Last Updated:March 12, 2025, 09:38 IST
West Bengal News: पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही भड़काऊ बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. इस बीच बीजेपी विधायक सुवेंदु अधिकारी ने मुस्लिमों को लेकर ऐसा बयान दिया, जिससे बवाल मच गया.

बीजेपी नेता शुवेंदु अधिकारी पर सांप्रदायिक राजनीति का कार्ड खेलने का आरोप लग रहा है.
हाइलाइट्स
शुवेंदु अधिकारी के बयान से पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हलचल.तृणमूल ने अधिकारी के बयान को नफरत फैलाने वाला बताया.बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व ने अधिकारी के बयान पर टिप्पणी नहीं की.पश्चिम बंगाल में अगले साल यानी 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर अभी से राजनीतिक बयानबाजी तेज होती जा रही है. इस बीच, विपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक शुवेंदु अधिकारी के एक बयान ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है. मंगलवार को उन्होंने विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि बीजेपी सत्ता में आने के बाद ‘मुस्लिम विधायकों को विधानसभा से बाहर फेंक देगी.’ अधिकारी के इस बयान को तृणमूल कांग्रेस ने ‘नफरत फैलाने वाला’ करार देते हुए उनकी ‘मानसिक स्थिति’ पर सवाल उठाए हैं.
शुवेंदु अधिकारी के इस बयान के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. खासतौर पर तब जब सोमवार को बीजेपी की हल्दिया से विधायक तपसी मोंडल तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गई थीं. इसके अगले ही दिन अधिकारी ने ममता सरकार को ‘सांप्रदायिक प्रशासन’ बताते हुए कहा कि यह ‘मुस्लिम लीग का दूसरा संस्करण’ बन चुका है. हिन्दुस्तान टाइम्स बांग्ला की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी ने दावा किया कि ‘इस बार बंगाल की जनता तृणमूल को उखाड़ फेंकेगी.’ अधिकारी ने इसके साथ ही कहा, ‘2026 में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर जीतने वाले किसी भी मुस्लिम विधायक को सड़क पर फेंक दिया जाएगा.’
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने शुवेंदु अधिकारी के बयान की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि ‘एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि के लिए इस तरह की भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करना शोभा नहीं देता. संसद और विधानसभाओं में बहस और तर्क-वितर्क हो सकते हैं, लेकिन धर्म को आधार बनाकर विधायकों को निशाना बनाना संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है. यह खतरनाक, उत्तेजक और आपराधिक कृत्य है.’
उधर बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व ने शुवेंदु अधिकारी के बयान पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब अधिकारी की बयानबाजी से उनकी ही पार्टी में असहजता पैदा हुई हो. इससे पहले, 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के अपेक्षित प्रदर्शन न कर पाने के बाद, अधिकारी ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे पर सवाल उठाते हुए कहा था, ‘हम सिर्फ उन्हीं के साथ हैं जो हमारे साथ हैं. हमें किसी माइनॉरिटी मोर्चा की जरूरत नहीं है.” उनके इस बयान से पार्टी के भीतर भी असहमति देखने को मिली थी, और कई बीजेपी नेताओं ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया था.
Location :
Kolkata,West Bengal
First Published :
March 12, 2025, 09:38 IST