Last Updated:November 17, 2025, 09:07 IST
पुणे में गिरफ्तार किए गए अल-कायदा से जुड़े संदिग्ध आतंकी जुबैर के बारे में महाराष्ट्र ATS ने चौंकाने वाली जानकारियां दी है. करीब 15 साल तक आईटी सेक्टर में नौकरी के बाद जुबैन आतंकवाद की राह पर कैसे चला गया और उसने भारत में आतंक फैलाने की क्या साजिश रची थी? चलिये जानते हैं...
पुणे में गिरफ्तार किए गए अल-कायदा से जुड़े संदिग्ध आतंकी जुबैर के बारे में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं.पुणे में गिरफ्तार किए गए अल-कायदा से जुड़े संदिग्ध आतंकी जुबेर के बारे में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं. महाराष्ट्र ATS की जांच में पता चला है कि वह देश में चरमपंथ फैलाने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और ‘लोन वुल्फ अटैक’ जैसी वारदातों की साजिश रच रहा था. जुबेर बम बनाने की तकनीकों में भी पारंगत बताया जा रहा है.
जुबेर ने सोलापुर के वालचंद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से BE किया है. उसकी स्कूली शिक्षा सोलापुर सोशल असोसिएशन उर्दू हाई स्कूल में हुई. पेशे से वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और कालयाणी नगर स्थित साइबेज़ सॉफ्टवेयर में 2012 से काम कर रहा था. COVID के बाद वह हाइब्रिड मोड में काम कर रहा था.
जांच एजेंसियों के अनुसार, लंबे समय से IT सेक्टर में काम करने के बावजूद वह कट्टरपंथी विचारधारा से गहराई से प्रभावित था और अपने निजी जीवन में भी शरीयत के नियमों का कड़ाई से पालन करता था. वह लोकतांत्रिक प्रक्रिया से दूरी बनाकर युवाओं को भी इससे दूर रहने के लिए प्रेरित करता था.
2015 में शुरू हुआ कट्टरपंथ, आतंकियों के संपर्क में आया
एटीएस के मुताबिक, 2015 के आसपास वह पुणे और हैदराबाद में आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों के संपर्क में आया. इसके बाद उसने उग्रवादी उपदेशकों की सामग्री पढ़नी शुरू की और जिहादी साहित्य अपने पास इकट्ठा कर लिया.
जुबेर के डिजिटल डिवाइसों से अल-कायदा और AQIS की कई डिजिटल मैगजीन मिली हैं, जिनमें हिंसक जिहाद, IED बनाने के तौर-तरीकों, ‘लोन वुल्फ’ अटैक और गुरिल्ला युद्ध की विस्तृत सामग्री दर्ज थी. इनका उद्देश्य युवाओं को कट्टरपंथी बनाना और उन्हें हिंसक रास्ते पर ले जाना बताया जाता है.
जुबेर ने मध्य-पूर्व, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कट्टरपंथी विचारकों की सामग्री का गहरा अध्ययन किया था. उसने 9/11 जैसे आतंकी हमलों पर आधारित लेखों और दस्तावेज़ों का भी अध्ययन किया था. जांच में यह भी सामने आया कि वह विभिन्न प्रकार के IED बनाने के प्रशिक्षण मैनुअल से परिचित था.
टेलीग्राम ग्रुप के जरिये युवाओं को करता था प्रभावित
एटीएस के अनुसार, जुबेर कई अंतरराष्ट्रीय टेलीग्राम चैनलों से जुड़ा हुआ था, जहां उग्रवादी सामग्री शेयर की जाती थी. उसने अपने टेलीग्राम ग्रुप भी बनाए थे, जिनमें वह युवाओं को शरीयत लागू करने, ग़ज़वा-ए-हिंद और खिलाफत की स्थापना जैसे विषयों पर चर्चा के लिए प्रेरित करता था.
पुणे, सोलापुर और ठाणे में गुप्त ‘दर्स’ सत्र
जांच में सामने आया है कि उसने पुणे, सोलापुर और ठाणे में गुप्त बैठकों के जरिए कुछ युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलने की कोशिश की. इन सत्रों में वह कथित तौर पर इस बात का प्रचार करता था कि भारत में ‘शरीयत शासन’ लागू करने का रास्ता हिंसक संघर्ष से होकर जाता है.
एटीएस की छापेमारी से खुला राज
9 अक्टूबर 2025 को महाराष्ट्र एटीएस ने पुणे के कई इलाकों में छापेमारी की थी. 18 लोगों के घरों और डिवाइसों की तलाशी ली गई. जुबेर के उपकरणों से मिले भारी मात्रा में जिहादी साहित्य, अल-कायदा लिंक सामग्री और डिजिटल प्रमाणों से उसकी भूमिका उजागर हुई.
एटीएस का कहना है कि फिलहाल जुबेर से पूछताछ जारी है और उसके नेटवर्क तथा संभावित सहयोगियों की तलाश की जा रही है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
Pune,Maharashtra
First Published :
November 17, 2025, 09:07 IST

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