अहमदाबाद. भारत के लोग भी आने वाले कुछ साल में चीन और जापान की तरह बुलेट ट्रेन की सवारी का लुत्फ उठा सकेंगे. नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन (NHSRCL) ने बुलेट ट्रेन कॉरिडोर को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है. मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के बीच 20 नदियों पर पुल बनना है. लेटेस्ट अपडेट यह है कि इनमें से 12 ब्रिज के निर्माण का काम पूरा हो चुका है. अब सिर्फ आठ ब्रिज का कंस्ट्रक्शन बाकी है. इसके साथ ही 21 किलोमीटर लंबी टनल का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है. इनमें से 7 किलोमीटर सुरंग का निर्माण समंदर के अंदर होना है. मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर 508 किलोमीटर लंबा है.
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के बीच 20 नदियों पर पुल बनाना है. इनमें से 12 का काम पूरा हो चुका है. 12वां ब्रिज नवसारी जिले में खरेरा नदी पर बनाया गया है. यह पुल 120 मीटर लंबा है, जिसके कंस्ट्रक्शन का काम हाल में ही पूरा किया गया है. बता दें कि बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का 352 किलोमीटर हिस्सा गुजरात में और 156 किलोमीटर महाराष्ट्र में पड़ता है. NHSRCL की कोशिश है कि आने वाले कुछ महीनों में गुजरात के कुछ हिस्सों में बुलेट ट्रेन का ऑपरेश्न शुरू कर दिया जाए. इसे देखते हुए निर्माण कार्य जोरों से चल रहा है.
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के 12 स्टेशन
मुंबई ठाणे विरार बोइसर वापी बिलीमोरा सूरत भरूच वडोदरा नाडियाड/आणंद अहमदाबाद साबरमती
8 घंटे का सफर 3 घंटे में होगा पूरा
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद पश्चिम भारत के दो बड़े कमर्शियल सिटी का मौजूदा 6 से 8 घंटे का सफर महज 3 घंटे में पूरा किया जा सकेगा. इससे एक तरफ जहां लोगों को अहमदाबाद से मुंबई जाने में आसानी होगी तो दूसरी तरफ कमर्शियल एक्टिविटी में भी इजाफा होगा. NHSRCL ने बताया कि नवसारी जिले के अंतर्गत आने वली खरेरा नदी पर ब्रिज कंस्ट्रक्शन का काम 29 अक्टूबर को पूरा कर लिया गया था. इस तरह वापी से सूरत बुलेट ट्रेन स्टेशन (दक्षिण गुजरात) के बीच नदियों पर बनने वाले सभी 9 ब्रिज बनकर तैयार हो चुके हैं. बता दें कि खरेरा अंबिका नदी की सहायक है.
इन नदियों पर बन चुके हैं पुल
पार पुर्णा मिंधोला अंबिका औरंगा कोलक कावेरी वेनगनिया खरेरा धाधर मोहर वत्रक
गुजरात में जमीन अधिग्रहण का काम पूरा
NHSRCL ने बताया कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के गुजरात वाले हिस्से के लिए जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है. 21 अक्टूबर 2024 तक सभी 1389.5 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया था. साथ ही NHSRCL ने बताया कि सभी 12 स्टेशनों के निर्माण का काम भी तेजी से चल रहा है. 21 किलोमीटर लंबी सुरंग के निर्माण का काम भी शुरू कर दिया गया है. बता दें कि समंदर के अंदर 7 किलोमीटर लंबी टनल बननी है. इसके लिए विशेष कटर मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED :
November 3, 2024, 16:28 IST