भाई साहब तो शौकीन निकले! इस लकी नंबर के लिए खर्च कर दिए लाखों रुपये

15 hours ago

जामनगर: शौक बड़ी चीज होती है और बहुत से लोगों के अलग-अलग शौक होते हैं. एक ऐसा शौक है वाहन नंबरों का शौक. लोगों का वाहनों के पसंदीदा नंबरों को प्राप्त करने के लिए एक अलग ही क्रेज़ होता है. फिर कई लोग इन्हें प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार होते हैं. इस अजीब शौक को ध्यान में रखते हुए, कई VIP नंबर सार्वजनिक नीलामियों में बेचे जाते हैं और लोग अपने पसंदीदा नंबरों के लिए सबसे ज्यादा बोली लगाते हैं.

ऑनलाइन नीलामी और आरटीओ विभाग की आय
बता दें कि सरकार भी पसंदीदा नंबरों की ऑनलाइन नीलामी करती है, जो अब आरटीओ विभाग (RTO Department) के लिए आय का एक नया स्रोत बन गया है. यह आय सरकारी खजाने में जमा होती है. फिर लोग अपने पसंदीदा नंबरों को प्राप्त करने के लिए कई गुना अधिक पैसे खर्च करने के लिए तैयार होते हैं. पिछले एक साल में, जामनगर आरटीओ विभाग ने सिर्फ पसंदीदा नंबरों के लिए तीन करोड़ रुपये से अधिक की आय अर्जित की है.

नीलामी में भारी बोली और आरटीओ का बढ़ता राजस्व
लोकल 18 से बात करते हुए प्रो. पीयूष कुमावत ने कहा कि जनवरी से दिसंबर तक, कुल 8022 वाहनों ने जामनगर आरटीओ की सार्वजनिक नीलामी में हिस्सा लिया. आरटीओ उन लोगों के लिए ऑनलाइन नीलामी आयोजित करता है, जो अपने पसंदीदा नंबर को प्राप्त करना चाहते हैं. इसमें इच्छुक वाहन मालिकों को अपने पसंदीदा नंबर पर बोली लगानी होती है. इस वर्ष के दौरान कुल चार नई सीरीज जारी की गई थीं. जिनमें से जामनगर आरटीओ ने कुल 3.61 करोड़ रुपये की आय अर्जित की. नीलामी में सबसे ज्यादा आय चार पहिया वाहनों से प्राप्त हुई.

न कोई सीमेंट, न कोई बजरी! फिर भी यह घर है पूरी तरह से ठंडा और गर्म..

नीलामी में सबसे बड़ी बोली और दोपहिया वाहनों के नंबर
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, GJ10EC सीरीज के नंबर 0777 के लिए 3.71 लाख रुपये की सबसे बड़ी बोली लगी थी और नंबर 0007 के लिए 1.83 लाख रुपये की बोली लगी थी. दोपहिया वाहनों के लिए ऑनलाइन नीलामी में नंबर GJ 10 ED 0007 के लिए 77 हजार रुपये की सबसे बड़ी बोली लगी थी.

जामनगर में आरटीओ की बढ़ती आय और अन्य शहरों की तुलना
जामनगर आरटीओ ने राजस्व में कई गुना वृद्धि देखी है, जो शहर के लिए एक वरदान साबित हुआ है. जबकि जामनगर जैसे छोटे जिले में आरटीओ ने प्रति वर्ष 3 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है, वहीं जामनगर के अलावा बड़े शहरों में यह आंकड़ा और भी ज्यादा हो सकता है. कुछ शहरों में तो यह भी रिपोर्ट किया गया है कि लाइसेंस प्लेटों की कीमत कार से भी अधिक हो सकती है.

Tags: Local18, Special Project

FIRST PUBLISHED :

December 26, 2024, 13:25 IST

Read Full Article at Source