Kota Inter Caste Love Marriage Story: कहते हैं कि कुछ रिश्ते अचानक बने हालातों से जन्म लेते हैं. संजीव और शैलजा की कहानी साल 1991 में एक दुर्घटना के साथ शुरू हुई थी. तब संजीव दसवीं कक्षा में थे और एक हादसे का शिकार हो गए थे. उस वक्त शैलजा के पिता ने उनकी मदद की. इस मानवीय सहयोग का शुक्रिया अदा करने जब संजीव उनके घर पहुँचे, तो उन्होंने पहली बार शैलजा को बैडमिंटन खेलते देखा. वह एक ऐसी मुलाकात थी जिसने संजीव के दिल में शैलजा के लिए खास जगह बना दी. शैलजा को करीब से देखने और जानने की चाहत में संजीव ने उसी स्कूल (सेंट्रल एकेडमी) में दाखिला ले लिया जहाँ शैलजा पढ़ती थीं. करीब एक साल की खामोशी के बाद एक दिन मौका पाकर संजीव ने शैलजा का गिरा हुआ रूमाल उठाया और उस पर 'I Love You' लिखकर 'Yes' या 'No' का विकल्प दे दिया. पढ़ाई में होशियार शैलजा ने एक महीने तक कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन बसंत पंचमी के दिन चंबल गार्डन में जब संजीव ने हिम्मत जुटाकर हाथ पकड़ा, तो खामोशी ने रिश्ते की रजामंदी दे दी. संजीव शर्मा और शैलजा की 1991 में शुरू हुई प्रेम कहानी 1997 में विवाह के बंधन में बंधी, देखें वीडियो
रूमाल पर लिखे 'I Love You' से शुरू हुआ सफर! संजीव–शैलजा की इंटरकास्ट प्रेम...
1 hour ago
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