ब्रेस्ट दबोचने की कोशिश 'रेप' नहीं, उसे 'यौन उत्पीड़न' माना जाएगा: कलकत्ता HC

8 hours ago

Last Updated:April 26, 2025, 17:09 IST

Calcutta High Court News: कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि नाबालिग लड़की के ब्रेस्ट दबोचने की कोशिश POCSO एक्ट के तहत रेप की कोशिश नहीं है, बल्कि 'गंभीर यौन उत्पीड़न' है. दोषी की सजा 12 साल से घटकर 5-7 साल हो सकती ह...और पढ़ें

 कलकत्ता HC

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि नशे में नाबालिग लड़की के ब्रेस्ट छूने की कोशिश करना रेप नहीं. (फाइल फोटो PTI)

हाइलाइट्स

कलकत्ता हाई कोर्ट ने ब्रेस्ट दबोचने को 'गंभीर यौन उत्पीड़न' माना.दोषी की सजा 12 साल से घटकर 5-7 साल हो सकती है.इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी ऐसा ही फैसला दिया था.

Calcutta High Court News: कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक हैरान कर देने वाली टिप्पणी की है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि नशे में नाबालिग लड़की के ब्रेस्ट दबोचने की कोशिश करना प्रिवेंशन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंस (POCSO) एक्ट के तहत रेप की कोशिश नहीं है. कोर्ट ने कहा कि पीड़िता के स्तनों को छूने की कोशिश केवल ‘गंभीर यौन उत्पीड़न’ का आरोप साबित कर सकती है.

निचली अदालत ने आरोपी को ‘गंभीर यौन उत्पीड़न’ और ‘बलात्कार की कोशिश’ दोनों का दोषी पाया था और उसे 12 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी. अपील की सुनवाई करते हुए, न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी और न्यायमूर्ति बिस्वरूप चौधरी की खंडपीठ ने यह भी देखा कि मामले में पीड़िता की चिकित्सा जांच में किसी भी प्रकार की पैठ या पैठ की कोशिश का संकेत नहीं मिला.

पढ़ें- हथियार के साथ डर भी… भारत के गुस्से से पाकिस्तानी सेना में बौखलाहट, पुंछ के पास LoC पर पठानी सूट में दिखे

बेंच ने क्या दी दलील?
पीड़िता के बयान के अनुसार, आरोपी ने शराब के नशे में उसके स्तनों को छूने की कोशिश की थी. बेंच ने कहा “ऐसे सबूत पॉक्सो अधिनियम, 2012 की धारा 10 के तहत गंभीर यौन उत्पीड़न के आरोप का समर्थन कर सकते हैं. लेकिन प्रथम दृष्टया बलात्कार की कोशिश के अपराध का संकेत नहीं देते.” बेंच ने यह भी कहा कि अगर अंतिम सुनवाई के बाद आरोप को ‘गंभीर यौन उत्पीड़न’ तक सीमित कर दिया जाता है, तो दोषी की सजा की अवधि 12 साल से घटकर पांच से सात साल हो जाएगी, जो ‘बलात्कार की कोशिश’ के मामले में लागू होती है. इस मामले में, दोषी पहले ही 28 महीने जेल में बिता चुका है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट भी दे चुका है ऐसा ही फैसला
यह फैसला तब आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के इसी तरह के एक फैसले पर रोक लगाते हुए कड़ी टिप्पणी कर चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च को अपनी टिप्पणी में कहा था कि यह बहुत गंभीर मामला है. फैसला लिखने वाले में संवेदनशीलता की पूरी तरह कमी थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा ने 19 मार्च को कहा था कि किसी नाबालिग के ब्रेस्ट पकड़ना, उसके पायजामे का नाड़ा तोड़ना या घसीटकर पुलिया के नीचे ले जाने की कोशिश रेप या रेप की कोशिश नहीं है.

Location :

Kolkata,West Bengal

First Published :

April 26, 2025, 17:09 IST

homenation

ब्रेस्ट दबोचने की कोशिश 'रेप' नहीं, उसे 'यौन उत्पीड़न' माना जाएगा: कलकत्ता HC

Read Full Article at Source