बिहार कांग्रेस में घमासान तो शुरू हुआ है, अंजाम बाकी है! 'विद्रोह' का संकेत

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Last Updated:November 25, 2025, 08:34 IST

Bihar Congress News : कांग्रेस के भीतर मचा ‘घमासान’ क्या यह तूफान बनने जा रहा? यह सवाल इसलिए कि बिहार कांग्रेस इन दिनों अभूतपूर्व उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है. सात नेताओं के निष्कासन के बाद हालात तेजी से बदल रहे हैं और पार्टी के भीतर असंतोष का दायरा लगातार बढ़ता दिख रहा है. बागी गुट के दिल्ली कूच करते ही सवाल उठने लगा है कि क्या यह सिर्फ अंदरूनी नाराजगी है या कांग्रेस एक बड़े बवंडर की ओर बढ़ रही है?

बिहार कांग्रेस में घमासान तो शुरू हुआ है, अंजाम बाकी है! 'विद्रोह' का संकेतबिहार कांग्रेस में सात नेताओं के निष्कासन से संगठनात्मक संकट गहराया.

पटना. बिहार चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस में एक बार फिर अंदरूनी उठापटक तेज हो गई है. सात नेताओं के निष्कासन के बाद हालात सिर्फ ‘कार्रवाई’ तक सीमित नहीं रहे, बल्कि अब यह एक बड़े संगठनात्मक संकट का रूप लेता दिख रहा है. प्रदेश अनुशासन समिति की ओर से सात नेताओं को छह वर्ष के लिए निष्कासित किए जाने के बाद सियासी तापमान अचानक बढ़ गया है. पार्टी अनुशासन समिति की सख्त कार्रवाई के बाद बागी गुट खुलकर मैदान में आ गया है और कार्रवाई के तुरंत बाद बागी नेता दिल्ली रवाना हो गए, जहां वे राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात कर प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ शिकायत दर्ज करेंगे. ऐसे में बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस में शुरू हुआ असंतोष अब खुले टकराव का रूप लेता दिखाई दे रहा है. इस घटनाक्रम ने पार्टी में गहराते संकट को और स्पष्ट कर दिया है और यही सवाल अब चर्चा में है कि क्या यह घमासान आने वाले दिनों में कांग्रेस के भीतर किसी बड़े तूफान का रूप ले सकता है?

सात नेताओं पर गिरी गाज, विवाद और गहरा गया

प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति ने पार्टी-विरोधी गतिविधियों, भ्रामक बयानबाजी और संगठनात्मक निर्णयों की अवहेलना के आरोप में सात नेताओं को छह वर्ष के लिए प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया. जिन नेताओं पर कार्रवाई हुई है, उनमें- आदित्य पासवान, शकीलुर रहमान, राजकुमार शर्मा, राजकुमार राजन, कुंदन गुप्ता, कंचना कुमारी और रवि गोल्डेन शामिल हैं. समिति का कहना है कि इन नेताओं ने लगातार पार्टी मंच के बाहर बयान दिए, टिकट बंटवारे को लेकर भ्रामक आरोप लगाए और प्रिंट और सोशल मीडिया पर कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचाया. स्पष्टीकरण भी समिति को संतोषजनक नहीं मिला. वहीं, जानकार कहते हैं कि कांग्रेस का यह कदम कठोर है और बिहार कांग्रेस के भीतर इसे लेकर असंतोष और तेज हो गया है.

बागी गुट हुआ सक्रिय, ‘दिल्ली मार्च’ ने बढ़ाई बेचैनी

निष्कासन के कुछ ही घंटों बाद बागी नेताओं का एक बड़ा समूह दिल्ली रवाना हो गया. इसमें एक दर्जन से अधिक नेता बताए जा रहे हैं, जिनमें कई पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री भी शामिल हैं. ये नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात कर बिहार कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ शिकायत करने वाले हैं. बताया जा रहा है कि बागी नेता प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की औपचारिक मांग करेंगे. इस कदम ने प्रदेश नेतृत्व की चिंता और बढ़ा दी है.

बिहार कांग्रेस में सात नेताओं के निष्कासन के बाद संगठनात्मक संकट गहरा गया है, बागी गुट दिल्ली जाकर मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी समेत शीर्ष नेतृत्व से प्रदेश के आला नेताओं की शिकायत करने वाला है.

क्या कांग्रेस में ‘नए विद्रोह’ की भूमिका बन रही है?

बता दें कि कांग्रेस में अनुशासनात्मक कार्रवाई कोई नई बात नहीं, लेकिन इस बार हालात अलग इसलिए माने जा रहे हैं क्योंकि- बागी गुट पहले से ही लंबे समय से टिकट बंटवारे और संगठनात्मक फैसलों से असंतुष्ट था. एआईसीसी सदस्य और कुछ वरिष्ठ चेहरे भी इस असंतोष के साथ खड़े दिख रहे हैं. निष्कासित नेताओं में भले कोई बड़ा ‘चुनावी चेहरा’ न हो, लेकिन वे विभिन्न इकाइयों के पूर्व पदाधिकारी रहे हैं, जिनका अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभाव माना जाता है. राजनीति के जानकारों का कहना है कि यदि दिल्ली में बागियों को थोड़ी भी तरजीह और सुनवाई मिली तो यह विवाद और गहरा सकता है.

बिहार कांग्रेस के भीतर शक्ति-संतुलन की लड़ाई?

सूत्र बताते हैं कि पिछले कुछ महीनों में प्रदेश कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति दो बड़े धड़ों में बंट गई थी. बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के समय यह टकराव खुलकर सामने आया और अब निष्कासन ने इसे और तेज कर दिया है. कई पूर्व विधायकों ने खुलकर कहा है कि संगठन बिखर रहा है और शीर्ष नेतृत्व को स्थिति को संभालना चाहिए. दूसरी ओर, प्रदेश कांग्रेस का दावा है कि यह कार्रवाई संगठन को मजबूत करने और अनुशासन कायम रखने के लिए आवश्यक थी.

बिहार कांग्रेस के लिए अगले कुछ दिन बेहद अहम

बागी गुट की दिल्ली यात्रा, शीर्ष नेतृत्व से संभावित मुलाकात और प्रदेश स्तर पर बढ़ती नाराज़गी ये सभी संकेत बताते हैं कि बिहार कांग्रेस आने वाले दिनों में बड़े राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर सकती है. ऐसे में सवाल यह कि क्या पार्टी नेतृत्व सख्ती पर कायम रहेगा या बागियों को मनाने की कोशिश होगी? या फिर यह विवाद वाकई एक बड़े तूफान में बदल जाएगा? इन सवालों के जवाब आने वाली बैठकों और दिल्ली में होने वाली बातचीत से मिलेंगे, लेकिन इतना तय है कि बिहार कांग्रेस में ‘घमासान’ सिर्फ शुरू हुआ है-अंजाम अभी बाकी है.

Vijay jha

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें

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First Published :

November 25, 2025, 08:34 IST

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