Last Updated:June 11, 2025, 09:25 IST
Unclaimed Amount in Bank : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों में लावारिस पड़े 78 हजार करोड़ से ज्यादा की रकम को उसके सही मालिकों तक पहुंचाने का निर्देश दिया है. वित्तमंत्री हर जिले में शिविर लगाकर सही दा...और पढ़ें

वित्तमंत्री ने शिविर लगाकर बैंकों में लावारिस पड़ी राशि को बांटने का निर्देश दिया है.
हाइलाइट्स
बैंकों में 78213 करोड़ रुपये लावारिस पड़े हैं.हर जिले में शिविर लगाकर सही दावेदारों को खोजा जाएगा.वित्तमंत्री ने केवाईसी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने का निर्देश दिया.नई दिल्ली. बैंकों में हजारों करोड़ रुपये लावारिस ही पड़े हैं, जिन पर दावा करने वाला कोई नहीं है. अब वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने रेगुलेटर्स और बैंकिंग विभागों को सही मालिकों को तलाशने का निर्देश दिया है. वित्तमंत्री ने कहा है कि अभी तक दावा न किए गए जमाओं को सही मालिकों को वापस करने और केवाईसी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के हितों को ध्यान में रखा जाना चाहिए और सही दावेदारों तक पहुंच बनाने के लिए उचित कदम उठाना चाहिए.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वित्त मंत्री ने परिषद से सक्रिय कदम उठाने का आह्वान किया ताकि नागरिकों को वित्तीय क्षेत्र में केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) से संबंधित प्रक्रियाओं के संबंध में सहज अनुभव मिल सके. इस दौरान भारतीय प्रतिभूति बाजार में भारतीय मूल के लोगों समेत अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिए डिजिटल रूप से जोड़े जाने सहित केवाईसी प्रक्रिया के सामान्य मानदंडों, सरलीकरण और डिजिटलीकरण की जरूरत पर जोर दिया गया.
हर जिले में लगेगा शिविर
सीतारमण ने नियामकों और विभागों से जिला स्तर पर विशेष शिविर लगाकर दावा न किए गए धन को उसके सही मालिकों को लौटाने की प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया है. यह अभियान आरबीआई, सेबी, एमसीए, पीएफआरडीए और आईआरडीए के साथ-साथ बैंकों, पेंशन एजेंसियों, बीमा कंपनियों के साथ तालमेल में चलाया जाना है. दावा न किए गए धन में बैंकों में जमा राशि के साथ ही दावा न किए गए शेयर एवं लाभांश और दावा न किए गए बीमा एवं पेंशन कोष भी शामिल हैं.
कितना पैसा पड़ा है बैंकों में
आरबीआई की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2024 के अंत तक बैंकों में दावा न की गई जमा राशि 26 फीसदी बढ़कर 78,213 करोड़ रुपये हो गई थी. एफएसडीसी ने वृहद वित्तीय स्थिरता से संबंधित मुद्दों और उनसे निपटने के लिए भारत की तैयारियों पर चर्चा की. परिषद ने घरेलू और वैश्विक वृहद वित्तीय स्थिति से उभरते रुझानों पर विचार-विमर्श किया और सतर्क रहने की जरूरत पर बल दिया. एफएसडीसी ने पिछले निर्णयों और बजट घोषणाओं को लागू करने के लिए रणनीति तैयार करने से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की.
कई विभागों के अधिकारियों ने की चर्चा
वित्तमंत्री के साथ बैठक में गवर्नर संजय मल्होत्रा के अलावा बाजार नियामक सेबी के प्रमुख तुहिन कांत पांडेय, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के अध्यक्ष के. राजारमण और भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) व अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रतिनिधि भी मौजूद रहे. एफएसडीसी की बैठक में वित्तराज्य मंत्री पंकज चौधरी, वित्त सचिव अजय सेठ, आर्थिक मामलों के विभाग की मनोनीत सचिव अनुराधा ठाकुर, वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू, कॉरपोरेट मामलों की सचिव दीप्ति गौर मुखर्जी, राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव और वित्त मंत्रालय के अन्य शीर्ष अधिकारी भी बैठक में शामिल रहे.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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New Delhi,Delhi