिल्लाना3 महीने तक उड़ान प्रतिबंध
लेवल-2शारीरिक हिंसाधक्का देना, थप्पड़ मारना, कर्मचारी या सह-पैसेंजर को चोट पहुंचाना6 महीने तक प्रतिबंध (गंभीर मामलों में अधिक)
लेवल-3जीवन-खतरे में डालने वाली हरकतविमान के उपकरणों को नुकसान, कॉकपिट में घुसने की कोशिश, बम की झूठी धमकी आदिन्यूनतम 2 साल, ऊपरी सीमा नहीं (आजीवन भी हो सकता है)

एयर ट्रैवल विशेषाधिकार है, अधिकार नहीं!
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, एयर ट्रैवल पैसेंजर्स के लिए प्रिविलेज (विशेषाधिकार) है, ना कि राइट (अधिकार) नहीं है. उन्‍होंने कहा कि जो लोग क्रू या को-पैसेंजर्स की सुरक्षा से खिलवाड़ करते हैं, उनके खिलाफ सख्ती जरूरी है. पिछले कुछ सालों में कई सांसद, उद्योगपति और सेलिब्रिटी भी नो-फ्लाई लिस्ट में आ चुके हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में तीन-छह महीने की सजा के बाद नाम हटा लिया गया है. वहीं, लेफ्टिनेंट कर्नल रितेश कुमार सिंह पर डीजीसीए ने पांच साल के लिए बैन लगाया है, जो अब तक की सबसे सख्‍त सजा मानी जा रही है.

पैसेंजर के पास है अपील का अधिकार
नो-फ्लाई लिस्ट में नाम आने के बाद पैसेंजर के पास अपील का पूरा अधिकार है. डीजीसीए के नियमों के अनुसार, 60 दिनों के अंदर सिविल एविएशन मिनिस्‍ट्री द्वारा गठित अपीलीय समिति में अपील की जा सकती है. इस समिति की अध्यक्षता रिटायर्ड हाईकोर्ट जज करते हैं. समिति के फैसले से असंतुष्ट होने पर पैसेंजर हाईकोर्ट भी जा सकता है. हालांकि अब तक अधिकांश अपीलें खारिज ही हुई हैं.

Anoop Kumar MishraAssistant Editor

Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें

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First Published :

November 19, 2025, 10:32 IST

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