हाइलाइट्स
झारखंड हाईकोर्ट से बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में आया फैसला, आदेश में कई बिंदुओं का जिक्र. घुसपैठियों की पहचान को लेकर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी पर हाईकोर्ट ने फैसला रखा था सुरक्षित. HC ने केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर कमेटी बनाने का दिया निर्देश, 1 अक्टूबर को सुनवाई.
रांची. संथाल में बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले में “हाईपावर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी” बनाने को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. झारखंड हाईकोर्ट ने अब इस मामले में अपना आदेश सुना दिया है. इस आदेश में घुसपैठ मामले में केंद्र और राज्य सरकार को लेकर कई बिंदुओं का विस्तार से जिक्र किया गया है. झारखंड हाईकोर्ट ने अपने आदेश में 22 नवंबर 2023 का जिक्र किया है जब पूर्व चीफ जस्टिस संजय मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की बेंच के सामने राज्य सरकार कमिटी गठन को लेकर तैयार हुई थी. उस समय घुसपैठियों की पहचान के लिए जॉइंट कमिटी बनाने के लिए राज्य सरकार तैयार थी. आदेश में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि बाद में राज्य सरकार कमेटी के गठन से इनकार करती रही.
कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर कमेटी बनाने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर से पहले केंद्र और राज्य के बीच एक बैठक होनी चाहिए, जिसमें कमेटी के गठन पर चर्चा होनी चाहिए. इसके साथ कमेटी में कौन-कौन सदस्य होंगे, उसके चयन पर भी फैसला करने का निर्देश दिया गया है. कोर्ट के आदेश पारा 26 में इस बात का जिक्र किया गया है कि संथाल के जिलों के डीसी ने घुसपैठ नहीं होने की बात कही थी. वहीं, पारा 37 में जिक्र है कि राज्य की ओर से घुसपैठ होने की बात कही गई है. इसके बाद पारा 39 में राज्य की ओर से कहा गया है कि घुसपैठ है जबकि डीसी-एसपी की ओर से कहा गया है कि घुसपैठ नहीं है. मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी.
बता दें कि पिछली सुनवाई में संथाल में बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में कोर्ट ने “हाई पावर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी” के गठन पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने जहां पक्ष रखा था. वहीं, केंद्र की ओर से सालीसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने अपनी दलील रखी थी. गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा था कि घुसपैठ के डाटा को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति है. इस पर तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र की ओर से दिए गए हलफनामे के पारा 36 में घुसपैठ को लेकर पूरी जानकारी दी गई है और इसमें कहीं कन्फ्यूजन की स्थिति नहीं है.
केंद्र सरकार की ओर से तुषार मेहता ने यह कहा था कि घुसपैठियों की पहचान के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन जरूरी है. बहस के दौरान कपिल सिब्बल ने इस मामले को पॉलिटिकल इश्यू बताया…जिस पर कोर्ट ने कहा था कि यह कोई पॉलिटिकल फोरम नहीं है.
FIRST PUBLISHED :
September 29, 2024, 12:53 IST