बेच रहा था 200 करोड़ के ड्रग्स, संघ मुख्यालय पर सर्विलांस के चलते पकड़ाया

3 hours ago

Last Updated:December 15, 2025, 22:16 IST

बेच रहा था 200 करोड़ के ड्रग्स, संघ मुख्यालय पर सर्विलांस के चलते पकड़ाया

आदित्य राय

महाराष्ट्र के वर्धा में डीआरआई द्वारा पकड़ी गई 200 करोड़ के ड्रग्स का क्या है खेल? क्या दिल्ली आतंकी हमले के चलते पकड़ा गया आरोपी? कैसे एक मोबाइल कि गुमटी चलानेवाला बना 200 करोड़ का व्यापारी? कैसे बनती है 1 करोड़ों की ड्रग्स 20 हजार में? पहली बार आरोपी की तस्वीर? देखें हमारी इस एक्सक्लूसिव खबर में.

नागपुर से 80 किमी दूर वर्धा के जंगल में कारखाना, कारखाने में 200 करोड़ की ड्रग्स बनाई, डार्क वेब पर बेचने के लिए ढूंढ रहा था ग्राहक, नागपुर में आतंकी हमले का था अलर्ट, सर्विलांस पर था डार्क वेब से जुड़े ऐप, एक मोबाइल कि गुमटी चलाता था आरोपी, 15 से 20 हजार में बनती है 1 करोड़ की मैफेड्रॉन ड्रग्स, 4 घंटे में बना सकते है करोड़ों का माल, सामान्य केमिकल से बनती है ड्रग्स, केमिकल का सामान्य जानकार भी बना सकता है.

महाराष्ट्र के वर्धा में डीआरआई द्वारा पकड़ी गई 192 करोड़ की मैफेड्रॉन ड्रग्स को आरोपी वैभव अग्रवाल डार्क वेब पर एक ऐप के जरिए बेचने की कोशिश कर रहा था. इसी दौरान आतंकी हमलों के चलते डार्क वेब का सर्विलांस कर रही एजेंसियों को इसका पता चला. जिसके बाद डीआरआई ने आरोपी वैभव अग्रवाल और उसके कारखाने से 192 किलो ड्रग्स को जब्त किया.

10 नवंबर को दिल्ली हमले के बाद नागपुर के संघ मुख्यालय पर आतंकी हमले के साजिश के टेरर इनपुट 18 नवंबर को NIA और अन्य इंटेलिजेंस एजेंसी को मिले थे. जिसमें डार्क वेब और उससे जुड़े हुए ऐप्स के माध्यम से हथियार और गोला बारूद पहुंचाने की योजना थी. इनपुट मिलने के बाद डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) की टीम सक्रिय हुई जो नागपुर में हथियारों और विस्फोटक की स्मगलिंग से जुड़ी हुई जानकारियों को ट्रैक कर रही थी.

इसी दौरान डार्क वेब से जुड़े एक ऐप पर वैभव अग्रवाल ने 100 किलो मैफेड्रॉन ड्रग्स बेचने की डील डाली, जिसकी कीमत सैकड़ों करोड़ों की थी. जिसके बाद DRI ने वैभव अग्रवाल को ट्रैक किया उसकी पूरी गतिविधि पर नजर रखी और उसे पकड़कर उसके वर्धा स्थित कारखाने पर रेड की जिसमें DRI ने 192 करोड़ की मैफेड्रॉन ड्रग्स जब्त की.

वैभव ने सैकड़ों करोड़ की ड्रग्स बनाने के लिए इस कारखाने को वर्धा के कारंजा लाड़ से 5-6 किमी दूर जंगल से लगी हुई एक वीरान सोसायटी में बनाया था. 4 महीने पहले उसने जंगल से लगकर 1 प्लॉट खरीदा. 3600 स्क्वेयर फिट में वीराने में बने हुए कारखाने में 8 से 10 फिट की ऊंची बाउंड्रीवॉल बनाई गई थी जिस पर हरी नेट लगी थी ताकि कोई भी व्यक्ति अंदर क्या चल रहा है… देख न पाएं… जहां 10 बाय 10 का एक चैंबर बना है जिसमें ड्रग्स बनाई जाती थी. इसके ऊपर वाईफाई का एक एंटीना लगा है और सीसीटीवी कैमरा भी लगा है.

मैफेड्रॉन एक सिंथेटिक केमिकल ड्रग्स है जिसे बनाना आसान है. बस आपके पास केमिकल की लिस्ट और सही फॉर्मूला होना चाहिए. छत्तीसगढ़ के फोरेंसिक डिपार्टमेंट के फॉरेंसिक वैज्ञानिक डॉ संतोष वर्मा का कहना है कि 4 घंटे की प्रोसेस से मैफेड्रॉन ड्रग्स बनाई जा सकती है. इसमें 38 एमएलए Methyl Propiophenone, 1 एमएल HBr Hydrogen Bromide,14 एमएल Bromine,125 एमएल Glacial Acitic Acid, पानी 300 एमएल Di chloro Ethane, MgSO4 को प्रोसेस करके आप 60 ग्राम मैफेड्रॉन ड्रग्स बना सकते हैं. इन केमिकल की कीमत, इतनी मात्रा खुदरा बाजार में 1000 से 1200 रुपए है, जिससे लगभग इंटरनेशनल मार्केट के हिसाब से 1 लाख 80 हजार रुपए की ड्रग्स बन जाती है यानी कि 12 हजार रुपए में 2 करोड़ की ड्रग्स बनाई जा सकती है.

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Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

Location :

Nagpur,Maharashtra

First Published :

December 15, 2025, 22:16 IST

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